चंद्रमा लाल रंग का क्यों दिखता है? जाने इसके पीछे क्या है वजह?
चंद्रमा लाल रंग का क्यों दिखता है, चंद्रमा का लाल दिखाई देना एक प्राकृतिक घटना है। सबसे पहले हमें जानना होगा कि चंद्र ग्रहण कैसे लगता है क्योंकि चंद्र ग्रहण लगने से ही हमें चंद्रमा के लाल रंग का दिखाई देना के बारे में पता चलता है। यह जरूरी नहीं कि चंद्रमा चंद्र ग्रहण के दिन ही लाल रंग का दिखाई दे। यह घटना कई वर्षों में एक बार घटित होती है। हर वर्ष में केवल तीन चंद्रग्रहण हो सकते है। हमने अक्सर कई बार चंद्र ग्रहण के बारे में सुना होगा और कई बार ऐसे भी हुआ होगा कि जब हमने चंद्रग्रहण अपनी आखो से देखा होगा। अब हम जानते हैं चंद्र ग्रहण कैसे होता है।
चंद्रमा लाल रंग का क्यों दिखता है (Chandrama Lal Rang Ka Kyu Dikhai Deta Hai)

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चंद्र ग्रहण कैसे होता है
पहले के समय में जब चंद्र ग्रहण होता था तब लोग उसको देवताओं का प्रकोप मानते थे। परंतु आज के समय में हमारे वैज्ञानिकों ने चंद्र ग्रहण होने का कारण बताया और यह कैसे होता है यह भी बताया जिससे हमारे मन में जो भी भ्रम थे वह सब दूर हो गए।
चंद्र ग्रहण की प्रक्रिया में जब पृथ्वी चंद्रमा और सूर्य के बीच में आ जाती है तब पृथ्वी चंद्रमा पर पड़ने वाले सूर्य के प्रकाश को रोक देती है जब पृथ्वी सूर्य के सामने आती है तब चंद्रमा की ओर पृथ्वी की परछाई पड़ती है।
- Penumbra
- Umbra

Penumbra वाला भाग हलकी छाया होता है परंतु उमरा वाला भाग डार्क अंधेरा वाला भाग होता है जब चंद्रमा पर Penumbra वाले भाग की छाया पड़ती है तब आंशिक चंद्रग्रहण होता है और जब Umbra वाले भाग की छाया पड़ती है।
तब पूर्ण चंद्र ग्रहण होता है प्रत्येक चंद्रग्रहण पूर्णिमा के दिन ही होता है यह संभव नहीं कि पूर्णिमा के दिन ही पूर्ण चंद्र ग्रहण हो क्योंकि पृथ्वी अपने अक्ष से 5 डिग्री झुकी हुई है और चंद्रमा पृथ्वी के चारों तरफ एक अंडाकार कक्ष में चक्कर लगाता है जिसकी वजह से हर बार चंद्रग्रहण पूर्ण हो यह संभव नहीं हो पाता।
चंद्रमा के लाल दिखाई देने का कारण
जब पृथ्वी सूर्य और चंद्रमा के बीच में आ जाती है यदि पृथ्वी से निकल रही Umbra छाया में यदि चंद्रमा आ जाता है तब हमें पृथ्वी से चंद्रमा देखने पर लाल रंग का दिखाई देने लगता है।

इसकी वजह यह है कि सूर्य के प्रकाश में सात रंग होते हैं और इनमें सात रंग में से सबसे ऊपरी वाला रंग लाल रंग होता है कम वेवलेंथ वाली रोशनी को पृथ्वी फैला देती है परंतु अधिक वेवलेंथ वाले रोशनी को पृथ्वी फैला नहीं पाती।
इस वजह से अधिक वेवलेंथ वाली रोशनी चंद्रमा से टकराती है और रिफ्लेक्ट होकर हम तक पहुंचती है यही कारण है कि चांद हमको लाल रंग का दिखाई पड़ता है। और हम इसको ब्लड मून भी कहते है।
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