वैज्ञानिको ने ऑक्सीजन-कार्बन से घिरे एक नए तारे की खोज यह है पूरी जानकारी

वैज्ञानिको ने ऑक्सीजन-कार्बन से घिरे एक नए तारे की खोज:- आकाशगंगा अनेकों प्रकार के तारे हैं जिनकी अभी तक खोज नहीं की जा सकी है हमारे वैज्ञानिक लगातार इन तारों का अध्ययन कर रहे हैं और नए-नए तारों की खोज कर के हमारे सामने उनकी जानकारी ला रहे हैं वैज्ञानिकों के द्वारा एक नए प्रकार के तारे की खोज की गई है चारों तरफ से कार्बन और ऑक्सीजन की परत से घिरा हुआ है इस तारीख को देखकर वैज्ञानिक अभी तक कंफ्यूज है कि इस तारे पर इतनी मात्रा में ऑक्सीजन और कार्बन कैसे आई।

वैज्ञानिको ने ऑक्सीजन-कार्बन से घिरे एक नए तारे की खोज

वैज्ञानिको ने ऑक्सीजन-कार्बन से घिरे एक नए तारे की खोज

हमने किताबों में पढ़ा होगा कि सूर्य भी एक प्रकार का तारा है। सूर्य हाइड्रोजन (Hydrogen) और हीलियम (Helium) गैस से मिलकर बना है। परंतु आज वैज्ञानिकों ने एक ऐसे तारीख की खोज की है जिस की परत कार्बन और ऑक्सीजन से मिलकर बनी है।

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तारे कैसे बनते हैं

बड़े तारों को बनने के लिए हाइड्रोजन और हीलियम की आवश्यकता पड़ती है तारे अपने पूरे जीवन काल में हाइड्रोजन एटम को फ्यूज करके हिलियम गैस का निर्माण करते हैं। जब इन तारो पर हाइड्रोजन गैस खत्म हो जाती है तब यह तारा रेड जायंट (Red Giant) बन जाता है। हाइड्रोजन की प्रक्रिया खत्म होने के बाद हीलियम फ्यूजन की प्रक्रिया प्रारंभ हो जाती है इस प्रक्रिया के द्वारा कार्बन और ऑक्सीजन पैदा होती हैं यह प्रक्रिया केवल बड़े तारों में देखने को मिलती है।

नए तारे का नाम क्या है

वैज्ञानिकों ने इस तारे का नाम PG1654+322 और PG1528+025 रखा है। इन तारों के चारों तरफ 20-20 परसेंट कार्बन और ऑक्सीजन पाई गई है। वैज्ञानिक इन दोनों तारों की खोज से हैरान हैं क्योंकि इन दोनों तारों की चारों तरफ कार्बन और ऑक्सीजन की इतनी मोटी परत पाई गई है। इस की खोज ला-प्लाटा यूनिवर्सिटी के डॉक्टर्स ने मिलर कहा कि हमारे जर्मन दोस्तों ने इन तारों की खोज की है।

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