चिड़ियाघर की सैर निबंध? चिड़ियाघर की सैर कहानी?

चिड़ियाघर की सैर निबंध (Chidiya Ghar Ki Sair Par Nibandh), प्रस्तावना वन कटते जा रहे हैं और उनके स्थान पर नगर बनते जा रहे हैं। अतः वन सम्पदा के प्रधान तत्व पशु-पक्षी अब चिड़ियाघरों में ही देखे जा सकते हैं। अब चिड़ियाघरों का महत्व बढ़ गया है। चिड़ियाघर देश के अनेक स्थानों पर हैं। देश का सबसे बड़ा चिड़ियाघर कलकत्ते में है। दिल्ली का चिड़ियाघर भी अपने ढंग का अच्छा है।

चिड़ियाघर वह स्थान है, जहाँ विभिन्न प्रकार के पशु-पक्षी प्रदर्शन के लिए रखे जाते हैं। दिल्ली का चिड़ियाघर नई दिल्ली में पुराने किले के पास एक बहुत बड़े भूखण्ड पर फैला हुआ है, जिसे अच्छी तरह देखने में काफी समय लग जाता है।

चिड़ियाघर की सैर निबंध

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देखने की उत्सुकता

अब तक हमने अनेक विचित्र पशु-पक्षियों के सम्बन्ध में पुस्तकों में ही पढ़ा था। अब उन्हें आँखों से देखने की इच्छा उत्पन्न हुई। मैंने मित्रों से चिड़ियाघर देखने का प्रस्ताव किया। सभी ने इसका अनुमोदन किया। एक दिन निश्चित हुआ।

हम सबने आवश्यक सामान लेकर दिल्ली जाने की तैयारी कर ली। स्टेशन पर उतरकर हम सब टैक्सी के द्वारा चिड़ियाघर पहुँचे। हमने टिकिट लिया और चिड़ियाघर में प्रवेश किया। यहाँ हमने वे अद्भुत पशु, पक्षी, साँप, न्यौले, चूहे, कुत्ते, बंदर, लंगूर देखे जिनके सम्बन्ध में हमने पुस्तकों में भी न पढ़ा था।

विशेष आकर्षण

चिड़ियाघर कई विभागों में बँटा हुआ है। हमने जलचर विभाग में बत्तखें, बगुले, सारस, मुर्गाबी इत्यादि देखे। काले पहाड़ जैसा लम्बा-चौड़ा काला गेंडा देखा, जिसकी नाक पर एक सींग था। हमने अनेक प्रकार के हिरन तथा बारहसिंगा देखे।

हमने रंग-बिरंगी अनेक देशों की चिड़ियाँ तथा भिन्न-भिन्न प्रकार के तोते देखे। हमने कोयलें देखीं, मोर देखे। शुतुरमुर्ग और सफेद चूहें इस विभाग के विशेष आकर्षण थे।

हमने पशुओं में भिन्न

भिन्न प्रकार के शेर, व्याघ्र, तेन्दुए, भेड़िये, सफेद हाथी तथा भिन्न-भिन्न प्रकार के अनेक पशु देखे। यहाँ पर अनेक प्रकार के साँप थे। छोटे, बड़े, हरे, पीले, काले साँप बड़े भयंकर दिखाई पड़ रहे थे। यहीं हमने अजगर साँप भी देखा। यहीं पर अनेक प्रकार के बन्दर और लंगूर थे। यहीं हमने वनमानुष देखा, जो हमारे लिए नया जीव था। वनमानुष मनुष्य के समान ही काम कर रहा था।

चिड़ियाघर की सबसे बड़ी विशेषता यह थी कि कई स्थानों पर भयंकर पशु स्वतन्त्रता से विचरण कर रहे थे। इनके चारों ओर गहरी खाई थी, अतः ये दर्शकों तक नहीं पहुँच सकते थे।

उपसंहार

केवल चिड़ियाघर ही एक ऐसा स्थान है, जहाँ हम आँखों से विश्व भर के दुर्लभ जाति के जीव-जन्तुओं को देख सकते हैं। चिड़ियाघर को देखकर एक ओर हमारा मनोरंजन हुआ तो दूसरी ओर हमारे ज्ञान में वृद्धि हुई।

यहाँ पर जंगली जीव-जन्तु मानव द्वारा उनके लिए बनाये गये अनुकूल वातावरण में स्वाभाविक जीवन जीते हैं। उनके जीवन की प्रत्येक क्रिया को हम बहुत पास से देख सकते हैं। चिड़ियाघर हमें दुर्लभ वन्यजीवों के संरक्षण का संदेश देता है।

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