डेयरी प्रसंस्करण और अवसंरचना विकास निधि योजना के लाभ और उद्देश्य:- दुग्ध प्रसंस्करण क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए भारत सरकार ने वर्ष 2017-18 के बजट में दुग्ध प्रसंस्करण और अवसरंचना निधि (Dairy Processing and Infrastructure Development Fund : DIDF) की स्थापना की घोषणा की थी। 12 सितंबर, 2017 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति ने दुग्ध प्रसंस्करण और अवसंरचना विकास निधि’ योजना के कार्यान्वयन को स्वीकृति प्रदान की।
डेयरी प्रसंस्करण और अवसंरचना विकास निधि योजना के लाभ और उद्देश्य

दशकों पुराने प्रशीतन और प्रसंस्करण संयंत्रों को प्रतिस्थापित करने और मूल्य वर्धित उत्पाद संयंत्रों को जोड़ने के लिए पूंजीगत दुग्ध सहकारी समितियों को रियायती दर पर ऋण प्रदान करना
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योजना कार्य पद्धति
- परियोजना का कार्यान्वयन राष्ट्रीय दुग्ध विकास बोर्ड और राष्ट्रीय दुग्ध विकास सहकारिता द्वारा प्रत्यक्ष रूप से दुग्ध संघों, राज्य दुग्ध परिसंघों, बहु-राज्य दुग्ध सहकारिताओं, दुग्ध उत्पादक कंपनियों और राष्ट्रीय दुग्ध विकास बोर्ड की सहायक संस्थाओं जैसे अंतिम ऋण प्राप्तकर्ताओं के माध्यम से किया जाएगा।
- राष्ट्रीय दुग्ध विकास बोर्ड, आणंद (गुजरात) स्थित कार्यान्वयन और निगरानी प्रकोष्ठ’ परियोजना संबंधी दैनिक गतिविधियों के कार्यान्वयन एवं निगरानी का प्रबंध करेगा।
- अंतिम ऋण प्राप्तकर्ता प्रति वर्ष 6.5% की दर से ऋण प्राप्त करेंगे।
- प्रारंभिक तौर पर दो वर्ष की रियायत समेत पुनर्भुगतान की अवधि 10 वर्ष होगी।
- संबंधित राज्य सरकारों द्वारा ऋण के भुगतान की गारंटी प्रदान की जाएगी।
- यदि स्वीकृत परियोजना हेतु अंतिम उपभोक्ता अपने हिस्से का योगदान करने में समर्थ नहीं है, तो राज्य सरकार द्वारा इसका योगदान किया जाएगा।
योजना के मुख्य तथ्य
परियोजना के तहत एक कारगर दुग्ध खरीद प्रणाली के निर्माण पर बल दिया जाएगा, जिसमें शामिल हैं –
- दूध को ठंडा रखने के लिए आधारभूत संरचना स्थापित करना।
- दूध में मिलावट की जांच के लिए इलेक्ट्रॉनिक उपकरण स्थापित करना।
- प्रसंस्करण आधारभूत संरचना का निर्माण / आधुनिकीकरण / विस्तार करना।
- दुग्ध संघों/दुग्ध उत्पादक कंपनियों के लिए मूल्यवर्धित उत्पादों हेतु विनिर्माण संकाय की स्थापना।
डेयरी प्रसंस्करण और अवसंरचना विकास निधि योजना के लाभ
- योजना से 50,000 गांवों के 95 लाख किसान लाभान्वित होंगे।
- इसके अतिरिक्त 126 लाख लीटर प्रतिदिन अतिरिक्त दुग्ध प्रसंस्करण क्षमता, 210 मीट्रिक टन प्रतिदिन दूध सुखाने की क्षमता एवं प्रतिदिन 140 लाख लीटर दूध को ठंडा करने की क्षमता का सृजन होगा।
- साथ ही दूध में मिलावट की जांच हेतु इलेक्ट्रॉनिक उपकरण और प्रतिदिन 59.78 लाख लीटर दूध के समकक्ष मूल्यवर्धित उत्पादों के विनिर्माण क्षमता का सृजन होगा।
- प्रारंभ 12 राज्यों के 39 लाभ अर्जित करने वाले दुग्ध संघों के साथ परियोजना की शुरुआत की जाएगी।
- योजना के कार्यान्वयन से लगभग 40 हजार लोगों को प्रत्यक्ष रोजगार और लगभग 2 लाख लोगों को अप्रत्यक्ष तौर पर रोजगार के अवसर प्राप्त होंगे।
डेयरी प्रसंस्करण और अवसंरचना विकास निधि योजना का का निष्कर्ष
विश्व में दुग्ध उत्पादन में भारत का प्रथम स्थान है। देश में दुग्ध उत्पादों के उत्पादन एवं उपभोग में निरंतर वृद्धि हो रही है। दुग्ध प्रसंस्करण और अवसंरचना विकास निधि योजना के कार्यान्वयन से दुग्ध प्रसंस्करण सुविधाओं एवं क्षमताओं में वृद्धि होगी। साथ ही रोजगार के अवसरों का भी सृजन होगा।
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