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आतंकवाद पर निबंध लिखें? आतंकवाद किसे कहते हैं?

आतंकवाद पर निबंध: यूँ तो पाकिस्तान करीब बीस वर्ष से भारत के खिलाफ आतंकवादी गतिविधियाँ चलाता आ रहा है, मगर अब ये हरकतें न सिर्फ बढ़ी हैं, बल्कि उनमें तेजी भी आ गई है। दुनिया का ध्यान आकृष्ट करने के लिए सनसनीखेज कार्यों से आतंकवाद पनपता है। भारतीय विमान के अपहरण से हम आतंकवाद को प्रत्यक्ष देख सकते हैं।

आतंकवाद पर निबंध

आतंकवाद पर निबंध

Aatankwad Par Nibandh

युद्ध के विपरीत, आतंकवाद असैनिकों, महिलाओं और बच्चों को निशाना बनाता है। कारगिल में हार के बाद तो पाकिस्तान भारत को उलझन में डालने पर अड़ा है। यह जहाँ तक सम्भव हो, भारत को चोट पहुँचाना चाहता है।

बहुत ही प्रशिक्षित छापामारों द्वारा मुख्यालय में ही सुरक्षा बलों पर हमले और विमान के अपहरण की घटनाएँ उसी योजना के तहत हैं। इसका मकसद भारतीय जनता के मनोबल को तोड़ना और चोट पहुँचाना है।

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आतंकवाद से तात्पर्य

अंग्रेजी शब्द टैरिरिज्म का हिन्दी अनुवाद है आतंकवाद। अप्रत्यक्ष युद्ध से सम्पूर्ण जनमानस और वर्तमान शासन प्रणाली को अपने उद्देश्य • प्राप्ति के लिए भयजनक वातावरण तैयार करने का सिद्धान्त अपनाना ही आतंकवाद है।

आतंकवाद का विकराल रूप

आज आतंकवाद ने इतना सिर उठा लिया है कि प्रतिदिन समाचार-पत्र, रेडियो, दूरदर्शन के द्वारा कहीं-न-कहीं अवश्य हत्या और विस्फोट का समाचार सुना और देखा करते हैं। इस प्रकार से जो घटनाएँ हो रही हैं वे सब नियोजित ढंग से हो रही हैं।

इसका विकराल रूप विमान अपहरण काण्ड है। 24 दिसम्बर, 1999 को इंडियन एयर लाइन्स के काठमांडू से दिल्ली जा रहे विमान संख्या आई. सी. 814 का अपहरण हो गया। इस विमान में 154 यात्री और चार बच्चों सहित चालक दल के 11 सदस्य थे।

पाँच आतंकवादी नाटकीय ढंग से विमान का अपहरण करके कंधार ले पहुँचे, रास्ते में उन्होंने एक यात्री की चाकू मारकर हत्या भी कर दी और उसका शव भारत सरकार को दे दिया। शेष यात्रियों की रिहाई के लिए उन्होंने भारत सरकार से अपनी शर्तें रखीं।

11 सितम्बर, 2001 को तो पूरा विश्व ही दहल गया जब आतंकवादियों ने अमेरिका के चार विमानों का अपहरण करके उनसे विश्व की विशाल इमारत वर्ल्ड ट्रेड सेंटर तथा पेंटागन को ध्वस्त कर दिया। इस हादसे में अनेक व्यक्ति मारे गये। अमेरिका भी आतंकवाद से त्रस्त हो छटछटा रहा है।

उपसंहार

आतंकवाद एक अन्तर्राष्ट्रीय समस्या बन गया है। काठमाण्डू से दिल्ली एयर लाइंस के विमान का 24 दिसम्बर, 1999 को आतंकवादियों द्वारा किया गया अपहरण दुनिया भर के देशों के लिए एक चुनौती है। उग्रवाद और आतंकवाद का जिस ढंग से विस्तार हो रहा है उसको समय रहते नहीं रोका गया तो यह भारत सहित सभी देशों के लिए विकट समस्या पैदा करने वाला साबित होगा।

ये उग्रवादी जन्मू-कश्मीर के आतंकवादी संगठनों से सम्बन्धित थे और भारत को ‘ब्लेकमेल’ करने की नीयत से ऐसा जघन्य अपराध किया। विमान का अपहरण एक घोर जघन्य अपराध है और दुनिया के देशों को मिलकर ऐसी आपराधिक प्रवृत्ति पर रोक लगाने के प्रयास करने चाहिए लेकिन खेद की स्थिति यह है कि दुनिया के बड़े देश इस समस्या से मुकाबला करने में भी अपने हितों पर अधिक ध्यान देते हैं।

भारत को इस समस्या से निबटने के लिए विश्व के देशों का ध्यान अन्तर्राष्ट्रीय आतंकवाद के केन्द्र पाकिस्तान-तालिबान ओसामा बिन लादेन की ओर आकर्षित करना चाहिए जिससे संयुक्त राष्ट्र और अन्तर्राष्ट्रीय समुदाय इस समस्या का समाधान कर सकें।

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