बढ़ते बच्चों के शारीरिक और मानसिक विकास के लिए डाइट कैसी होनी चाहिए, बारह-तेरह वर्ष की आयु में लड़के तथा लड़कियों के शरीरों तथा मस्तिष्क का विकास तीव्रता से होने लगता है। कुछ की यह अवस्था दस वर्ष को पार करते-करते आ जाती है। कुछ भी हो, यदि इस समय सही, सुपाच्य, पौष्टिक आहार की पूरी मात्रा उन्हें नहीं मिलेगी तो उनके विकास में बाधा अवश्य आएगी। सचेत हों।
बढ़ते बच्चों के शारीरिक और मानसिक विकास के लिए डाइट कैसी होनी चाहिए

यह भी पढ़े – सर्दियों में भोजन (खानपान) का विशेष रूप से ध्यान देना इसलिए है जरूरी
बढ़ते बच्चों की डाइट कैसी होनी चाहिए
- पहली बात तो यह ध्यान में रहे कि हमारा बेटा हो या बेटी, दोनों के शरीर का विकास अच्छी खुराक मांगता है। अतः बिना भेद-भाव के दोनों के आहार की उचित आवश्यकता पूरी करें।
- सात वर्ष से बारह वर्ष की आयु में 1100 से 1500 कैलोरी भोजन, तेरह से पन्द्रह वर्ष के लड़कों को 3200 जबकि इसी उम्र की लड़कियों को 2700 कैलोरी भोजन अवश्य मिले।
- एक अन्य मत के अनुसार जब काम, आयु, खेलकूद का स्तर, परिश्रम सब एक से हों तो लड़का, लड़की बराबर कैलोरी भोजन खाएं।
- भोजन के समय में अनिश्चितता न आने दें। निश्चित समय पर भोजन हो।
- बाजारू पका भोजन न दें। शुद्ध, घर में तैयार भोजन ही खाएं।
- इस आयु के लड़के-लड़कियों के भोजन में ये आहार जरूर रहें- (1) हरी सब्ज़ियां (2) पत्तेदार साग (3) देशी घी (4) चना (5) गेहूं (6) सोयाबीन (7) पनीर (8) मक्खन (9) दूध (10) लस्सी या दही आदि ।
- मतलब यह कि इस आयु में वसा, प्रोटीन, विटामिन्स, खनिज, कार्बोहाइड्रेटस अवश्य मिलें। तभी भोजन पौष्टिक हो सकेगा।
- ताजी सब्जियों तथा फलों के जूस एक गिलास प्रतिदिन दें।
- बर्फ का पानी न पीएं। उबालकर, ठंडा किया पानी पीएं।
- गर्मी के मौसम में बार-बार पानी पीने से भी यदि प्यास न बुझे और आप चाय पीते हों, तब इसे पी लें। प्यास शांत होगी।
- कभी गर्म तो तुरन्त बाद ठंडा नहीं पीना चाहिए। दांत खराब हो जाएंगे।
- यदि लड़कियां रजोकाल को प्राप्त हो चुकी हैं, तब तो हर अवस्था में उन्हें पौष्टिक आहार लेना ही चाहिए। नहीं तो कमजोरी आती है।
- ऋतु के ‘अनुसार आहार में परिवर्तन करना शुभकर माना जाता है।
- उड़द की दाल, गेहूं, चना, मूंग, मटर, सोयाबीन अंकुरित करके खाएं।
- भोजन के बाद एक छोटा टुकड़ा गुड़ खाना अच्छा रहता है।
- अम्ल तत्व की अधिकता के कारण गुड़ गंदगी दूर कर शक्ति देता है।
- पेट साफ रखें। उतना ही खाएं जितनी भूख हो। लालच कभी न करें।
- एक नींबू तथा एक बड़ा चम्मच शहद प्रतिदिन किसी भी हालत में खाएं।
- विकसित होते लड़के-लड़कियां अपने आहार का तो ध्यान रखें ही, साथ में खेल-कूद, व्यायाम, योगासन, दौड़, लम्बी छलांग आदि में रुचि रखें।
- मानसिक विकास तथा शरीर का विकास साथ-साथ चलते हैं। ध्यान रखें।
- प्रतिदिन थोड़ी मात्रा में सूखे मेवे, ताजे फल, सलाद अवश्य लें।
- महंगे फलों तथा भोजन के पीछे न चलें। ताजा, मौसमी, सस्ते फलों में विशेष उपयोगिता रहती है। युवा इनका लाभ उठाएं।
यह भी पढ़े – डायबिटीज के घरेलू उपाय, शुगर में किन चीजों का परहेज करना चाहिए
अस्वीकरण – यहां पर दी गई जानकारी एक सामान्य जानकारी है। यहां पर दी गई जानकारी से चिकित्सा कि राय बिल्कुल नहीं दी जाती। यदि आपको कोई भी बीमारी या समस्या है तो आपको डॉक्टर या विशेषज्ञ से परामर्श लेना चाहिए। Candefine.com के द्वारा दी गई जानकारी किसी भी जिम्मेदारी का दावा नहीं करता है।