दूरदर्शन पर निबंध (Doordarshan Par Nibandh), विज्ञान ने आज इसकी सच्चाई दूरदर्शन द्वारा सिद्ध कर दी है। दूरदर्शन संसार के कोने-कोने में घटी घटनाओं को उसी समय हमारी आँखों के सामने प्रस्तुत कर देता है। विज्ञान का यह चमत्कार बड़ा आश्चर्यजनक है। विज्ञान के इस वरदान से हमारा पर्याप्त मनोरंजन होता है। इसके द्वारा हमें नाटक का-सा सजीव अभिनय देखने को मिलता है। यह ऐसा स्वाभाविक अभिनय प्रस्तुत करता है कि वह वास्तविक-सा लगता है। उस समय और उस देश की वेश-भूषा, रहन-सहन, रीति-रिवाज आदि की दिखाई जाने वाली झाँकियाँ वास्तविकता के रंग में रँग जाती हैं।
दूरदर्शन पर निबंध (Doordarshan Par Nibandh)

दूरदर्शन पर निबंध (Doordarshan Par Nibandh)
दूरदर्शन की विशेषताएँ
युद्ध, लूटमार, अग्निकाण्ड, बाढ़, दंगे आदि की रोमांचकारी घटनाएँ दूरदर्शन द्वारा सीधी प्रसारित की जाती हैं अथवा उनके चित्र प्रस्तुत किये जाते हैं, हमें घर बैठे ही उनका परिचय मिल जाता है, घटना स्थल पर उन्हें देखने के लिए नहीं जाना पड़ता।
दूरदर्शन आकर्षक दृश्य भी दिखाता है, वह प्रकृति के विविध रूपों की छटा का दर्शन भी कराता है। दूरदर्शन पर सरकस, जादूगरी, मदारियों के खेल भी दिखाये जाते हैं तथा मधुर संगीत एवं नृत्य प्रस्तुत किये जाते हैं।
दूरदर्शन हमारे लिए ज्ञानवर्द्धन का बहुत महत्वपूर्ण साधन है। यह ज्ञान की सामान्य रूपरेखा से लेकर गम्भीर और विशिष्ट रूपरेखा तक को बड़ी ही सुगमतापूर्वक प्रस्तुत करता है। इस प्रकार दूरदर्शन हमारे घर के चूल्हा-चक्की से लेकर अन्तरिक्ष के कठिन ज्ञान की पूरी-पूरी जानकारी देता है।
मनोरंजन का सर्वोत्तम साधन
दूरदर्शन के द्वारा मानव के ज्ञान में वृद्धि होती है। यह देश-परदेश के जीवन, संस्कृति, साहित्य, कला, विज्ञान, उद्योग, इतिहास, भौगोलिक स्थिति आदि का परिचय कराने का उत्तम एवं सरल साधन है।
इसके माध्यम से स्वास्थ्य एवं योगासन सम्बन्धी बातों का ज्ञान कराया जाता है। सामाजिक कुप्रथाओं, धार्मिक अन्ध-विश्वासों आदि के दुष्परिणामों से अवगत कराया जाता है। यह परिवार नियोजन, पर्यावरण प्रदूषण एवं कृषि सम्बन्धी आवश्यक जानकारी भी देता है।
दूरदर्शन से सबसे महत्वपूर्ण लाभ तो यह है कि इसके द्वारा हमारा पूर्ण रूप से मनोरंजन होता है। प्रतिदिन किसी न किसी प्रकार के विशेष आयोजित और प्रायोजित कार्यक्रमों के द्वारा हम अपना मनोरंजन करके विशेष उत्साह और प्रेरणा प्राप्त करते हैं।
उपग्रह दूरदर्शन
उपग्रह दूरदर्शन के प्रयोग द्वारा गाँव वालों को शिक्षित करने का कार्यक्रम शुरू हुआ है, शिक्षा के विस्तार में उसका योगदान अत्यन्त महत्वपूर्ण है। आन्ध्र प्रदेश, बिहार, कर्नाटक, राजस्थान, मध्य प्रदेश और उड़ीसा इन छः राज्यों के लगभग 24,000 गाँव इससे लाभ उठा रहे हैं। इनके लिए 24,000 सैट लगाये गये।
उपग्रह के ठीक संचालन की जिम्मेदारी संयुक्त राज्य अमेरिका की ‘नासा’ संस्था की है। पृथ्वी पर लगाये जाने वाले उपकरणों के संचालन की पूरी जिम्मेदारी अहमदाबाद स्थित भारतीय अन्तरिक्ष अनुसन्धान संगठन की है। इसके लिए कार्यक्रम का प्रबन्ध करना आकाशवाणी की जिम्मेदारी है। भारत में यह अगस्त 1975 से शुरू हुआ है।
दूरदर्शन से हानि
दूरदर्शन मनोरंजन का नवीनतम सर्वोत्तम साधन है। इसके द्वारा प्रस्तुत कार्यक्रम मनुष्य की थकान एवं मानसिक तनाव को दूर करते हैं। परन्तु दूरदर्शन से कुछ हानियाँ भी हैं। दूरदर्शन पर प्रसारित अश्लील गाने एवं नारी के अंग-प्रदर्शन का नवयुवकों पर दूषित प्रभाव पड़ता है।
छात्रों का हर समय दूरदर्शन कार्यक्रम देखते रहना उनके अध्ययन में बाधक सिद्ध होता है। भारतीय संस्कृति को हानि पहुँचाने वाले कार्यक्रम भी असहनीय हैं। पाश्चात्य सभ्यता के कुरुचिपूर्ण रूप का प्रचार नहीं करना चाहिए।
उपसंहार
सारांश यह है कि दूरदर्शन विज्ञान का अनुपम उपहार है। इसने हमें दिव्य-दृष्टि प्रदान की है। हम घर बैठे ही संसार के कोने-कोने का दर्शन करने में समर्थ हो गये हैं। विज्ञान की बलिहारी है कि वह नित्य नवीन कौतूहल बढ़ाने वाले चमत्कार प्रस्तुत कर रहा है। निश्चय ही दूरदर्शन हमारे लिए वरदान स्वरूप है।
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