बुढ़ापा दूर रखने के ये है 18 अचूक उपाय बुढ़ापा दूर रखें के आसान तरीके, कोई व्यक्ति 65 वर्ष की आयु में भी युवाओं-सा जीवन व्यतीत कर सकता है जबकि दूसरा व्यक्ति 40 की आयु में भी निर्बल, रोगी होकर वृद्धों से भी न्यून जिंदगी बसर कर सकता है। यह तो व्यक्ति विशेष की जीवन-शैली, आहार लेने के ढंगों तथा मानसिकता पर निर्भर करता है। रोग किसी की आयु देखकर नहीं आते। वे तो शरीर की अवस्था देखकर हमला करते हैं तथा पैर जमाने में कोई कसर नहीं उठा रखते।
बुढ़ापा दूर रखने के ये है 18 अचूक उपाय

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Budhapa दूर करने के अचूक उपाय
- यदि कोई बुढ़ापे की कठिनाइयों से बचना चाहता हो तो उसे आरम्भ से ही अपने शरीर का पोषण संतुलित आहार से करना चाहिए। अन्यथा बड़ी आयु में पहुंचते-पहुंचते शक्ति तथा सामर्थ्य भी नहीं रहेंगे। बुढ़ापा गुजारना भी कठिन हो जाएगा।
- भोजन सुपाच्य हो, हल्का हो, रुचिपूर्ण हो। पचाने में कठिनाई न आए।
- आयु, लिंग, शारीरिक व्यवस्था, मौसम, कार्यक्षेत्र को ध्यान में रखकर ही भोजन का चयन करें। पहलवान और लिपिक की आयु, लिंग, मौसम, निरोगता आदि भले ही एक जैसे हों, भोजन भिन्न करने होंगे। दोनों के कार्यक्षेत्र पूरी तरह अलग-अलग जो हैं।
- दोपहर के भोजन के बाद थोड़ा आराम, रात के भोजन के बाद टहलना जरूरी है।
- भोजन खाने से पहले, बीच में तथा तुरन्त बाद पानी नहीं पीना चाहिए।
- कभी भी पूरा पेट भरकर भोजन न करें। थोड़ी कसर जरूर रखें।
- रात को जल्दी सोयें। प्रातः सूर्य उदय होने से काफी पहले उठें। सैर को निकलें। थोड़ा व्यायाम भी करें। बाहर जाने से पूर्व पानी के दो गिलास पीने की आदत अच्छी है। निरोग रखेगी।
- चिन्ता, क्रोध, भय, ईर्ष्या, बदले की भावना मत रखें।
- अधिक मीठा, अधिक नमक खाना बन्द करें। मिठाइयां भी बहुत कम।
- अधिक मिर्च-मसाले, तले पदार्थ, भारी भोजन मत खाएं।
- रात को सोने से पूर्व हाथ-पांव-दांत साफ करने हैं। गर्म दूध का एक गिलास पीकर सोने से गहरी नींद आएगी। कैल्शियम व वसा की आपूर्ति होगी।
- सप्ताह में एक बार व्रत रखें। व्रत तोड़ने पर फल तथा हल्का आहार ही लें।
- गठिया के रोगी प्रोटीन, कैल्शियम तथा वसा का कम सेवन करें।
- वात, खांसी, गठिया, दमा, जोड़ों के दर्दों वाला दही को मत खाए।
- दूध, आंवला तथा शहद प्रतिदिन, बिना नागा लेना जरूरी मानें।
- भोजन में कैल्शियम, विटामिन बी, सी तथा ई की कमी गोलियों से पूरी करें।
- प्रातः उठकर एक गिलास पानी में शहद तथा नींबू लेना चुस्ती, दुरुस्ती देता है।
- हमारे भोजन में गाजर, मूली, मूली के पत्ते, प्याज, लहसुन, नींबू, रेशेदार फल, रेशेदार सब्जियां तथा रेशेदार अनाज हों। मैदायुक्त पदार्थ न लें। यदि इन बातों का आरम्भ से ध्यान रखें तो बुढ़ापा टल जाएगा।
यदि किसी को हैजा हुआ है तो उस के शुरुआती लक्षण दिखने पर तुरंत इलाज ले लेना चाहिए यदि इस रोग में थोड़ी भी लापरवाही भर्ती तो यह रोग घातक रूप ले लेता है।
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