कैसे निखारें शहद से अपनी त्वचा: शहद अनेक प्रकार के पौधों के फूलों से तैयार होता है, अतः इसके रंग, गंध एवं स्वाद में अन्तर आ जाता है। साथ ही पतलापन और गाढ़ापन भी ऋतुओं के फूलों पर निर्भर करता है। सरसों, सेब आदि का शहद गाढ़ा और अपेक्षाकृत सफेदी लिए होता है। नीम का शहद पतला होता है और इसी प्रकार वनपुष्पों का शहद भी पतला, किन्तु गहरे रंग का होता है।
कहीं-कहीं काले और सफेद रंग की भी किस्में पाई जाती हैं। इंग्लैंड में बिल्कुल सफेद और मरमरी रंग का शहद भी मिलता है। एक किलोग्राम शहद बनाने में 60,000 फूलों के रस का प्रयोग होता है और मधु मक्खियों को लगभग 70,000 किलोमीटर का चक्कर लगाना पड़ता है।
कैसे निखारें शहद से अपनी त्वचा

अमरीका के डॉक्टर जे. एन. कैलोंग के अनुसार जिन शिशुओं को प्रतिदिन शहद दिया गया, वे अन्य शिशुओं की अपेक्षा अधिक हृष्ट-पुष्ट और बलवान बने। फ्रांस के चिकित्सक बच्चों, स्त्रियों और पुरुषों को शक्ति के लिए शहद क्रीम और शहद मक्खन खाने की राय देते हैं।
शिशुओं को प्रथम नौ महीनें तक मधु दिया जाए तो उनको छाती के रोग नहीं होते। इसकी मात्रा शिशुओं के लिए 5 से 15 बूंद, बालकों के लिए आधा चम्मच और युवकों के लिए दो छोटे चम्मच नियत हैं। शिशुओं को यह प्रातः माता के दूध में मिलाकर दिया जाता है या चटा दिया जाता है।
शहद से निखारें अपनी त्वचा
हृदय रोगी भी शहद का उपयोग करें। डॉक्टर आर्नल्ड लारेंड के अनुसार हृदय की धमनी के लिए शहद महान शक्तिवर्द्धक है। उनका परामर्श है कि प्रत्येक हृदय रोगी को सोते समय शहद और नीबू का रस मिलाकर एक गिलास पानी अवश्य पीना चाहिए। थोड़ी मात्रा में शराब हृदय को बढ़ावा तो देती है, पर वह शक्ति बनावटी होती है,
क्योंकि जैसे ही शराब का असर उतरता है, हृदय और भी थकान- सी महसूस करने लगता है। शहद का असर कृत्रिम नहीं होता और वह हृदय को शक्ति प्रदान करता है। कीटाणुनाशक होता है शहद और शल्य चिकित्सा में भी शहद की उपयोगिता स्वीकार की जाती है।
शहद व्रण (फोड़े) और त्वचा की जलन आदि के घाव के चिन्ह और दर्द को दूर करता है।बीवाडिन के डॉक्टर स्कॉच ने अल्सर के कई रोगियों को मधु के उपयोग द्वारा ठीक करने में सफलता प्राप्त की। पेट के छोटे-मोटे घाव अथवा आरम्भिक अल्सर मधु द्वारा ठीक हो जाते हैं। ऐसी दशाओं में मधु को दूध अथवा चाय के साथ समुचित अनुपात में लेना लाभदायक है।
शहद का उपयोग सौंदर्य वृद्धि में
- चेहरे को पानी की भाप से साफ कर लें। इसके बाद शहद में नीबू का रस मिलाकर लेप करें। 15-20 मिनट बाद इसे पानी से धो लें। ऐसा कुछ दिनों तक नियमित करने से मुंहासों से छुटकारा मिल जाता है।
- नहाने से पहले दूध की मलाई और शहद समान मात्रा में मिलाकर चेहरे पर लेप करें और फिर कुछ समय बाद धो डालें। ऐसा कुछ दिनों तक नियमित करने से चेहरे पर असमय से उभर आने वाली झाइयां दूर हो जाती हैं।
- संतरे के छिलके को छाया में सुखाने के बाद पीसकर चूर्ण (पाउडर) बना लें। दो चम्मद शहद में थोड़ा-सा संतरे के छिलको द्वारा बनाया गया पाउडर मिलाकर उबटन बनाएं और उसका चेहरे पर लेप करें। ऐसा कुछ दिनों तक करने से त्वचा निखर जाती है।
- टमाटर के रस में शहद मिलाकर हाथ और पैर पर लगाने से त्वचा कोमल होती हैं तथा निखर जाती है।
शहद की शुद्धता की पहचान कैसे करें
जैसे-जैसे शहद की मांग बढ़ती जा रही है, उसमें मिलावट की प्रवृत्ति भी बढ़ती जा रही है। शुद्ध मधु की पहचान निम्न प्रकार की जानी चाहिए।
- शहद को शीशे के बर्तन में डालकर मिथीलेटेड स्प्रिंट में मिलाकर अच्छी तरह हिलाना चाहिए। यदि शहद नीचे बैठ जाए तो शुद्ध और यदि रंग दूध जैसा हो जाए तो अशुद्ध समझना चाहिए।
- पानी से भरे कांच के गिलास में शहद की बूंदें छोड़ने पर यदि वह तल तक ज्यों की त्यों पहुंचे तो शहद शुद्ध है और यदि तल तक पहुंचने से पहले ही फैलकर पानी में मिल जाएं तो यह बनावटी है।
- कपड़े की बत्ती शहद में भिगो लें, फिर दियासलाई से जलाएं। यदि जल जाता है तो शहद शुद्ध है।
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अस्वीकरण – यहां पर दी गई जानकारी एक सामान्य जानकारी है। यहां पर दी गई जानकारी से चिकित्सा कि राय बिल्कुल नहीं दी जाती। यदि आपको कोई भी बीमारी या समस्या है तो आपको डॉक्टर या विशेषज्ञ से परामर्श लेना चाहिए। Candefine.com के द्वारा दी गई जानकारी किसी भी जिम्मेदारी का दावा नहीं करता है।