WHO ने जारी की नई गाइडलाइन: वैक्सीन लेने के 90 दिन बाद हुआ कोरोना तो नहीं माना जाएगा आपका टीकाकरण

WHO ने जारी की नई गाइडलाइन: वैक्सीन लेने के 90 दिन बाद हुआ कोरोना तो नहीं माना जाएगा आप का टीकाकरण, WHO ने एक नई गाइडलाइन जारी करते हुए यह बताया है यदि आपको वैक्सीन की दोनों दोस्त 90 दिन के अंदर लग चुकी हैं और आपको 90 दिन बाद कोरोना वायरस संक्रमित हो जाते हैं तो आपको बिना टीके के माना जाएगा। इसका मतलब यह है कि यदि कोई व्यक्ति जिसने वैक्सीन की दोनों दोस्त ले रखी हैं और 90 दिन बाद किसी को कोरोना मरीज के संपर्क में आने से उसको यदि कोरोना हो जाता है तो उस व्यक्ति को बिना टीके के माना जाएगा।

WHO ने जारी की नई गाइडलाइन: वैक्सीन लेने के 90 दिन बाद हुआ कोरोना तो नहीं माना जाएगा आपका टीकाकरण

WHO ने जारी की नई गाइडलाइन वैक्सीन लेने के 90 दिन बाद हुआ कोरोना तो नहीं माना जाएगा आप का टीकाकरण

डब्ल्यूएचओ ने सरकारों को सतर्कता बरतने की सलाह दी है। ऐसा इसलिए क्योंकि वैक्सीन लेने के बाद काफी लापरवाह रवैया अपनाया जा रहा है जनता बिना मां के के और कोरोना कि कोई भी गाइडलाइन नहीं मानी जा रही इससे आने वाला समय और भी खतरनाक होता जा रहा है क्योंकि कोरोनावायरस लगातार आ रहे नए वेरिएंट में डब्ल्यूएचओ की चिंता बढ़ा रखी है।

बूस्टर डोस की क्यों पड़ रही जरूरत

डब्ल्यूएचओ ने नए दिशानिर्देशों को जारी करते हुए यह बताया कि कोरोनावायरस की वैक्सीन लेने के बाद शरीर में प्रतिरक्षा में गिरावट आ जाती है और कोरोना के नए-नए वेरिएंट सामने आने से बूस्टर डोस की मांग बढ़ती जा रही है डब्ल्यूएचओ के पास बूस्टर डोज लेने वालों का ज्यादा डाटा उपलब्ध नहीं है।

हाल ही में निकलने वनों पर होगा कम खतरा

जिन लोगों ने हाल ही में कोरोनावायरस से बचने के लिए वैक्सीन का टीका लगवाया है डब्ल्यूएचओ के निर्देश के अनुसार उन्हें संक्रमण जोखिम की श्रेणी में कम खतरे वाला माना जाएगा और वहीं दूसरी तरफ जिन लोगों ने पीके की दोनों दोस्त लिए हुए 90 दिन से ज्यादा का समय हो गया है उन्हें अधिक जोखिम की श्रेणी में रखा जाएगा। ऐसा इसलिए टीका लगवाने के बाद ज्यादा समय होने पर उनके शरीर में कोरोनावायरस संक्रमण से लड़ने की प्रतिरोधक क्षमता घट जाती है।

डब्ल्यूएचओ ने सरकारों को दिशा निर्देश देते हुए कहा है कि ऐसे लोगों को संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आने पर यदि कोरोना हो जाता है तो उन व्यक्तियों को बिना टीके के माना जाए और सरकार उन्हें क्वारंटाइन और सभी प्रोटोकोल का पालन करने का निर्देश दें।

क्वॉरेंटाइन का समय 7 दिन का होगा

जिन व्यक्तियों को टीके की दोनों दोस्त लेने के बाद कोरोना वायरस हो जाता है तो ऐसे मरीजों को अपनी कोरोना की नेगेटिव रिपोर्ट दिखानी होगी और उसके 7 दिन तक क्वॉरेंटाइन के नियमों का पालन करना होगा पहले इसकी अवधि 14 दिन की रखी गई थी।

संक्रमण के लक्षण दिखाई ना देने पर ना कराएं जांच

जिन व्यक्ति को कोरोनावायरस हो गया हो और उसके बाद उनके शरीर में किसी भी प्रकार से कोरोनावायरस के संक्रमण के लक्षण नजर नहीं आते हैं और उसने अपनी क्वारंटाइन समय अवधि पूरी की हो तो ऐसे मरीजों को कोरोना की जांच नहीं करानी होगी।

क्वारंटाइन होने के बाद केवल 1% केस में संक्रमण

डब्ल्यूएचओ ने जानकारी देते हुए बताया कि जिन व्यक्तियों ने फौरन टाइम की अवधि पूरी की है ऐसे व्यक्तियों में संक्रमण फैलने का खतरा केवल एक परसेंट पाया गया है और अधिकतम 10 परसेंट मामले क्वारंटाइन के बाद संक्रमण फैलने की पुष्टि हुई है।

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