प्रत्येक महिला या पुरुष अपने कार्य पूरी सावधानी के साथ किया करते हैं। मगर फिर भी कभी शरीर का कोई अंग जल जाता है। आग से जलने पर घरेलू उपाय, जली हुई त्वचा का प्राथमिक उपचार क्या है के बारे में बताया गया है। पीड़ा बहुत होती है। फफोले तथा घाव भी हो जाते हैं। जलने पर घरेलू उपचार प्रस्तुत हैं। यदि गर्म तेल के कारण कोई अंग जल जाए और घाव ही हो जाए तो पुराना चूना लें। इसे दही के साथ पानी में पीसें घाव पर लगाएं। आराम मिलेगा।
आग से जलने पर घरेलू उपाय

जली हुई त्वचा का प्राथमिक उपचार
- कोई भी अंग जल जाए तो सिरस के पत्ते मलें। आराम पाएंगे।
- जल जाने के बाद दाग रह जाए तो इसे मिटाने के लिए बेर के कोमल पत्ते लें। इन्हें दही के साथ पीसें लगाएं। दो सप्ताह में ही जले के निशान मिट जाएंगे।
- यदि कोई अंग जल भी जाए। छाले भी पड़ जाएं। फिर ये छाले फूटकर घाव हो जाए तो इस पर लाल चन्दन घिसकर लगाते रहें। एक सप्ताह में घाव पूरी तरह ठीक हो जाएगा।
- कोई अंग जल जाए तो तुरन्त गरी का तेल लगाएं। शांति मिलेगी। ठंडक पाएंगे।
- यदि गूलर के पत्ते प्राप्त हो सकें तो इन्हें पीसें इसका लेप करें। जले अंग की पीड़ा बन्द होगी। छाले भी नहीं पड़ेंगे। काफी शांति महसूस करेंगे।
- अरण्ड के पत्ते बांधने से भी जले अंग को आराम मिलता है।
- जल जाने से होने वाली पीड़ा को शांत करने के लिए अनार के पत्तों को पीसकर लगाएं। काफी आराम मिलेगा।
- जले स्थान पर होने वाली जलन को मिटाने के लिए आलू को बारीक पीसकर बांधे तुरन्त आराम महसूस होगा।
- गाजर को पीसकर लगाने से भी जलन को ख़त्म किया जा सकता है।
- यदि अचानक कोई अंग जल जाए तथा वहां गोबर उपलब्ध हो तो तुरन्त गोवर लगाएं। एक तो जलन ख़त्म होगी तथा दूसरे निशान भी नहीं पड़ेगा।
- घर में तिल हो तो उन्हें पीसकर लगा दें तो भी जलन, दर्द आदि नहीं होगा तथा बाद में जले के निशान भी नहीं पड़ेंगे।
- यदि मौका पर गूलर के पत्ते उपलब्ध रहें तो इन्हें पीसकर लगाएं। शांति पाएंगे। फफोले होने का भय भी नहीं रहेगा।
इनमें से समय पर जो उपलब्ध हो, उसका प्रयोग कर लाभ उठाएं।
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