द्रौपदी मुर्मू का जीवन परिचय? द्रौपदी मुर्मू कौन है?
द्रौपदी मुर्मू का जीवन परिचय:- द्रौपदी मुर्मू का जन्म 20 जून 1558 को उड़ीसा के एक मयूर भंजन गांव में हुआ था यह भारत की एक आदिवासी महिला है जो वर्ष 2015 में और झारखंड की नौवीं राज्यपाल बनी। इनके पिता का नाम बिरंजी नायडू है। इनकी माता का नाम किनगो टुडू है। द्रौपदी मुर्मू ने अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत वर्ष 1997 में की। वर्ष 2022 में हुए राष्ट्रपति चुनाव में द्रोपदी मुर्मू ने जीत हासिल की और वह भारत की 18वीं राष्ट्रपति बनेंगी।
द्रौपदी मुर्मू का जीवन परिचय (Draupadi Murmu Ka Jivan Parichay)

यह भी पढ़े – भारत के राष्ट्रपति का चुनाव कैसे होता है? राष्ट्रपति पद के लिए क्या योग्यता होनी चाहिए?
Table of Contents
Presidential Election Result 2022
Name | Vote | Vote Value | Total Voat |
---|---|---|---|
द्रौपदी मुर्मू | 2161 | 5,77,777 | 3219 |
यशवंत सिन्हा | 1058 | 2,61,062 | 3219 |
द्रौपदी मुर्मू का जीवन परिचय
पूरा नाम | द्रौपदी मुर्मू |
जन्म | 20 जून 1958 |
जन्म स्थान | मयूरभंज, उड़ीसा |
पिता का नाम | बिरांची नारायण टुडु |
पिता का नाम | किनगो टुडू |
पति का नाम | स्व. श्याम चरण मुर्मू |
बेटी का नाम | इतिश्री मुर्मू |
द्रोपदी मुर्मू की शैक्षिक योग्यता
बचपन से ही द्रोपदी मुर्मू मेधावी छात्र रही। उनकी पढ़ाई लिखाई में काफी रुचि थी उन्होंने वर्ष 1979 में रामा देवी महिला महाविद्यालय से बीए की डिग्री प्राप्त की। मुर्मू ने कई वर्षों तक अध्यापिका बन के बच्चों को पढ़ाया।
द्रोपदी मुर्मू का राजनीतिक करियर
उड़ीसा में बीजू जनता दल और भारतीय जनता पार्टी के गठबंधन की सरकार बनने के बाद उन्होंने 6 मार्च 2020 से 6 अगस्त 2002 तक स्वतंत्र प्रभाव से वाणिज्य एवं परिवहन के मंत्री पद पर विराजमान रही। 6 अगस्त 2002 को मत्स्य पालन एवं पशु संसाधन विकास राज्य मंत्री पद पर विराजमान हुई और उन्होंने 16 मई 2004 तक इस पद की शोभा बढ़ाई।
मुर्मू ने रायरंगपुर से भाजपा पार्टी की तरफ से वर्ष 2000 से 2009 तक विधायक बनी। 18 मई 2015 को पहली आदिवासी महिला को झारखंड का राज्यपाल बनाया गया यह भारत के इतिहास में पहली बार हुआ कि किसी आदिवासी महिला ने राज्यपाल के पद पर बैठकर उसके पद की गरिमा को बढ़ाया। अब भारतीय जनता पार्टी ने राष्ट्रपति पद के लिए द्रौपदी मुरमू का नाम उम्मीदवार के रूप में सामने आया है।
द्रोपदी मुर्मू के जीवन से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारी
- 2000 से 2004 के बीच उड़ीसा सरकार मैं स्वतंत्र प्रभाव से राज्य मंत्री के रूप में वाणिज्य एवं ट्रांसपोर्ट विभाग के पद पर विराजमान रही।
- 2002 से 2004 के बीच उड़ीसा सरकार में पशुपालन और मत्स्य विभाग में राज्य मंत्री के रूप में पद को संभाला था।
- 2002 से 2009 तक एसटी मोर्चा की राष्ट्र कार्यकारिणी सदस्य भारतीय जनता पार्टी में रही।
- द्रोपदी मुर्मू को वर्ष 2007 में उड़ीसा विधानसभा के द्वारा नीलकंड पुरस्कार से सम्मानित किया गया।
- 2013 से अप्रैल 2015 तक भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय कार्यकारिणी में एसटी मोर्चा की सदस्य बनी रहे।
- 2015 से 2021 तक भारत की पहली आदिवासी महिला ने झारखंड में राजपाल के पद पर बैठे।
द्रोपदी मुर्मू को मिले हुए पुरस्कारों के नाम
- द्रोपति मुर्मू को उड़ीसा की विधानसभा के द्वारा श्रेष्ठ विधायक के लिए वर्ष 2007 में ‘नीलकंठ पुरस्कार’ से सम्मानित किया गया था।
FAQ’s
Ans: द्रौपदी मुर्मू वर्ष 2022 में भारत की 18वीं राष्ट्रपति बानी।
Ans: द्रोपदी मुर्मू का जन्म उड़ीसा के एक मयूर भंजन गांव में हुआ था।
Ans: वर्ष 2015 में द्रौपदी मुरमू झारखंड की प्रथम आदिवासी महिला राज्यपाल बनी।
यह भी पढ़े – अटल बिहारी वाजपेयी का जीवन परिचय? अटल बिहारी वाजपेयी पर निबंध?