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हिंदी निबंध संग्रह, निबंध लेखन, हिंदी में निबंध पुस्तक – Essay in Hindi

‘निबंध’ का शाब्दिक अर्थ है- भली-भांति बांधना – ‘नि+बंध’। अतः गद्य की एक विद्या के रूप में जब हम हिंदी निबंध को परिभाषित करते हैं तो उसके अर्थ को इसी रूप में लेते हैं अर्थात् भावों और विचारों को समुचित तरीके से जोड़कर उसे सुगठित रूप में प्रस्तुत करने को ही निबंध कहते हैं।

हालांकि हिन्दी में ‘निबंध’ शब्द अंग्रेजी के Essay शब्द के पर्याय के रूप में प्रयुक्त होता है लेकिन दोनों शब्दों के व्युत्पत्तिगत अर्थों में काफी अंतर है। जहां हिन्दी में निबंध शब्द भावों और विचारों के समुचित तरीके के अभिव्यक्ति के अर्थ में प्रयुक्त होता है। वहीं Essay शब्द का व्युत्पत्तिगत अर्थ है-परीक्षण करना अथवा प्रयत्न करना।

हिंदी निबंध

हिंदी निबंध

जहां तक हिन्दी निबंध लेखन का प्रश्न है तो आज प्रबंध और निबंध दोनों ही शब्द अपने मूल अर्थों से भिन्न अर्थों में प्रयुक्त हो रहे हैं। निबंध में व्यक्तिगत अधिक, व्यवस्थित तरीके से परिलक्षित होता है जबकि प्रबंध में विस्तार, वस्तुनिष्ठता, गांभीर्य और विषय की प्रधानता अधिक होती है।

इस दृष्टि से देखें तो आज निबंध अपने शाब्दिक अर्थ से अलग Essay शब्द के पर्याय के ही रूप में प्रयुक्त हो रहा है। हालांकि आचार्य रामचंद्र शुक्ल ने निबंध और प्रबंध दोनों को एक ही अर्थ में प्रयुक्त किया है। अतः निष्कर्ष रूप में हम कह सकते हैं कि निबंध गद्य लेखन की वह विद्या है जिसमें किसी विषय पर व्यक्तिगत भावों, विचारों और अनुभवों को सीमित आकार और विशिष्ट भाषा-शैली में व्यक्त किया जाता है।

प्रतियोगिता परीक्षाओं के साथ-साथ अकादमिक परीक्षाओं 9वी, 10वी, 11वी, 12वी कक्षा में भी या तो निबन्ध-रचना का एक प्रश्न-पत्र अवश्य होता है अथवा हिन्दी भाषा के प्रश्न-पत्र में अनिवार्य रूप से निबन्ध रचना के प्रश्नों को शामिल किया जाता है। इसलिए प्रतियोगिता परीक्षा एवं अकादमिक परीक्षा में निश्चित सफलता के दृष्टिकोण से छात्रों के लिए हिन्दी निबन्ध हेतु एक स्तरीय पुस्तक की आवश्यकता थी। छात्रों की इसी आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए मैंने इस पुस्तक की रचना की है।

प्रतियोगिता परीक्षा निबंध

जहां तक संघ लोक सेवा आयोग और अन्य राज्यों के लोक सेवा आयोगों की मुख्य परीक्षा में पूछे जाने वाले विविध विषयों के निबंधों का प्रश्न है तो उपर्युक्त परिभाषा की सीमा के भीतर रहकर निबंध लिखना बेहद उपयोगी होगा। संघ लोक सेवा आयोग की मुख्य परीक्षा के निबंध-पत्र के संदर्भ में स्पष्ट लिखा गया है कि उम्मीदवारों से यह अपेक्षा की जाएगी कि वे अपने विचारों को क्रमबद्ध करते हुए निबंध के विषय में निकटता बनाए रखे और अपनी बात संक्षेप में लिखें।

साथ ही प्रभावशाली और सटीक अभिव्यक्तियों के लिए श्रेय दिए जाने की भी बात कही गई है। अर्थात इन परीक्षाओं में भी निबंध के उसी स्वरूप को वरीयता दी गई है जिसमें भावों और विचारों को विशिष्ट भाषा शैली में अभिव्यक्त किया जाता है।

अतः निबंध लेखन के क्रम में इस बात पर विशेष रूप से ध्यान देना है कि विषय से संबंधित अधिकाधिक तथ्यात्मक जानकारी एकत्र की जाए और फिर इन तथ्यों के आधार पर विषय का विश्लेषण किया जाए। इस संदर्भ में एक बात महत्वपूर्ण है कि विषय की रूपरेखा और उससे संबंधित विभिन्न तथ्यों को एक जगह कहाँ लिख लिया जाये ताकि विषय का विवेचन एक सुसंगत और क्रमबद्ध तरीके से हो। साथ ही भाषा में प्रवाह बना रहे। प्रतियोगी परीक्षाओं में राजनीति, समाज, अर्थव्यवस्था, संस्कृति, विज्ञान, साहित्य दर्शन आदि विभिन्न क्षेत्रों से निबंध पूछे जाते हैं। ऐसे में विद्यार्थियों के पास कई विकल्प रहते है।

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