गैस सिलिंडर पर लिखा हुआ कोड क्या है: हमारे रसोई घर में LPG गैस सिलेंडर का इस्तेमाल होता है। आजकल सिर्फ महिलाएं ही नहीं बल्कि पुरुष, बुजुर्ग और बच्चे भी आसानी से खाना बना लेते हैं। लेकिन हमारी जरा सी भी लापरवाही बहुत बड़ी दुर्घटना का कारण भी बन सकती है।
गैस सिलिंडर पर लिखा हुआ कोड क्या है

Gas Cylinder Par Likha Hua Code Kya Hai
जो गैस सिलेंडर हमारे किचन के काम को बहुत आसान बना देता है साथ ही हमारी जरा सी भी लापरवाही से यह हमको नुकसान भी पहुंचा सकता है। इसलिए यह जरूरी होता है कि जब आपके घर पर नया गैस सिलेंडर आए तो आपको यह मालूम होना चाहिए कि आपके पास आया हुआ सिलेंडर सुरक्षित है या नहीं।
इसे जानने के लिए सिलेंडर पर जो लिखा हुआ कोड है उसके बारे में आपको मालूम होना चाहिए। कई लोग यह तो चेक कर लेते हैं कि सिलेंडर कहीं लीक तो नहीं हो रहा। लेकिन यह नहीं जानते कि यह सिलेंडर कितना पुराना है? और कब इसको रिपेयर की जरूरत है? गैस सिलिंडर एक्सपायरी डेट इन हिंदी?
आइए हम आपको बताते हैं कि आप यह कैसे पता लगाएं की सिलेंडर कितना पुराना है और कब इस को सुधारने की जरूरत है। आपके गैस सिलेंडर पर एक कोड नंबर लिखा होता है जिससे आप यहां आसानी से जान सकते हैं कि आपके पास जो सिलेंडर आया है वह कितना सुरक्षित है।
यह कोर्ट सिलेंडर में किस जगह पर लिखा होता है ऊपर Image में आप इसे अच्छी तरह से देख सकते हैं इस Code में अंग्रेजी का अल्फाबेट एबीसीडी के साथ कुछ नंबर लिखे होते हैं आइए जानते हैं इन अल्फाबेट लेटर और नंबर कोड का मतलब क्या होता है।
A = January, February, March (1st Quarter)
B = April, May, June (2nd Quarter)
C = July, August, September (3rd Quarter)
D = October, November, December (4th Quarter)
अगर आपके गैस सिलेंडर पर लिखा है- D 25 तो इसका मतलब है कि आपका सिलेंडर साल 2025 के अक्टूबर, नवंबर, दिसंबर के महीने के बाद उपयोग करना बिल्कुल खतरे से खाली नहीं है। अगर गलती से साल 2025 में अक्टूबर, नवंबर, दिसंबर के महीने में अगर यह सिलेंडर आपके पास आता है तो आपको इसे इस्तेमाल नहीं करना है और इसे वापस लौटा देना है।
जब यह सिलेंडर बनता है तब इन गैस सिलेंडर को हाई प्रेशर टेस्ट पास करना होता है ताकि कंपनी इस बात से पक्की हो जाए कि सामान्य स्थिति में इस सिलेंडर का फटने का कोई चान्स नहीं है। हर एक सिलेंडर के बनने के 10 साल बाद फिर से हाई प्रेशर टेस्ट और सुरक्षा जांच के लिए भेजा जाना जरूरी हो जाता है। और फिर इसके 5 साल बाद सिलेंडर का तीसरा टेस्ट होता है।
जिसका मतलब यह है कि हर सिलेंडर का 15 साल के लाइफ के दौरान दो बार हाई प्रेशर टेस्ट किया जाता है। अगर यह सिलेंडर टेस्ट में फेल हो जाते हैं तो इन गैस सिलेंडर को कंपनी में दोबारा नहीं दिया जाता बल्कि इन्हें नष्ट कर दिया जाता है।
गैस सिलेंडर का रंग लाल क्यों होता है?
क्या आपने कभी सोचा है कि आपके घर जो सिलेंडर आता है उसका रंग लाल ही क्यों होता है बाकी कोई दूसरा रंग क्यों नहीं होता? गैस सिलेंडर का रंग लाल होने के कोई खास वजह नहीं है। सिलेंडर के लिए लाल रंग इस लिए चुना गया है क्योंकि यह लोगों में सतर्कता, चौकन्ना, और खतरे का सिग्नल देती है। क्योंकि सिलेंडर के अंदर भरा एलपीजी गैस बहुत ही जल्दी आग पकड़ लेता है और इन गैस सिलेंडर को एक जगह से दूसरी जगह पर ले जाया जाता है।
ले जाते समय इसे व्यक्ति दूर से भी देख सकता है। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि जो व्यवसायिक सिलेंडर होता है वह नीले रंग का होता है। जो दूसरे देशों में सिलेंडर का इस्तेमाल होता है उनका रंग अलग हो सकता है यह जरूरी नहीं है कि सभी सिलेंडर लाल रंग के ही हो।
गैस सिलेंडर में गंध क्यों आती है?
गैस सिलेंडर मैं जो गैस भरा होता है उसका नाम है एलपीजी LPG। जिसे लिक्विफाइड पेट्रोलियम गैस कहते हैं। खास बात यह है कि इसमें अकेली LPG गैस नहीं है इसमें और भी गैसों का मिश्रण होता है।
जिन गैसों का इनमें मिश्रण होता है उनका नाम है ब्यूटेन Butane और प्रोपेन Propane। लेकिन हैरानी की बात यह है कि इनमें किसी प्रकार की गंध नहीं होती जिससे अगर आपका सिलेंडर लीक भी करेगा तो आपको पता नहीं चलेगा और कोई बड़ी दुर्घटना होने की संभावना ज्यादा हो सकती है।
इसलिए इसमें एक केमिकल डाला जाता है उसका नाम है Ethyl Mercaptan और इस केमिकल की खास बात यह है कि इसमें बहुत ही तेज गंध होती है जिससे अगर आप का सिलेंडर लिक करें तो आपको गंध मिले और आप किसी भी प्रकार के दुर्घटना से बच सकते हैं।
गैस सिलेंडर का वजन कितना होता है? और इनमें कितनी गैस भरी होती है?
खाली गैस सिलेंडर का वजन होता है 15.2 किलोग्राम और इसमें भरी गैस का वजन होता है 14. 2 किलोग्राम । यानी के भरे हुए गैस सिलेंडर का पूरा वजन होता है 29 .4 किलोग्राम। इसका वजन अलग-अलग देश और अलग-अलग कंपनियों के मुताबिक थोड़ा अलग अलग हो सकता है यानी आपके घर में आ रहे सिलेंडर भरे हुए गैस सिलेंडर का वजन लगभग 30 किलोग्राम के आस पास होता है।
गैस सिलेंडर चौकोर क्यों नहीं होता?
गैस सिलेंडर को बेलना कार जैसा बनाने के पीछे एक बहुत बड़ा वैज्ञानिक कारण है। जब इन गैस सिलेंडर में गैस भरा जाता है तो वह बहुत तेज प्रेशर से भरा जाता है जिस वजह से गैस बाहर निकलने के लिए कोने के हिस्सों पर जोर लगाता है।
चकोर गैस सिलेंडर में यह खतरा होता है कि गैस का दबाव अगर किसी कोने पर ज्यादा या कम हो सकता है जिसे वह बाहर भी निकल सकता है। इसी वजह से गैस सिलेंडर को ध्यानपूर्वक वेरना कार का बनाया जाता है। जिससे चारों ओर गैस का दबाव चारों और लगभग सामान्य हो। गैस सिलेंडर को बेलनाकर बनाने का कारण यह भी है कि इसको ले जाने में बहुत आसानी होती है।
सिलेंडर में नीचे छेद क्यों होता है?
गैस सिलेंडर के नीचे पेंदी में छेद होने का सामान्य सा कारण है इसका बस इतना काम होता है कि सिलेंडर का मुख्य हिस्सा जमीन को ना छुए और इसमें जंग ना लगे। साथ ही जब सिलेंडर को एक जगह से दूसरी जगह ले जाया जाता है तब एक सिलेंडर के ऊपर दूसरे सिलेंडर को आसानी से रखा जा सकता है।

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