अग्रिम जमानत कैसे मिलती है: इससे पहले हमें यह जानना होगा की अग्रिम जमानत क्या होती है। अग्रिम जमानत किसी भी व्यक्ति को गिरफ्तार होने की आशंका पर पहले से ही कोर्ट से जमानत के पेपर बनवा लिए जाते हैं जिसको हम अग्रिम जमानत कहते हैं। पुलिस इस व्यक्ति को हिरासत में नहीं ले सकती। दूसरे शब्दों में कहें तो किसी व्यक्ति को यह आभास हो जाए कि उसको गैर जमाना थी अपराध के लिए गिरफ्तार किया जा सकता है यह फिर उसको आशंका है तो वह पहले से ही अदालत से अग्रिम जमानत ले सकता है।
अग्रिम जमानत कैसे मिलती है (Agrim Jamanat Kaise Milati Hai)

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Agrim Jamanat Kaise Milati Hai
26 जनवरी 1950 में हमारा संविधान बना संविधान बनते ही भारत में रहने वाले सभी मनुष्यों के लिए नियम कानून बनाए गए हैं देश में रहने वाले प्रत्येक व्यक्तियों को इस कानून का पालन करना यदि कोई व्यक्ति इस कानून का उल्लंघन करता है या फिर अपराध करता है तब उसको अपराध करने के लिए दंड दिया जाएगा।
यदि आपसे कोई अपराध हो जाए या फिर आपको कोई किसी केस में रंजिश आने के लिए आपको फसाना चाहता है तब आप संविधान में बनाए गए इस अग्रिम जमानत नियम का प्रयोग कर उसकी मनसा पर पानी आसानी से फिर सकते हैं।
भारत के संविधान की दंड संहिता की धारा 438 के अनुसार अग्रिम जमानत दीया जाने का प्रावधान है अग्रिम जमानत केवल उन व्यक्तियों को दिया जाता है जिन व्यक्तियों पर पूर्ण रूप से अपराध में शामिल ना हुए हो। और उन्हें किसी रंजिश के तहत फसाए जाने की आशंका हो वह व्यक्ति इस आशंका पर पहले से ही कोर्ट से जमानत ले सकता है कोर्ट के जरिए जमानत शुल्क ₹10000 तक लिया जा सकता है।
यदि किसी व्यक्ति को यह आशंका हो कि किसी आपराधिक मामले में उसकी गिरफ्तारी हो सकती है इस परिस्थिति में वह गिरफ्तारी से पहले अग्रिम जमानत का आवेदन कोर्ट को दे सकता है और कोर्ट के जरिए वह व्यक्ति जमानत लेने में सफल हो जाता है तो उस व्यक्ति को गिरफ्तार नहीं किया जा सकता।
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