कोवैक्सीन, कोविशील्ड या स्पूतनिक में से कौन सी वैक्सीन बेस्ट है? कोवैक्सीन और कोविशील्ड में क्या अंतर है :- कोरोना वायरस से बचाव के लिए भारत में दो वैक्सीन आ गई है। जिनमें से एक Covishield है और दूसरी Covaxin है। इनमें से Covishield अधिकतर राज्य में सरकार द्वारा दिया जा रहा है। और कई नागरिकों को यह लग भी चुका है। तीसरी वैक्सीन रूस की है। जिसका नाम Sputnik V (स्पूतनिक V) है।
कोवैक्सीन, कोविशील्ड या स्पूतनिक में से कौन सी वैक्सीन बेस्ट है? कोवैक्सीन और कोविशील्ड में क्या अंतर है

स्पूतनिक की पहली खेप रूस से भारत में आ गई है और जल्द ही इसे भारत के नागरिकों के लिए उपलब्ध कराया जाने वाला है। आने वाले कुछ दिनों में भारत में कोरोना की 3 वैक्सीन हो जाएंगी। लेकिन इससे लोगों को यह समझ पाना मुश्किल हो रहा है कि इनमें से सबसे प्रभावी वैक्सीन कौन सी है। यह जानना बहुत मुश्किल हो गया है की तीनों वैक्सीन में से कौन सी वैक्सीन ज्यादा कारगर है। आइए आपको बताते हैं। की कौन सी वैक्सीन कितनी कारगर है कौन सी वैक्सीन बेस्ट है।
कोविशील्ड (Covishield) कैसे काम करती है।
- कोविशील्ड वैक्सीन को ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी और एस्ट्रेजनेका द्वारा तैयार किया गया है।
- अब इसे पुणे की सीरम इंस्टीट्यूट आफ इंडिया द्वारा बनाया जा रहा है।
- कोविशील्ड वैक्सीन का इस्तेमाल कई देशों द्वारा किया जा रहा है।
- कोविशील्ड वैक्सीन म्युटेंट Strains के खिलाफ काफी प्रभावी और असरदार है।
- कोविशील्ड एक वायरल वेक्टर टाइप की वैक्सीन है जो कि सिंगल वायरस के जरिए बनाया गया है यह वायरस चिंपांजी में पाया जाने वाला एडिनोवायरस ChADOx1 है।
- कोविशील्ड सिडको वैक्सीन को डब्ल्यूएचओ ने मंजूरी दे दी है को भी कोविशील्ड का ट्रायल 2020 नवंबर में खत्म हो गया था।
- कोविशील्ड वैक्सीन 70% प्रभावी है।
- कोविशील्ड वैक्सीन कोरोना के सभी गंभीर लक्षणों से व्यक्ति को बचाती है और संक्रमित व्यक्ति को जल्दी ठीक करती है।
- कोविशील्ड वैक्सीन के दोनों डोज में 42 से 56 दिन का अंतर होता है।
कोवैक्सीन (Covaxin) कैसे काम करती है।
- कोरोना वायरस की दूसरी वैक्सीन कोवैक्सीन को ICMR और भारत बायोटेक द्वारा तैयार किया गया है।
- इस वैक्सीन को पारंपरिक इनएक्टिवेटेड प्लेटफार्म पर तैयार किया गया है। इनएक्टिवेटेड का मतलब है की इस वैक्सीन को डेड वायरस की मदद से बनाया गया है। इस वैक्सीन को शरीर में डाला जाता है जो एंटीबॉडीज पैदा करता है और फिर यह एंटीबॉडी वायरस को नष्ट करती है।
- यह वैक्सीन लोगों को संक्रमित करने में सक्षम नहीं है बल्कि यह प्रतिरक्षा तंत्र को असली वायरस की पहचान करने के लिए तैयार करता है और उसके बाद व्यक्ति को संक्रमण होने पर उससे लड़ता है और व्यक्ति के शरीर में उपस्थित वायरस को खत्म करने की कोशिश करता है।
- विशेषज्ञों का यह कहना है की को वैक्सीन से इंसानों को कोई खतरा नहीं है इस वैक्सीन से वायरस को खतरा है।
- कोवैक्सीन 78% प्रभावी है।
- हाल ही के शोध में यह बताया गया है की कोवैक्सीन कोरोना के सभी वेरिएंट्स के खिलाफ लड़ सकता है।
- कोवैक्सीन के दोनों डोज में 28 दिन का अंतर होता है।
Sputnik V (स्पूतनिक V) कैसे काम करती है।
- स्पूतनिक V वैक्सीन की कीमत 995.40 प्रति टिका।
- स्पूतनिक V भी एक वायरल वेक्टर वैक्सीन है, लेकिन स्पूतनिक V और कोविशील्ड में एक महत्वपूर्ण फर्क यह है कि कोविशील्ड एक वायरस से बनाया गया है जबकि स्पूतनिक V दो वायरस से बनाया गया है। इसके दो डोज है जो की अलग-अलग होते हैं।
- स्पूतनिक V को भारत का सबसे ज्यादा प्रभावी वैक्सीन माना गया है।
- स्पूतनिक V 91.6 % प्रभावी है।
- यह वैक्सीन सर्दी जुखाम और अन्य श्वसन रोग पैदा करने वाले एडिनोवायरस 26(Ad26) और एडिनोवायरस 5 (Ad5) की मदद से बनाया गया है।
- कोरोना वायरस में कटी दार प्रोटीन पाया जाता है जो हमारे शरीर पर सीधा हमला करता है। यह वैक्सीन उसकी नकल करती है।
- जब यह वैक्सीन किसी व्यक्ति को दी जाती है तब उसके इम्यून सिस्टम को सक्रिय करती है जिससे शरीर में एंटीबॉडीज पैदा होने लगती है।
- स्पूतनिक V वैक्सीन के दोनों डोज में 21 दिन का अंतर होता है।
कोविशील्ड, कोवैक्सीन और स्पूतनिक V के साइड इफेक्ट
यह तीनों वैक्सीन हमें कोरोना वायरस से बचाने के लिए बनाया गया है। यह तीनों वैक्सीन विशेषज्ञों द्वारा कारगर पाया गया है अगर इनकी साइड इफेक्ट्स की बात की जाए तो इन तीनों के लगभग एक ही जैसे साइड इफेक्ट पाए जा रहे हैं। वैक्सीन लगने के बाद व्यक्ति को हल्का बुखार सर्दी जुकाम या फिर शरीर में दर्द जैसी शिकायत हो सकती है।
और कुछ को इनमें से कोई साइड इफेक्ट नहीं हो सकती। वैक्सीन लगने के बाद व्यक्ति को कम से कम 2 से 3 दिन का आराम करना जरूरी है जिससे बुखार, शरीर में दर्द और सर्दी होने की संभावना कम हो जाती है। यदि वैक्सीन लगने के बाद इनमें से कोई भी परेशानी ज्यादा हो तो डॉक्टर की सलाह जरूर लें और उन्ही के सलाह पर दवाई ले ।
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