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हैजा की रोकथाम और उपचार के लिए क्या करें ये है टिप्स

हैजा की रोकथाम और उपचार के लिए क्या करें ये है टिप्स, हैजा रोग बड़ी ही तेजी से फैलता है। यदि किसी को हैजा (Haija Ki Roktham or Upchar) हुआ है तो उस के शुरुआती लक्षण दिखने पर तुरंत इलाज ले लेना चाहिए यदि इस रोग में थोड़ी भी लापरवाही भर्ती तो यह रोग घातक रूप ले लेता है। एक के बाद एक मौतें होने लगती हैं। इसकी रोकथाम तथा उपचार में जरा भी ढील नहीं होनी चाहिए। जरूरी है-

हैजा की रोकथाम और उपचार

हैजा की रोकथाम और उपचार

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  1. घर की, आंगन की, गली की, मोहल्ले की पूरी सफाई । विशेषकर नालियों को साफ रखें। कहीं भी पानी न ठहरने दें। मक्खी-मच्छर इसे फैलाने में सबसे आगे रहते हैं।
  2. मल, थूक, उल्टी सदा ढंके रहें। इन पर चूना आदि डालें।
  3. पानी को उबालकर, ठंडा कर, ढंककर रखें। यही पीना चाहिए।
  4. यह रोग बरसात के शुरू में होता है। गर्मी जाने के दिनों में। हैजा न हो, इसके लिए लहसुन, प्याज, अदरक, नींबू कच्चे खाया करें।
  5. भोजन बासी न खाएं। ऐसा कुछ भी न खाएं जो उघड़ा रखा हो तथा मक्खी-मच्छर के सम्पर्क में आ चुका हो।

जब ऐसा हो जब

  1. अधिक उल्टियां आने लगें,
  2. पतले दस्त बार-बार आ रहे हों,
  3. पेट तथा अंतड़ियों में ऐंठन हो,
  4. घबराहट, बेचैनी बनी रहे,
  5. ज्वर भी रहे जब ये सब बातें हों तो समझ लें कि हैजा का आक्रमण हो चुका है। तब तुरन्त उपचार करें।

जरूरी उपचार

  1. रोगी को जल्दी से जल्दी डॉक्टरी सहायता मिलनी चाहिए।
  2. पानी उबालकर, ठंडा कर, ढंककर प्रयोग में लाएं।
  3. इस पानी में कभी नींबू, कभी इमली का रस घोलें तो कभी अजवायन का अर्क डालकर रोगी को पिलाएं।
  4. पुदीने का अर्क, सौंफ का अर्क तथा अजवायन का अर्क, इस रोग में तीनों लाभकारी होते हैं। पानी के एक कप में 10-11 बूंद डालकर दिन में तीन बार लें।
  5. एक कटोरी में स्वच्छ पानी लें। इसमें अमृत धारा या कपूर धारा की 12-12 बूंदें डालें। रोगी को पिलाएं।
  6. एक प्याज को काटें। इसमें 7 काली मिर्च मिलाएं। दोनों को कूट-पीस लें। इसका एक तिहाई रोगी को खिलाएं। शेष जो बचे, उसके दो हिस्से करें। हर तीन घंटे बाद खिलाएं।
  7. हैजा के रोगी को चपाती न दें। चावल भी नहीं। उसे या तो खिचड़ी खिलाएं या दलिया ।
  8. शरीर में पानी की कमी हो जाती है। ऐसे रोगी का खास ध्यान रखें। दो बड़े गिलास पानी लें। इसमें आधा चम्मच नमक, आधा चम्मच मीठा सोडा, दो चम्मच चीनी डालें। घोलकर बार-बार पिलाएं।
  9. रोगी का पेशाब नहीं रुकना चाहिए, इस पर नजर रखें। यह रोग बड़ी जल्दी फैलता है। सबको लपेट लेता है। मौत का कारण बनता है। अतः इस ओर अवश्य चौकस रहें।

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अस्वीकरण – यहां पर दी गई जानकारी एक सामान्य जानकारी है। यहां पर दी गई जानकारी से चिकित्सा कि राय बिल्कुल नहीं दी जाती। यदि आपको कोई भी बीमारी या समस्या है तो आपको डॉक्टर या विशेषज्ञ से परामर्श लेना चाहिए। Candefine.com के द्वारा दी गई जानकारी किसी भी जिम्मेदारी का दावा नहीं करता है।

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