एड्स का क्या कारण है: एक्वायर्ड इम्यूनोडेफिशिएन्सी सिन्ड्रोम, इसे स्लिम रोग (Slim diseases) के नाम से भी जाना जाता है। यह एक प्रकार के विषाणु (Virus) रेट्रोवायरस (Retrovirus) जिसे एच आइ वी (HIV) या हयूमन इम्यूनो डेफिशिएन्सी वायरस कहते हैं के द्वारा होता है।
वर्तमान समय में एड्स एक सर्वाधिक या सर्वव्यापी व्याधि (Pandemic) के रूप में फैल रहा है यह एक रक्तजनित (Blood borne) विषाणु संक्रमण है।
एड्स का क्या कारण है

इपिडेमियोलोजिकल घटक (Epidemiological Factors)
- कारक – हयूमन इम्यूनो डेफिशिएन्सी वायरस
- साधन – एच.आई.वी. ग्रसित व्यक्ति तथा वाहक
- संक्रमित सामग्री (सपेषण का माध्यम)
एड्स के लक्षण
वृहद चिन्ह (Major Signs) | लघु चिन्ह (Minor Signs) |
---|---|
1. कम वजन | 1. लगातार खाँसी |
2. दीर्घकालीन अतिसार, 1 माह से भी अधिक | 2. मुखग्रसनी का मुखपाक |
3. लंबे समय तक बुखार | 3. कवकजन्य (Fungal) संक्रमण |
4. त्वचा का ट्यूमर (Kaposi sarcoma) | 4. सर्वव्याप्त लिम्फएडीनोपैथी |
शरीर को प्रभावित करने वाले घटक Factors Affecting Transmission
1.वायरल घटक (Viral factor)
उच्च मातृक वायरल लोड> 50,000 RNA कॉपीज/ मि.ली. प्रसूति के समय
2. मातृक घटक (Maternal factors)
न्यून C D4 C D8 मात्रा
- एडवांस्ड् चिकित्सकीय बीमारी
- तात्कालिक संक्रमण
- पोषण स्थिति या विटामिन ए न्यूनता
- व्यवहार घटक
- प्लेसेटल बेरियर इंटीग्रिटी
3. प्रसूति संबंधी घटक (Obstetric factors)
- प्रसूति का नमूना कुछ अध्ययनों में सीजेरियन सेक्शन को सुरक्षित देखा गया है
- झिल्ली का दूर तक फटना
- इट्रापारटम (Intrapartum) रक्तस्राव
- इट्रापारटम (Intrapartum) रक्तस्राव
4. भ्रूण संबंधी घटक (Foetal factors)
- अपरिपक्वता
- एकाधिक गर्भधारण- प्रथम जन्म लेने वाले जुड़वाँ बच्चे उच्च जोखिम में होते हैं
- सह संक्रमण
एच आई वी कैसे फैलता है (HIV Transmission)
संप्रेषण माध्यम | % प्रभावशीलता | विश्व में | भारत में |
---|---|---|---|
रक्ताधान | 90-95 | 5 | 7 |
जन्म के दौरान | 20-40 | 10 | 10 |
यौन संबंध | 0.1-1 | 75 | 80 |
नशा करने वाले इंजेक्शन | 0.5-1.0 | 10 | 7.3 |
इन माध्यमों से एच.आई.वी. नहीं होता है (HIV is not transmitted by )
हाथ मिलाने, गले लगने, शुष्क चुम्बन, छींक, मच्छर के काटने, टॉयलेट उपयोग करने, कई व्यक्तियों द्वारा एक टेलीफोन प्रयोग करने, खेलने, एक साथ यात्रा करने, कप के प्रयोग, एक कमरे में रहने, सुरक्षित तरीके से रक्तदान करने से एच.आई.वी. का संक्रमण नहीं होता।
एच आई वी (HIV Virus) बढ़त के चरण (Stages of Progression)
यह चार चरणों में बढ़ता है-
- प्राथमिक संक्रमण
- आरंभिक प्रतिरोधक न्यूनता (CD, कोशा संख्या> 500/ml)
- मध्यम प्रतिरोधक न्यूनता (CD4, कोशा संख्या 200-500/ml)
- अत्यधिक प्रतिरोधक न्यूनता (CD4, कोशा संख्या <200/ml
एड्स | चरण 4 |
कम वजन अतिसार ज्वर, मुखपाक | चरण 3 |
वजन कम होना, थकान क्षुधानाश, बार-बार मूत्रमार्गीय संक्रमण | चरण 2 |
निरंतर ग्लेंडुलर लिंफएडीनोपैथी | चरण 1 |
एच.आई.वी. (HIV) रोकथाम की अवस्थाएँ (Phases of Prevention)
- HIV अवस्था 1 जानकारी
- अवस्था 2 निरोधी उपचार
- अवस्था 3 गर्भावस्था तथा जन्म के पश्चात पोषण के दौरान उपचार
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अस्वीकरण – यहां पर दी गई जानकारी एक सामान्य जानकारी है। यहां पर दी गई जानकारी से चिकित्सा कि राय बिल्कुल नहीं दी जाती। यदि आपको कोई भी बीमारी या समस्या है तो आपको डॉक्टर या विशेषज्ञ से परामर्श लेना चाहिए। Candefine.com के द्वारा दी गई जानकारी किसी भी जिम्मेदारी का दावा नहीं करता है।