लौंग के फायदे और 18 उपयोग जान कर रह जायेंगे हैरान कई औषधीय गुणों से भरपूर है लौंग। लौंग (Benefits of Long) भी प्रकृति की एक अनुपम देन है। यह मसाला तथा औषधि भी है। अनेक गुणों से भरपूर है। इसमें सुगन्ध है। इसके अनेक उपयोग व लाभ हैं। आयुर्वेद के ज्ञाता इसे कफनाशक बताते हैं। पित्त तथा रक्त के अनेक विकारों में इसका प्रयोग किया जाता है। अपचन की बीमारी से हर दूसरा आदमी है। यह तो हमारी पाचन शक्ति भी बढ़ाता है।
लौंग के फायदे

कहां होती है लौंग
इसका उत्पादन करने वाले देशों में मुख्यतः जावा, सुमात्रा, जंजीवार द्वीप, पेम्बा, मेडागास्कर गिने जाते हैं। इतना ही नहीं, गुयाना, ब्राजील तथा दक्षिण अफ्रीका भी लोग पैदा कर, अन्य देशों को भेजता है। भारत में भी लौंग की खेती की जाती है। कोयम्बटूर, त्रावणकोर, नीलगिरी, मदुराई, तिरुनेल, मालानार में भी लोग काफी मात्रा में होता है। ये सारे क्षेत्र दक्षिणी भारत में आते हैं। यह भी माना जाता है कि सबसे पहले लौंग मोल्यू टापू में पैदा हुआ था।
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लौंग का पेड़
लौंग की खेती मक्का, ज्वार, बाजरा, गेहूं या धान की तरह नहीं की जाती। यह तो पेड़ों पर लगता है जैसे अखरोट, बादाम आदि। आमतौर पर लौंग के पेड़ की उम्र 60 वर्ष आंकी गई है। 10 वर्ष की आयु के बाद लोग का पेड़ फूल-फल देने के काबिल होता है। वर्ष में तकरीबन 3 से 4 बार पेड़ों पर लौंग उगते हैं।
अपने जीवन काल में लौंग का एक पेड़, 190 से 220 बार फल देता है। इससे पहले कि पेड़ पर लॉंग की कलियां फूल बनें, इन्हें तोड़कर सुखा लिया जाता है। यदि पेड़ पर कली ने फूल की शक्ल धारण कर ली, तो यह बेकार हो जाएगा। यही कलियां ही तो लोग हैं इन तोड़ी गई कच्ची कलियों का तेल निकालकर इन्हें सुखाकर, मसाले व दवाइयों के लिए बेचा जाता है।
लौंग के फायदे / उपयोग
- सब्जी में मसाले के रूप में इसे पूरे भारत में प्रयोग किया जाता है। भोजन को स्वादिष्ट भी बनाता है।
- पान, सुपारी आदि में भी प्रयोग होता है। इससे मुंह का स्वाद बनता है।
- लॉग की कली से पहले तेल निकाला जाता है। फिर इस कली को सुखाकर लौंग के रूप में प्रयोग किया जाता है।
- लौंग की कली से मशीनों द्वारा इस प्रकार तेल निकाला जाता है कि कली की अपनी शक्ल खराब नहीं होती।
- लौंग का तेल बहुत उपयोगी होता है। लौंग के तेल में यूनीजाल, केरियो फिलीन, फेनाल, एसिटिल, यूनीजाल जैसे अनेक तत्त्व प्राप्त होते है। इन्हें अनेक बहुमूल्य औषधियों में प्रयोग किया जाता है।
- लौंग का स्वाद तीखा होता है। पेट तथा पाचन प्रणाली के लिए लाभदायक होता है।
- जिसे भोजन नहीं पचता, यदि वह लौंग के चूर्ण को गर्म पानी से खा ले, उसे बहुत फायदा होता है।
- जिसे दांत में दर्द हो वह चाहे तो लौंग दांतों में दबा ले, या इसे धीरे-धीरे चबा ले, बहुत लाभ होता है। यदि लौंग का तेल रूई पर लगाकर दर्द करने वाले दांत पर रखें तो दर्द गायब हो जाएगा।
- मंजनों में तथा टूथपेस्टों में लींग का प्रयोग किया जा रहा है।
- जिसके दांतों से मवाद, रक्त, बदबू आती हो, उसे लॉंग का प्रयोग करते रहना चाहिए।
- लोग भून-पीसकर शहद में मिलाकर चाटने से खांसी जड़ से चली जाती है।
- जिसे अक्सर खांसी की शिकायत रहती हो, वह दिन में एक-दो बार लींग को धीरे-धीरे चूसता रहे। आराम मिलेगा।
- जो जुकाम से परेशान हो, वह लौंग डालकर पानी को उबाल लें। इस पानी को पीने से जुकाम जाता रहेगा। यह एक सुगम इलाज है।
- दांतों और मसूड़ों को मजबूत करने के लिए लोग तथा फिटकरी से बने मंजन को लगाने की सलाह दी जाती है।
- जिन्हें गठिया की बीमारी हो, जोड़ों में दर्द रहता हो। उन्हें लौंग के तेल की मालिश की जाती है। दर्द दूर होता है। अन्दर की पीड़ा बाहर खिंची चली आती है।
- जिन लोगों का गला बैठने की शिकायत रहती है तथा आवाज ठीक से नहीं निकल पाती, उन्हें लौंग चूसने से बड़ा लाभ होता है।
- वैद्य घाव तथा नासूर आदि का इलाज भी लौंग से करते हैं। लौंग पर हल्दी का पाउडर बनाकर घाव पर लगाने से जल्दी लाभ होता है।
- ठंडे क्षेत्रों में या सर्दी के दिनों में कभी-कभी चाय में लोग डाल देना चाहिए। यह चाय स्वादिष्ट भी होगी तथा सर्दी से राहत भी दिलाएगी।
लौंग एक उत्तम मसाला तो है ही। यह अति उत्तम उपचार भी है। इलाज है। दवाई है। औषधि है। इसके जो गुण और उपयोग ऊपर बताए जा चुके हैं, इनसे भी अनेक, अधिक लाभ लौंग से प्राप्त किए जा सकते हैं। हां, जितना इस अध्याय में वर्णन है, इसी को समझकर अपनाने में ही बेहद लाभ है। जरूर मानें और लाभ उठाएं। यह एक बहुमूल्य वस्तु है क्योंकि इसमें गुण अनेक हैं।
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