Cricket New Rules क्रिकेट के नए नियम बनाये गए है। आज अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर आयोजित होने वाला क्रिकेटर एक ऐसा खेल है जो प्राचीन युग से ही आस्तित्व में रहा है। गेंद बल्ले के अन्य खेलों की भांति क्रिकेट भी अनेक नये आयामों से गुजरते हुए अपने वर्तमान रूप में पहुँचा है। कुछ ऐसे प्रमाण प्राप्त हुए है, जिससे यह पता चलता है कि क्रिकेट का खेल 13वीं शताब्दी के आस-पास खेला जाता था, इस शताब्दी में ‘हैंड इन’ एवम् ‘हैंड आऊट’ खेला जाता था तथा क्रिकेट को इसी से जोड़कर देखा जाता है। क्रिकेट, स्कॉटिश खेल ‘कैट एंड डाग’ से भी सम्बन्धित है।
Cricket New Rules क्रिकेट के नए नियम

यह भी पढ़े – कुश्ती के नियम, कुश्ती के प्रकार और कुश्ती के दाव पेच हिंदी में
क्रिकेट का इतिहास
सबसे पहले क्रिकेट खेल की शुरूआत कहां और कब हुई इन विषय में कोई ठोस प्रमाण नहीं मिलते हैं। कुछ लोगों का मानना है कि आधुनिक क्रिकेट का जन्म इंग्लैण्ड के दक्षिणी भाग में हुआ। ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी के खेल विशेषज्ञ का मानना है कि यह खेल 1300 ई. में भी प्रचलन में था। क्रिकेट का पहला क्रिकेट क्लब हैम्बलन क्लब 1760 में स्थापित किया गया था, जो बाद में मेरिलबोन क्रिकेट क्लब (एम.सी.सी.) में परिवर्तित हो गया।
1909 में इम्पीरियल क्रिकेट क्लब की स्थापना होने पर इसे अन्तर्राष्ट्रीय पहचान मिली तथा विभिन्न देशों ने इसे अपनाना शुरू किया। क्रिकेट का पहला नियमबद्ध अधिकारिक मैच सन् 1877 में इंग्लैण्ड तथा आस्ट्रेलिया के मध्य में खेला गया। 1909 में स्थापित इम्पीरियल क्रिकेट क्लब का नाम 1956 में बदल दिया गया तथा इसे ‘अन्तर्राष्ट्रीय क्रिकेट कांफ्रेस’ के नाम से जाना गया। इस कांफ्रेस के कारण अनेक देश इसके सदस्य बने । भारतवर्ष में क्रिकेट खेलने का समय 1721 ई. से माना जा सकता है। भारत में यह खेल अंग्रेजों द्वारा ही लाया गया तथा भारत ने इंग्लैण्ड के विरुद्ध अपना पहला अधिकारिक मैच 1877 ई. में खेला।
क्रिकेट को इंग्लैण्ड की देन माना जाता है किन्तु कुछ विचारकों का मानना है कि क्रिकेट का प्रारम्भ फ्रांस से हुआ परन्तु यह तर्कसंगत नहीं लगता क्योंकि इंग्लैण्ड में प्राचीन समय में चरवाहों के द्वारा 13वीं सदी में यह खेल खेलने के प्रमाण मिलते हैं। क्रिकेट खेल की एकमात्र अधिकारिक संस्था एम. सी. सी. का जन्म भी इंग्लैण्ड में हुआ तथा धीरे-धीरे इस संस्था ने पूरे विश्व में स्वयं को इस खेल की अधिकारिक संस्था के रूप में प्रतिष्ठित कर लिया।
1835 ई. में इस संस्था ने क्रिकेट खेलने के लिये नियम बनाये। भारत में 1848 में मुम्बई में पारसी क्रिकेट क्लब की स्थापना हुई तथा नवयुवकों ने भी इस खेल में थोड़ी रुचि दिखाई। आज क्रिकेट को एक अन्तर्राष्ट्रीय खेल का स्तर प्राप्त हो चुका है। यह खेल एशिया महाद्वीप के भारत, श्रीलंका, पाकिस्तान, बांग्लादेश तथा इंग्लैण्ड, आस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड, जिम्बाम्बे, वेस्टइंडीज, दक्षिण अफ्रीका, केन्या आदि देशों में बड़े उत्साह व जोश के साथ खेला जाता है तथा इसने लगभग सभी खेलों से अधिक लोकप्रियता हासिल की है।
भारत के लगभग प्रत्येक राज्य में यह खेल खेला जाता है। इस खेल में दोनों तरफ 11-11 खिलाड़ी खेलते हैं। क्रिकेट पिच 22 गज की होती है तथा जिसके दोनों तरफ तीन-तीन स्टाम्प लगे होते हैं, इसी पिच पर बैटिंग करते हुए रन बनाये जाते हैं। एक टीम के आउट होने पर दूसरी टीम बैटिंग करती है तथा पहली वाली टीम क्षेत्र रक्षण व बॉलिंग करती है। अधिक रन बनाने वाली टीम विजय घोषित होती है और उसी टीम को पुरस्कृत किया जाता है।
क्रिकेट के नये नियम
- क्रिकेट टीम में अतिरिक्त खिलाड़ी 5 होंगे।
- नो बॉल का नया नियम लागू किया गया है।
- नोबल फेंकने पर गेंदबाज को अगली बॉल फ्री हिट फेंकने होगी।
- यदि बल्लेबाज कैच आउट होता है और वह रन लेकर क्रीज बदल लेता है तो मैदान पर आए नए बल्लेबाज को स्ट्राइक लेनी होगी।
- अब खिलाड़ियों को गेंद को चमकाने में लार प्रयोग पुरी तरह वर्जित कर दिया गया है।
- बल्लेबाज के आउट होने के बाद नए बल्लेबाज को स्ट्राइक लेने के लिए मैदान में 2 मिनट के अंदर आना अनिवार्य है नहीं तो उसको आउट कर दिया जाएगा।
- दोनों ओर के विकेटों की दूरी 22 गज होती है।
- गेंदबाज यदि बॉलिंग करते समय क्रीज से पूरा पाँव बाहर निकाल लेता है तो वह नो-बॉल मानी जायेगी।
- नो-बॉल पर आऊट नहीं माना जायेगा।
- गेंद जब अन्तिम रेखा को छू लेती है या क्रास कर जाती है तो उसे बाऊन्ड्री या “चौका” कहते हैं। यदि गेंद हवा में ही बाऊन्ड्री को क्रॉस कर लेती है तो उसे छक्का कहा जाता है।
- वाइड बॉल (Wide Ball) व नो-बॉल (No Ball) ओवर में नहीं गिनी जाती।
- गेंदबाज लगातार दो ओवर नहीं फेंक सकता।
- गेंद रिटर्न क्रीज के अन्दर से फेंकी जाती है।
- गेंद फेंकते समय झटका लगने पर ‘नो बॉल’ मानी जाती है।
- गेंद गुम हो जाने पर स्कोर में 6 रन जोड़ दिये जाते हैं।
- बैट्समैन को छूकर जाने वाली गेंद ‘लेग बाइ’ कहलाती है।
- गेंद बैट्समैन के बल्ले व उसको छुए बिना निकलती है तथा कीपर उसे पकड़ नहीं पाता हो तो यह ‘बाई’ कहलाती है।
विकेट कीपिंग के नियम
- यदि विकेटकीपर बल्लेबाजी कर रहे खिलाड़ी के शरीर या बल्ले से बिना टच हुए बॉल को विकेट से पहले पकड़ता है तो बल्लेबाज को आउट नहीं दिया जाता है।
- यदि बल्लेबाजी कर रहे खिलाड़ी के शरीर या फिर बेड से बाल लगकर विकेट से पहले रुक जाती है तो विकेटकीपर बॉल उठाकर बल्लेबाज को आउट कर सकता है और उसे आउट करार दिया जाएगा।
बैट का साइज
- बैट की लम्बाई- 38 इंच (96.5 सेमी.)
- बैट के अगले भाग की चौड़ाई-4 इंच (10.8 सेमी.)
गेंद का साइज
- बॉल का वजन-5 5 औंस से औंस
- बॉल का व्यास- 1812 इच से 9 इंच तक
- गेंद का रंग-लाल एवं सफेद
विकेट का साइज
- विकेट पिच की लम्बाई- 22 गज
- विकेट पिच की चौड़ाई 5 फीट
- विकेटों की आपसी चौड़ाई-8 से 9 इंच
- विकेटों की जमीन से ऊँचाई-27-28 इंच
बाऊलिंग तथा पौम्पिंग क्रीज
- बाऊलिंग क्रीज स्टम्पों की सीध में लम्बाई 8 फीट 8 इंच (2.64 मीटर)
- बाऊलिंग क्रीज के सामने समानान्तर रेखा की लम्बाई 4 फुट (1.22 मीटर)
- रिटर्न क्रीज की दूरी-4 फीट (1.22 मीटर)
वेल्स (गुल्लियाँ) का साइज
- वेल्स (गुल्लियों) का आकार -2 इंच
- दचौड़ाई – आधा इंच
- संख्या – 4 ओवर-6 गेदों का एक ओवर होगा।
खेल कौशल
क्रिकेट में निम्नलिखित कौशलों का प्रयोग होता है
- बॉलिंग – ग्रिप, रनअप, डिलीवरी एक्शन, आऊट स्विंग, इन स्विंग, ऑफ स्विंग, गुगली, लेन स्पिन, इन कटर, ऑफ कटर, स्पिन, ऑफ स्पिन।
- बैटिंग – ग्रिप, बैक लिफ्ट, फरवर्ड डिफेंस, बैक वर्ड डिफेंस, स्टान्स मूविंग आउट एंड ड्राइव, ऑफ ड्राइव, पुल स्ट्रोक, बैक फुट, बैकवर्ड लेंग ग्लास, फारवर्ड लेग ग्लान्स, स्कवेयर कट। स्वीप शॉट,
- क्षेत्र रक्षण – डिफेंसिव फील्डिंग, आफेंसिव फील्डिंग, ग्राउंड फील्डिंग
- विकेट कीपिंग – ऑफ साइड स्टम्पिंग, लेग साइड स्टम्पिंग
बैट्समैन आउट होने की अवस्था
निम्न अवस्थाओं में बैट्समैन को आउट माना जायेगा-
- बोल्ड (Bould)
- कैच आउट (Catch Out)
- रन आउट (Run Out)
- स्टम्प आउट (Stump Out)
- एल. बी. डब्ल्यू (L.B.W.)
- हिट विकेट (Hit Wicket)
क्रिकेट की प्रमुख शब्दावली
ओवर, नो-बॉल, वाईड बॉल, लेग बाई, बाई, विकेट डाउन, पिच, विकेट, क्रीज, बाऊंडरी, फालो-ऑन, कैंच आउट, बोल्ड, एल. बी. डब्ल्यू, रन आउट, स्टम्प आउट, फील्डर, अपील, आफ ड्राइव, आन ड्राइव, स्ट्रेट ड्राइव स्कवायर कट, हुक शॉट, टॉप स्पिन, इन स्विंग, आऊट स्विंग, गुगली, लेग कटर, लेग ब्रेक, ऑफ ब्रेक, बैट्समैन रिटायरिंग, इनिंग, डेड बॉल।
क्रिकेट की प्रतियोगिताएँ व टूर्नामेंट्स
- वर्ल्ड कप
- दलीप ट्रॉफी
- रणजी ट्रॉफी
- एशेज कप
- शारजाह कप
- रिलायंस कप
- पेप्सी कप
- एशिया कप
- सी. के. नायडू ट्रॉफी
- हीरो कप
- ईरानी ट्रॉफी
- देवधर ट्रॉफी
- कूच बिहार ट्राफी
- विजय मर्चेंट ट्रॉफी
- कोका कोला ट्रॉफी
- विजय हरारे ट्राफी
- बेन्सन एंड हेजेज कप
- शीश महल क्रिकेट ट्रॉफी
- चैम्पियन्स ट्रॉफी
- इंदिरा प्रियदर्शनी ट्रॉफी
- आस्ट्रेलिया कप
- आई. सी. सी. ट्रॉफी
- रानी झांसी ट्रॉफी
- वर्ल्ड लीजेंड कप
- नेशनल स्कूल क्रिकेट चैम्पियनशिप
- इन्टर यूनिवर्सिटी क्रिकेट चैम्पियनशिप
- एस्कॉर्ट ट्रॉफी
- रोहिन्टन कप
क्रिकेट स्टेडियम
1. | ईडन गार्डन | कोलकाता |
2. | वानखेड़े स्टेडियम | मुम्बई |
3. | मेलबोर्न स्टेडियम | आस्ट्रेलिया |
4. | ओवल स्टेडियम | इंगलैण्ड |
5. | सिडनी स्टेडियम | आस्ट्रेलिया |
6. | पथं स्टेडियम | आस्ट्रेलिया |
7. | बंगबन्धु स्टेडियम | बांग्लादेश (ढाका) |
8. | सिन्हाली स्पोट्र्स स्टेडियम | श्रीलंका |
9. | जोहांसबर्ग स्टेडियम | दक्षिण अफ्रीका |
10. | केपटाउन स्टेडियम | दक्षिण अफ्रीका |
11. | लॉईस स्टेडियम | इंगलैण्ड |
12. | नैरोबी स्टेडियम | केन्या |
13. | लीड्स स्टेडियम | इंगलैण्ड |
14. | चिदम्बरम स्टेडियम | चेन्नई |
15. | नेहरू स्टेडियम | अहमदाबाद चेन्नई |
16. | रूपसिंह स्टेडियम | चेन्नई |
17. | फिरोजशाह कोटला स्टेडियम | नई दिल्ली |
18. | ध्रुव पांडे स्टेडियम | पटियाला |
यह भी पढ़े – वेटलिफ्टिंग के नियम (भारोत्तोलन), श्रेणियाँ, तरीका और इससे जुड़ी जानकारी