स्टैच्यू ऑफ यूनिटी पर निबंध : स्टैच्यू ऑफ यूनिटी क्या है? Statue of Unity भारत के लौह पुरुष ( सरदार वल्लभ भाई पटेल ) को समर्पित एकता की मूर्ति है। सरदार पटेल भारत के प्रथम उप प्रधानमंत्री तथा प्रथम गृहमंत्री थे। इन्हें लौहपुरुष के नाम से भी जाना जाता है। ये भारतीय राजनीतिज्ञ तथा भारतीय गणराज्य के संस्थापक थे। एकता की यह प्रतिमा भारत के गुजरात राज्य में स्थित है भारत की ही नहीं बल्कि विश्व की सबसे ऊँची प्रतिमा है।
यह प्रतिमा गुजरात राज्य के नर्मदा जिले में साधु बेट नामक स्थान पर स्थित है। गुजरात राज्य का दूसरा सबसे बड़ा बांध सरदार सरोबार बांध से लगभग 3.2 km दूर नर्मदा नदी के एक टापू पर ये स्मारक बनाया गया है। इसकी ऊँचाई ( लम्बाई ) 182 मीटर (597 फीट) है।
स्टैच्यू ऑफ यूनिटी पर निबंध

निम्नवत ब्लॉग में हमने स्टैच्यू ऑफ़ यूनिटी पर निबंध हिंदी में (Essay on Statue of Unity in Hindi) प्रस्तुत किया है। इसमें हमने सरल भाषा में अधिक जानकारी देने की कोशिश की है। आशा है आपको भारत व विश्व की सबसे ऊँची प्रतिमा Statue of Unity से जुड़ी हुई सभी जानकारियाँ इस ब्लॉग से प्राप्त हो जाएगी।
स्टैच्यू ऑफ यूनिटी मत्वपूर्ण जानकारी (Statue of Unity in Hindi)
प्रतिमा का नाम | Statue of Unity |
किसकी प्रतिमा | सरदार वल्लभ भाई पटेल |
निर्माण शुरू हुआ | 31 अक्टूबर , 2013 |
उद्घाटन की तिथि | 31 अक्टूबर, 2018 |
मूर्ति निर्माण तिथि | 25 अक्टूबर, 2018 |
मूर्ति बनाने में धातु का प्रयोग | लोहे, इस्पात साँचे, प्रबलित कंक्रीट तथा कांस्य लेपन |
मूर्ति की ऊँचाई | 182 मीटर (597 फीट) |
जमीं से ऊँचाई | 240 मीटर (790 फीट) |
मूर्ति का स्थान | गुजरात के नर्मदा जिले में स्थित साधु बेट में |
कुल निर्माण धन राशि | ₹2,063 करोड़ (US$301.2 मिलियन) |
इस स्मारक के निर्माण में प्रयोग होने वाली जगह ( भूमि अधिग्रहण ) के लिए यहाँ के स्थानीय लोगों ने विरोध किया था। लोगों का यह मानना था की साधु बेट एक स्थानीय धार्मिक स्थान है जो वरट बावा टेकरी के नाम से जाना जाता है। अतः इसके बाद पर्यावरण मंत्रालय की स्वीकृति के बाद ही विश्व की सबसे ऊँची मूर्ति (Statue of Unity) का निर्माण कार्य संभव हो सका।
स्टैच्यू ऑफ यूनिटी निर्माण घोषणा
गुजरात सरकार के द्वारा 07 अक्टूबर 2010 इस परियोजना की घोषणा नरेंद्र मोदी ने अपने शासन काल में ही कर दी थी। इस मूर्ति को बनाने के लिए लगभग 5000 मीट्रिक टन लोहे की आवश्यकता पड़ी थी। मूर्ति को बनाने के लिए लोहे को इक्कठा करने के लिए भारत सरकार ने इक अहम भूमिका निभाई थी।
भारत सरकार ने लोहा इक्कठा करने के लिए पुरे देश में सरदार वल्लभभाई पटेल राष्ट्रीय एकता ट्रस्ट के 36 कार्यालय खोले थे। इस ट्रस्ट का उद्देश्य लगभग 05 लाख किसानों से लोहा इकट्ठा करना था। खेती में प्रयोग होने वाले बेकार हो चुके औजारों और पुराने लोहे को किसानों से इकट्ठा करना था।
स्टैच्यू ऑफ यूनिटी (स्टैच्यू ऑफ यूनिटी पर निबंध) मूर्ति के निर्माण के लिए के समय इक प्रार्थना पत्र बनाया गया था। जिस नाम प्रार्थना पत्र का नाम सुराज प्रार्थना पत्र रखा गया था। इसका उद्देश्य जनता से बेहतर राय लेना था। इसके लिए 15 दिसंबर 2013 को “रन फॉर यूनिटी” मैराथन दौड़ का भी आयोजन किया गया था।
स्टैच्यू ऑफ यूनिटी नर्मदा नदी परियोजना
Statue of Unity परियोजना नर्मदा नदी बाँध के पास 3.2 km दूर स्थित साधु बेट नाम के नदी के द्वीप पर स्थित है। 240 मीटर ऊँची यह प्रतिमा इस्पात साँचे, प्रबलित कंक्रीट तथा कांस्य लेपन से बनी हुई है। इस स्मारक तक पहुँचने के लिए लिफ्ट का प्रयोग किया गया है। इसकी साफ सफाई, सुरक्षा, और रख रखाव के लिए हर सोमवार को स्टैच्यू ऑफ़ यूनिटी स्मारक को बंद रखा जाता है।
Statue of Unity का निर्माण कार्य
भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सरदार पटेल के 138 वें जन्म दिवस पर ( 31 ऑक्टोवर 2013 ) इस स्मारक का शिलान्यास रखा था। स्टैच्यू ऑफ़ यूनिटी मूर्ति के निर्माण में लगभग 2063 करोड़ रुपय की कुल लागत आई थी। इसके मूर्ति के निर्माण के लिए टर्नर कंस्ट्रक्शन की मदद ली गई थी जिसने बुर्ज खलीफा के निर्माण में अहम भूमिका निभाई थी। इस मूर्ति को बनने में पुरे 05 वर्ष का समय लगा था। इस मूर्ति की आकृति, निर्माण तथा रखरखाव की जिम्मेदारी भारतीय विनिर्माण कंपनी “लार्सन एंड टूब्रो” को दी गई है।
स्टैच्यू ऑफ यूनिटी के निर्माण में वित्तीय सहायता
इसका निर्माण सार्वजानिक और निजी साझेदारी से किया गया है। वित्तीय रूप से इस मूर्ति के निर्माण कार्य में सबसे अधिक अहम भूमिका गुजरात की थी। Statue of Unity के निर्माण के लिए गुजरात सरकार ने 2012 से 2013 के बीच लगभग 100 करोंड़ और 2013 से 2014 के बीच में लगभग 500 करोड़ की सहायता योगदान दिया था और 2014 से 2015 के बीच लगभग भारतीय संघ के बजट के अनुसार 02 अरब रुपय का योगदान किया गया था।
Statue of Unity FAQ’S
Ans- स्टैच्यू ऑफ यूनिटी मूर्ति पर कांस्य का धातु का लेपन है।
Ans- रन फॉर यूनिटी ( Run for Unity Mairaton )।
Ans- स्टैच्यू ऑफ यूनिटी प्रतिमा बनने में 05 वर्ष का समय लगा।
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