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मलखंब खेल क्या है मलखंब के प्रकार और मलखंब खेल की जानकारी

मलखंब खेल क्या है मलखंब के प्रकार और मलखंब खेल की जानकारी दी जा रही है। मलखंब (Malkhamb Khel) एक ऐसा व्यायाम है जिसे कुश्ती की तैयारी के लिए भी किया जाता है। आजकल स्कूलों में मलखंब व्यायाम के रूप में किया जाता है।

मलखंब खेल क्या है मलखंब के प्रकार और मलखंब खेल की जानकारी

मलखंब खेल क्या है मलखंब के प्रकार और मलखंब खेल की जानकारी

मलखंब के विषय में जानकारी

इसकी ऊँचाई 15 से 18 फुट, मलखंब का नीचे का व्यास 6 इंच तथा उसके ऊपर का व्यास 4 इंच होता है। मलखंब जमीन के अंदर 3 फुट तक होना चाहिए।

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मलखंब के प्रकार

चार प्रकार के होते हैं मलखंब-

  1. साधारण मलखंब – साधारण मलखंब की लंबाई 15 से 18 फुट होती है तथा यह जमीन में 3 फुट तक गड़ा होना चाहिए। इसका नीचे का व्यास 6 इंच और ऊपर का 4 इंच होता है। साधारण मलखंब के व्यायामों का अभ्यास स्कूलों में कराया जाता है।
  2. आधार रहित मलखंब – इस मलखंब को बिना गाड़े ज़मीन पर टिका दिया जाता है। इन मलखंबों की ऊँचाई कम होती है। नीचे की परिधि कुछ अधिक होती है ताकि जब व्यायाम किया जाए तो यह ज़मीन पर मजबूती से टिका रहे।
  3. बेंत मलखंब – यह मलखंब लटकने वाला होता है। इसमें एक लम्बा बाँस होता है जिसे छत्त के साथ बाँध दिया जाता है और दूसरा सिरान लटकता रहता है।
  4. लटकता मलखंब – यह वह मलखंब होता है जिसके ऊपरी सिरे को रस्सी से बाँधकर लटका दिया जाता है और रस्सी के दूसरे सिरे को छत्त से लगे हुक से बाँध दिया जाता है।

मलखंब द्वारा किए जाने वाले कुछ व्यायाम

इसके द्वारा निम्नलिखित व्यायाम किये जाते हैं-

  1. मलखंब पर चढ़ना,
  2. मलखंब से उतरना,
  3. सादी उड़ी,
  4. कंधा उड़ी तथा
  5. तबक फाड़।

प्रमुख सावधानियाँ

मलखंब की ओर मुँह करके चढ़ना चाहिए। अपने पेट से छूते हुए दोनों हाथों और जाँघों से पकड़ कर चढ़ना चाहिए। मलखंब से बड़ी सावधानी से उतरना चाहिए। इससे उतरते समय मलखंब को अपने हाथों से मजबूती से पकड़कर अपनी जाँघों की पकड़ को ढीला करके मलखंब से नीचे सरको फिर टाँगों की पकड़ मजबूत करके हाथों को नीचे सरकाओ। इस प्रक्रिया को ज़मीन पर उतरने तक करते रहो।

मलखंब के लाभ

जैसा की बताया जा चुका है कि मलखंब एक प्रकार का व्यायाम है। जिसे करने से निम्न लाभ होते हैं-

  1. यह एक कम खर्चीला तथा बहुत कम स्थान घेरने वाला व्यायाम है।
  2. इसे करने से व्यक्ति फुर्तीला, चुस्त और लचकदार होता है।
  3. मलखंब पर व्यायाम करने से व्यक्ति शरीर निर्माण, संतुलन बनाने व धड़ को मोड़ने में निपुण हो जाता है।
  4. मलखंब पर व्यायाम करने से कुश्ती के विभिन्न दाँव-पेचों का अभ्यास करने में सहायता मिलती है।

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Updated: May 4, 2023 — 7:46 pm

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