अर्जुन की छाल के फायदे: अर्जुन की छाल में कैलशियम, पोटैशियम मैग्नीशियम और टैनिन होता है और अर्जुन (Arjun Ki Chaal Ke Fayde), के पेड़ में अर्जुनिक एसिड, मोनो काबोक्सिलिक एसिड, इलेजिक एसिड, ट्राईहाइड्रोक्सी ट्राईटरपीन और बीटा-सिटोस्टिरोल पाया जाता है।
कई वर्षों से अर्जुन को औषधि के रूप में लोगों द्वारा इस्तेमाल किया जा रहा है। अर्जुन की छाल से तैयार किया गया रस औषधि के रूप में इस्तेमाल किया जाता है। टीबी यानी क्षय रोग, ह्रदय से जुड़ी बीमारियां, मोटापा, डायबिटीज, पित्त,खांसी, कोलेस्ट्रॉल, अल्सर, कफ, बुखार, सूजन या कान दर्द मैं अर्जुन का प्रयोग किया जाता है।
अर्जुन की छाल के फायदे

अर्जुन की छाल क्या होती है
संस्कृत में अर्जुन का मतलब सफेद और स्वच्छ होता है। और इसी के कारण इस आयुर्वेदिक पेड़ को अर्जुन का नाम दिया गया है। अर्जुन का पेड़ औषधि के रूप में कई बीमारियों के इलाज के लिए उपयोग में लाया जाता है।
इस के पेड़ की छाल को कई बीमारियों में उपयोग में लाया जाता है। ह्रदय रोग, बुखार, कान, दर्द, सूजन, टीवी, मधुमेह, मोटापा, अल्सर, कफ, पित्त, हाई ब्लड प्रेशर जैसे अन्य बीमारियों में इसकी छाल को उपयोग में लाया जाता है।
अर्जुन का पेड़ एक औषधीय पेड़ है जिसकी छाल का उपयोग कई तरह की बीमारियों से निजात पाने के लिए इस्तेमाल किया जाता है।
ह्रदय रोगियों के लिए
ह्रदय रोग की सबसे बड़ी और पहली वजह शरीर का पड़ा हुआ कोलेस्ट्रॉल होता है। कोलेस्ट्रॉल बढ़ने पर जल्दी थकान महसूस होने लगती है सांस फूलने लगती है और आलस आता है। अर्जुन की छाल दिल के मरीजों के लिए एक रामबाण उपाय है। अर्जुन की छाल से बना अखाड़ा काढ़ा या चाय पीने से यह शरीर के धमनियों में जमने वाले ट्रायग्लूसराइड और कोलेस्ट्रोल को कम कर देती है।
जिसके कारण धनिया अच्छी तरह से काम करने लगती है। ट्राइग्लिसराइड ऑल कोलेस्ट्रॉल के बढ़ने से हार्ट अटैक का खतरा बढ़ जाता है। जिन मरीजों को हार्ट अटैक आ चुका है या फिर जिनका कोलेस्ट्रोल काफी हद तक बढ़ा हुआ है उन लोगों को अर्जुन की छाल से बनी जाया काढ़े का सेवन रोजाना करना चाहिए।
स्तन कैंसर को रोकने के लिए
अर्जुन के पेड़ में एक विशेष प्रकार का रासायनिक घटक पाया जाता है जिसका नाम है ‘कसुआरिनिन’। इसी के कारण शरीर में कैंसर की कोई भी कोशिकाएं फेल नहीं सकती। अर्जुन की छाल को दूध में पकाकर रोजाना सेवन करने से स्तन कैंसर से बचा जा सकता है।
डायबिटीज के मरीजों के लिए
अर्जुन का पेड़ और उसकी चाल छाल से बना काला कई बीमारियों को जड़ से खत्म कर सकता है इनमें से एक डायबिटीज भी है अर्जुन के छाल को देसी जामुन में मिलाकर पाउडर तैयार कर ले। इसे रोजाना सोने से पहले गुनगुने पानी से सेवन कर ले। और ऐसा करने से डायबिटीज की समस्या कम हो जाएगी।
मोटापा कम करने के लिए
रोजाना अर्जुन की छाल से बनी चाय या काढ़ा का सेवन करने से कोलेस्ट्रॉल कम होता है जिसके कारण शरीर का मोटापा मोटापा अधिक नहीं हो पाता इसके साथ ही यह हमारे शरीर के पाचन तंत्र को भी स्वस्थ रखता है जिससे गैस एसिडिटी की समस्या भी नहीं होती। अर्जुन के छाल का काढ़ा पीने से शरीर का एमेनिटी सिस्टम भी मजबूत बनता है जिससे सर्दी खांसी जैसी अन्य समस्याएं दूर रहती है।
मुंह के छालों को कम करने के लिए
अर्जुन की छाल की तासीर ठंडी होती है इससे पाचन तंत्र भी मजबूत होता है और पेट साफ होता है। उसके रोजाना सेवन से मुंह में छाले नहीं आते और मैं ना किसी इलाज या दवा से खून प्राकृतिक रूप से पतला होता है। पीने से ब्लड प्रेशर भी सामान्य रहता है।
त्वचा को निखारने के लिए
अर्जुन की छाल मैं थोड़ी सी मात्रा में हेल्थी कपूर मिलाकर पाउडर तैयार करके चेहरे पर लगाने से चेहरे से दाग धब्बे खत्म हो जाते हैं कील और मुंहासे की समस्या भी खत्म हो जाती है और रिंकल्स भी जल्दी नहीं आएगी। इसके इस्तेमाल से त्वचा खूबसूरत और चमकदार बनेगी।
पेशाब की रुकावट को दूर करने के लिए
कई व्यक्तियों को पेशाब में रुकावट की समस्या होती है जो दवाओं के इस्तेमाल से भी ठीक नहीं हो पाती। अर्जुन की छाल से बनाया गया गाना काढ़ा पीने से पेशाब की रुकावट और इससे जुड़ी अन्य समस्याओं से छुटकारा मिल सकता है। इसके लिए आप अर्जुन की छाल को पीसकर या भिगोकर पानी में उबालें और जब पानी आधा हो जाए तो इसे ठंडा करके रोगी को पिलाएं।
खांसी से निजात पाने के लिए
अगर आपको लंबे समय से खांसी हो रही है तो आप अर्जुन की छाल को सुखाकर पाउडर तैयार कर लें और उसमें हरे अडूसा के पत्तों से तैयार किया रस मिला लें और सूखा ले। इस चूर्ण में शहद मिलाकर सेवन करने से खांसी में आराम मिल सकता है।
अर्जुन की छाल को इस्तेमाल करने का तरीका
- इसकी छाल को साफ करके रात भर पानी में भिगोए उसके बाद सुबह उसी पानी में कुछ देर तक उबालें। आप चाहे तो इसमें शहद में मिला सकते हैं।
- अर्जुन की छाल रात भर पानी में भिगो लें फिर सुबह से गाय के दूध में पकाकर चाय तैयार कर ले और पी लेना चाहिए।
- अर्जुन की छाल को साफ करके सुखा लें और इसे पीसकर चूर्ण तैयार कर ले। इस चूर्ण को जामुन के बीज के चूर्ण के साथ इस्तेमाल करने से डायबिटीज की समस्या खत्म हो जाती है।
नोट:- गर्भवती महिला को अर्जुन की छाल का किसी भी रूप में सेवन करने से बचना चाहिए। इन नुस्खों को अपने से पहले अपने डॉक्टर की सलाह जरूर ले।
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