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हैजा बीमारी क्या है? हैजा बीमारी के लक्षण व प्राथमिक उपचार बताइए?

हैजा बीमारी क्या है: हैजा या कॉलरा (Cholera) विब्रिओ बेसिलाई जीवाणुओं द्वारा होने वाला एक तीव्र अतिसार (Diarrhoea) युक्त रोग है, जल व भोजन के हानिकारक सूक्ष्मजीव की वजह से रोग फैलता है। वैज्ञानिकों के अनुसार हैजा बीमारी (haija bimari kya hai) बांग्लादेश में आई थी।

हैजा बीमारी कैसे होती है, हैजा की बीमारी कब आई थी, हैजा से बचने के लिए हमें किस तरह का भोजन और पानी प्रयोग करना चाहिए। संक्रमण का स्रोत रोगी अथवा वाहक (Carrier) का संक्रमित मल अथवा मन रहता है।

हैजा बीमारी क्या है

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haija bimari kya hai

हैजा कैसे होता है

कुछ घंटों से लगा कर 5 दिन तक विब्रिओ बेसिलाई नामक जीवाणु आंतों में प्रवेश कर आंत्रिय कोशाओं में विष उत्पन्न करते हैं (Toxins) तथा अत्यधिक मात्रा में तरल स्रावित करते हैं।

हैज़ा या कॉलरा के लक्षण

पीड़ा रहित तीव्र अतिसार जिसमें आंत्रिय भित्ति की श्लेष्मा झिल्लीयुक्त जलवत (पानी) के समान) मलोत्सर्ग होता है. वमन के साथ कॉलरा का विशिष्ट चावल के मांड के समान मल त्याग (Rice water stools)।

मरीज लगभग 40 दस्त प्रतिदिन करता है और परिणामस्वरूप शीघ्र ही निर्जलीकरण के कारण निढाल हो जाता है। डूबी हुई आँखें (Sunken eyes). दबे या पिचके हुए गाल, पिचका हुआ पेट (Scaphoid abdomen) सामान्य से कम शारीरिक तापक्रम (Subnormal temperature) अनुपस्थित नाड़ी स्पंदन, संकरा (Shallow) एवं तीव्र श्वसन, मूत्र त्याग में कमी।

इसके अन्य लक्षण व चिन्ह हैं. मंरीज़ बेचैन रहता है. उसे अत्यधिक प्यास लगती है तथा हाथ-पांवों और पेट में पेशीय ऐंठन (Cramps) उत्पन्न हो सकती है, अत्यधिक निर्जलीकरण के कारण मरीज़ की मृत्यु भी हो सकती है। मल एवं वमन के प्रयोगशाला परीक्षण द्वारा निदान सुनिश्चित किया जा सकता है।

हैज़ा या कॉलरा का उपचार

इस हेतु पुनर्जतीकरण चिकित्सा देते हैं जिसमें ओ आर एस (ORS-oral rehydration solution) या जीवन रक्षक घोल का उपयोग किया जाता है. जीवन रक्षक घोल की संरचना निम्नानुसार होती है-

सोडियम क्लोराइड (नमक)3.5 ग्राम
सोडियम बाइकार्बोनेट (मीठा सोड़ा)2.5 ग्राम
पोटेशियम क्लोराइड1.5 ग्राम
उबला पानी1 लीटर
घरेलू जीवन रक्षक घोल20 ग्राम

घरेलू जीवन रक्षक घोल

एक लीटर उबले पानी में 5 ग्राम खाने का नमक एवं 20 ग्राम शक्कर डाल कर बनाया जा सकता है

रोग से बचने के उपाय (Preventive Measures)

  1. सुरक्षित पेयजल प्रदाय
  2. उपयुक्त मल निकासी व्यवस्था
  3. सहवर्ती (Concurrent) एवं अंतिम (Terminal) विसंक्रमण (Disinfection)

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