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अकबर का इतिहास, अकबर का शासन काल इन हिंदी

अकबर का इतिहास:- सम्राट् अकबर का जन्म 15 अक्टूबर, 1542 ई. को हमीदा बानू बेगम के गर्भ से अमरकोट के राणा वीर साल के महल में में हुआ। अकबर (Akbar Ka Itihaas) के बचपन का नाम जलाल था । उसका राज्याभिषेक 14 हुआ। फरवरी, 1556 ई. को पंजाब के कलानौर नामक स्थान पर हुआ। अकबर का जीवन परिचय।

अकबर का इतिहास (Akbar Ka Itihaas)

अकबर का इतिहास

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अकबर के समकालीन शासक

रानी एलिजाबेथ1558-1603इंग्लैंड
शाह अब्बास1588-1629ईरान
जार ईवान IV बेसिलयेविच1530-1584रूस
अकबर का इतिहास

अकबर का शासन काल इन हिंदी

  • अकबर का शिक्षक अब्दुल लतीफ ईरानी विद्वान था।
  • वह जलालुद्दीन मुहम्मद अकबर बादशाही गाजी की उपाधि से राजसिंहासन पर बैठा।
  • बैरम खाँ (शिया मतावलम्बी) 1556 से 1560 ई. तक अकबर का संरक्षक रहा। वह बदख्शाँ का निवासी था। उसे प्यार से खानी बाबा’ कहा जाता था।
  • पानीपत की दूसरी लड़ाई 5 नवम्बर, 1556 ई. को अकबर और हेमू के बीच हुई थी। इस युद्ध में अकबर की विजय हुई थी।
  • 31 जनवरी, 1561 को मक्का की तीर्थ-यात्रा के दौरान पाटन नामक स्थान पर मुबारक खाँ नामक युवक ने बैरम खाँ की हत्या कर दी।
  • मई, 1562 में अकबर ने हरम दल से अपने को पूर्णतः मुक्त कर लिया।
  • हल्दीघाटी का युद्ध 18 जून, 1576 ई. को मेवाड़ के शासक महाराणा प्रताप एवं अकबर के बीच हुआ। इस युद्ध में अकबर विजयी हुआ। इस युद्ध में मुगल सेना का नेतृत्व मान सिंह एवं आसफ खाँ ने किया था। अकबर का सेनापति मान सिंह था।
  • हल्दीघाटी युद्ध के समय कुम्भलगढ़ राणा प्रताप का राजधानी थी। राणा की ओर से इस युद्ध में हाकिम खाँ सूर के नेतृत्व में एक अफ़गान फौजी टुकड़ी एवं भीलों की एक छोटी-सी सेना ने भाग लिया था।
  • महाराणा प्रताप की मृत्यु 19 जनवरी, 1597 ई. में एक सख्त धनुष की प्रत्यंचा चढ़ाते समय अन्दरुनी चोट लग जाने के कारण हो गयी। हल्दीघाटी के युद्ध के बाद राणा प्रताप ने डुंगरपुर के निकट चॉवड़ में नई राजधानी बनाई। महाराणा प्रताप के घोड़े का नाम चेतक एवं हाथी का नाम राम प्रसाद था।
  • दीन-ए-इलाही धर्म का प्रधान पुरोहित अकबर था।
  • दीन-ए-इलाही धर्म स्वीकार करने वाला प्रथम एवं अन्तिम हिन्दू शासक राजा बीरबल था। महेशदास नामक ब्राह्मण को राजा बीरबल की पदवी दी गयी थी जो हमेशा अकबर के साथ रहता था ।
  • अकबर ने जैनधर्म के जैनाचार्य हरिविजय सूरी को जगतगुरु की उपाधि प्रदान की थी।
  • अकबर ने शाही दरबार में एक अनुष्ठान के रूप में सूर्योपासना शुरू करवाई।
  • राजस्व प्राप्ति की जब्ती प्रणाली अकबर के शासनकाल में प्रचलित थी।
  • अकबर के दीवान राजा टोडरमल (खत्री जाति) ने 1580 ई. में दहसाल बन्दोबस्त व्यवस्था लागू की।
  • अकबर के दरबार के प्रसिद्ध चित्रकार अब्दुर समद था।
  • अकबर के दरबार का प्रसिद्ध संगीतकार तानसेन था।
  • गुजरात विजय के दौरान अकबर सर्वप्रथम पुर्तगालियों से मिला और यहीं उसने सर्वप्रथम समुद्र को देखा ।

नोट: गुजरात अभियान को इतिहासकार स्मिथ ने संसार के इतिहास का सर्वाधिक द्रुतगामी आक्रमण कहा है।

अकबर द्वारा जीते गए प्रदेश

प्रदेशशासकवर्षमुगल सेनापति
मालवाबाज बहादुर1561आधम खाँ, पीर मुहम्मद
चुनारअफगानों का शासन1562अब्दुल्ला खाँ
आमेरभारमल1562स्वेच्छा से अधीनता स्वीकारी
मिड़ताजयमल1562सरफुद्दीन
गोंडवानावीरनारायण एवं दुर्गावती1564आसफ खाँ
मेवाड़उदय सिंह एवं,
राणा प्रताप
1568
1576
स्वयं अकबर
मान सिंह एवं आसफ खाँ
रणथम्भौरसुरजनहाड़ा1569भगवान दास एवं अकबर
कालिंजररामचन्द्र1569मजनू खाँ काकशाह
मारबाड़राव चन्द्रसेन1570स्वेच्छा से अधीनता स्वीकारी
जैसलमेररावल हरिराय1570स्वेच्छा से अधीनता स्वीकारी
बीकानेरकल्याणमल1570स्वेच्छा से अधीनता स्वीकारी
गुजरातमुजफ्फर खाँ-III1571सम्राट् अकबर
बिहार व बंगालदाउद खाँ1574-76मुनीम खाँ खानखाना
काबुलहकीम मिर्जा1581मानसिंह एवं अकबर
कश्मीरयुसुफ याकूब खाँ1586भगवान दास व कासिम खाँ
उड़ीसानिसार खाँ1592मान सिंह
सिन्धजानी बेग1593अब्दुर्रहीम खानखाना
बलूचिस्तानपन्नी अफगान1595मीर मासूम
कन्धारमुजफ्फर हुसैन1595शाह बेग
खानदेशअली खाँ1591स्वेच्छा से अधीनता स्वीकारी
दौलताबादचाँद बीबी1599मुराद, अब्दुर्रहीम खानखाना,
अबुल फजल, अकबर
अहमदनगरबहादुर शाह चाँद बीबी1600
असीरगढ़मीरन बहादुर1601अकबर (यह अकबर का
अंतिम अभियान था)
अकबर का इतिहास

अकबर के कुछ महत्वपूर्ण कार्य

कार्यवर्ष
दासप्रथा का अन्त1562
अकबर को हरमदल से मुक्ति1562
तीर्थयात्रा कर समाप्त1563
जजिया कर समाप्त1564
फतेहपुरसीकरी की स्थापना एवं राजधानी का आगरा से फतेहपुर सीकरी स्थानान्तरण1571
इबादतखाने की स्थापना1575
इबादतखाने में सभी धर्मों के लोगों के प्रवेश की अनुमति1578
मजहर की घोषणा1579
दीन-ए-इलाही की स्थापना1582
इलाही संवत् की शुरुआत1583
राजधानी लाहौर स्थानांतरित1585
अकबर का इतिहास

महत्वपूर्ण तथ्य

  • दसवंत एवं बसावन अकबर के दरबार के चित्रकार थे।
  • अकबर के शासनकाल के प्रमुख गायक तानसेन, बाज बहादुर, बाबा रामदास एवं बैजू बाबरा थे।
  • अकबर की शासन प्रणाली की प्रमुख विशेषता मनसबदारी प्रथा थी।
  • अकबर के समकालीन प्रसिद्ध सूफी सन्त शेख सलीम चिश्ती थे।
  • अकबर की मृत्यु 16 अक्टूबर, 1605 ई. को हुई। इसे आगरा के निकट सिकन्दरा में दफनाया गया।
  • स्थापत्यकला के क्षेत्र में अकबर की महत्वपूर्ण कृतियाँ हैं—दिल्ली में हुमायूँ का मकबरा, आगरा का लालकिला, फतेहपुर सीकरी में शाहीमहल, दीवाने खास, पंचमहल, बुलंद दरवाजा, जोधाबाई का महल, इबादतखाना, इलाहाबाद का किला और लाहौर का किला ।
  • अकबर के दरबार को सुशोभित करने वाले नौ रत्न थे— 1. अबुल फजल (1551-1602), 2. फैजी (1547-1595), 3. तानसेन, 4. बीरबल (1528-1583), 5. टोडरमल, 6. राजा मान सिंह, 7. अब्दुल रहीम खान-ए-खाना, 8. फकीर अज़ीउद्दीन, 9. मुल्ला दो प्याज़ा । > अबुल फजल का बड़ा भाई फैजी अकबर के दरबार में राजकवि के पद पर आसीन था ।
  • अबुल फजल ने अकबरनामा ग्रंथ की रचना की। वह दीन-ए-इलाही धर्म का मुख्य पुरोहित था ।
  • संगीत सम्राट् तानसेन का जन्म 1506 ई. में ग्वालियर में एक ब्राह्मण परिवार में हुआ था। इनका असली नाम रामतनु पांडेय था। इनकी प्रमुख कृतियाँ थीं—मियाँ की टोड़ी, मियाँ का मल्हार, मियाँ का सारंग, दरबारी कान्हरा आदि ।
  • कण्ठाभरण वाणीविलास की उपाधि अकबर ने तानसेन को दी थी।
  • तानसेन, अकबर के दरबार में आने से पूर्व रीवाँ के राजा रामचन्द्र के राजाश्रय में थे।
  • अकबर के काल में स्वामी हरिदास भी एक महान संगीतज्ञ थे। ये वृंदावन में रहकर भगवान की उपासना करते थे। एक मत के अनुसार हरिदास तानसेन के गुरु थे जबकि कुछ विद्वान हरिदास एवं तानसेन दोनों को मानसिंह तोमर का शिष्य बतलाते हैं। यह भी प्रचलित है कि हरिदास का गाना सुनने के लिए अकबर को इनकी कुटिया पर जाना पड़ा, क्योंकि इन्होंने अकबर के दरबार में जाने से मना कर दिया था। इनका कहना था कि वे केवल अपने भगवान के लिए ही गाते हैं, दरबार से उनका कोई सरोकार नहीं ।
  • अकबर ने भगवान दास (आमेर के राजा भारमल के पुत्र) को अमीर-उल-ऊमरा की उपाधि दी।
  • युसुफजाइयों के विद्रोह को दबाने के दौरान बीरबल की हत्या हो गयी। 1602 ई. में सलीम (जहाँगीर) के निर्देश पर दक्षिण से आगरा की ओर आ रहे अबुल फजल को रास्ते में वीर सिंह बुन्देला नामक सरदार ने हत्या कर दी।
  • मुगल सम्राट् अकबर ने ‘अनुवाद विभाग’ की स्थापना की। नकीब खाँ, अब्दुल कादिर बदायूंनी तथा शेख सुल्तान रामायण एवं महाभारत का फारसी अनुवाद किया व महाभारत का नाम ‘रज्मनामा’ (युद्धों की पुस्तक) रखा।
  • पंचतंत्र का फारसी भाषा में अनुवाद अबुल फजल ने अनवर-ए-सादात नाम से तथा मौलाना हुसैन फैज ने यार-ए-दानिश नाम से किया। हाजी इब्राहिम सरहदी ने अथर्ववेद का, मुल्लाशाह मोहम्मद ने राजतरंगिणी का, अब्दुर्रहीम खानखाना ने ‘तुजुक-ए-बाबरी’ का तथा फैजी ने लीलावती का फारसी में अनुवाद किया। फैजी ने नल दमयन्ती (सूरदास द्वारा रचित) कथा का फारसी में अनुवाद कर उसका नाम ‘सहेली’ रखा। भागवत पुराण का अनुवाद फारसी में टोडरमल ने किया। अब्दुल कादिर बदायूँनी ने सिंहासन बत्तीसी का अनुवाद फारसी में किया। ज्योतिष के प्रसिद्ध ग्रंथ तजक एवं तुजुक का फारसी में अनुवाद जहान-ए-जफर नाम से मुहम्मद खाँ गुजराती ने किया।
  • अकबर के काल को हिन्दी साहित्य का स्वर्णकाल कहा जाता है।
  • अकबर ने बीरबल को कविप्रिय एवं नरहरि को महापात्र की उपाधि प्रदान की।
  • बुलन्द दरवाजा का निर्माण अकबर ने गुजरात-विजय के उपलक्ष्य में करवाया था।
  • चार बाग बनाने की परंपरा अकबर के समय शुरू हुई।
  • अकबर ने शीरी कलम की उपाधि अब्दुस्समद को एवं जड़ी कलम की उपाधि मुहम्मद हुसैन कश्मीरी को दिया।

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FAQ’S

Q1 : अकबर का जन्म कब हुआ था?

Ans : अकबर का जन्म 15 अक्टूबर, 1542 ई. को हुआ था।

Q2 : अकबर का मकबरा कहां है?

Ans : अकबर का मकबरा आगरा में है।

Updated: July 23, 2023 — 10:58 am

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