डॉ. मनमोहन सिंह का जीवन परिचय, डॉ. मनमोहन सिंह का जन्म 26 सितम्बर, 1932 को गाह, पाकिस्तान में हुआ था। उनके पिता का नाम गुरुमुख सिंह था एवं उनकी माता का नाम अमृत कौर था। मनमोहन सिंह की पत्नी का नाम, मनमोहन सिंह प्रधानमंत्री कब बने, मनमोहन सिंह का जन्म कहां हुआ था, मनमोहन सिंह सरकार की उपलब्धियां क्या है।
डॉ. मनमोहन सिंह का जीवन परिचय (Dr. Manmohan Singh Ka Jeevan Parichay)

Dr. Manmohan Singh Ka Jeevan Parichay
भारत के नए प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह का जन्म पाकिस्तान के ‘गाह’ नामक गाँव में 26 सितम्बर, 1932 को हुआ था। पीपल के वृक्ष के नीचे देर रात तक लालटेन की रोशनी में पढ़ना डॉ. मनमोहन सिंह का शौक था।
जन्म | 26 सितम्बर, 1932 |
जन्म स्थान | गाह, पाकिस्तान |
पिता का नाम | गुरुमुख सिंह |
माता का नाम | अमृत कौर |
पत्नी का नाम | गुरशरण कौर |
जन्म एवं शिक्षा
परिवार के लिए आर्थिक संसाधन जुटाने के लिए डॉ. मनमोहन सिंह अपने पड़ोस के बच्चों को ट्यूशन भी पढ़ाया करते थे। पंजाब यूनिवर्सिटी से एम. ए. (अर्थशास्त्र) करने के बाद आपने कैम्ब्रिज और ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालयों में शिक्षा ग्रहण की तथा डी. फिल. एवं डि. लिट. की डिग्रियाँ प्राप्त कीं।
कार्य क्षेत्र
1963 से 1965 तक आप पंजाब विश्वविद्यालय में अर्थशास्त्र के प्रोफेसर रहे। 1969 से 1971 में आपने दिल्ली स्कूल ऑफ इकोनोमिक्स में अध्यापन कार्य किया। डॉ. सिंह के सहयोगी रहे डॉ. के. सुंदरम को वे दिन आज भी याद हैं जब वे दोनों बस से दिल्ली स्कूल आते-जाते थे।
महत्वपूर्ण पद
1971-72 आर्थिक सलाहकार विदेश व्यापार मंत्रालय, 1972-76 प्रमुख आर्थिक सलाहकार वित्त मंत्रालय, 1976-80, सचिव वित्त मंत्रालय, 1980-82 योजना आयोग के सदस्य सचिव। 1982 से 1985 तक आप रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के गवर्नर रहे। 1991-1996 तक आप केंद्रीय वित्तमंत्री रहे। मई 2004 में आप भारत के 14वें प्रधानमंत्री बने। दोबारा 2009 में आप भारत के 15वें प्रधानमंत्री बने।
सरदार मनमोहन सिंह एक प्रतिभाशाली अर्थशास्त्री हैं। वे एक सीधे, सरल और नेक इंसान हैं। अहम और सत्ता के मद से वे कोसों दूर हैं। डॉ. सिंह जमीनी सच्चाई से जुड़े हैं। एक शिक्षक और राजनेता रहते हुए उन्होंने अहम को कभी अपने ऊपर हावी नहीं होने दिया।
डॉ. सिंह के कुछ छात्र भी देश के विभिन्न विश्वविद्यालयों में शिक्षण कार्य कर रहे हैं। शिक्षकों को विश्वास है कि डॉ. सिंह ने केंद्रीय वित्तमन्त्री रहते हुए आर्थिक सुधारों की जो शुरुआत की थी वह जारी रहेगी। ये आर्थिक सुधार आम आदमी के लिए भी लाभदायक सिद्ध होंगे।
उनकी प्रसिद्ध पुस्तक ‘टिकाऊ विकास के लिए भारत के निर्यात रुझान और संभावनाएँ’ ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय से प्रकाशित तथा अर्थशास्त्र के विभिन्न ख्याति प्राप्त पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित अनेक लेख उनकी अदम्य क्षमता के प्रतीक हैं।
एडम स्मिथ सम्मान एवं पुरस्कार कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय 1956, पद्मविभूषण 1987, फाइनेंस मिनिस्टर ऑफ दि ईयर फॉर एशिया 1993 और 1994 आदि से डॉ. मनमोहन सिंह को सम्मानित किया जा चुका है।
लंबे समय के बाद भारत को इतना शिक्षित और काबिल प्रधानमंत्री मिला है। भारत जैसे विकासशील देश की समस्याओं को वे भली-भाँति समझते हैं। आशा है हमारा देश उनके नेतृत्व में नई ऊँचाइयों को छूएगा।
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