मनरेगा योजना क्या है? मनरेगा के नियम क्या है?

मनरेगा योजना क्या है:- भारत सरकार के द्वारा देश के सभी राज्यों के लोगों के लिए रोजगार मुहैया कराना एक बड़ी चुनौती बन गई थी। भारत सरकार ने इस समस्या का समाधान निकालते हुए मनरेगा योजना की शुरुआत की जिसमें ग्रामीण क्षेत्र में रह रहे प्रत्येक परिवार के एक सदस्य को न्यूनतम 100 दिन का रोजगार प्रदान करना है। इस योजना से उन गरीब परिवारों की आर्थिक स्थिति को सुधारने में मदद मिलेगी।

मनरेगा योजना क्या है (Manrega Yojna Kya Hai)

मनरेगा योजना क्या है

राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना नरेगा की शुरुआत 2 फरवरी 2006 में आंध्र प्रदेश के अनंतपुर जिले से शुरू की गई इस योजना को सबसे पहले 200 चुनिंदा जिलों में लागू किया गया था। इसके बाद देश के सभी राज्यों मैं इस योजना को लागू कर दिया गया। जम्मू एंड कश्मीर को छोड़कर यह योजना देश भर में लागू कर दी गई।

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मनरेगा योजना का नाम कब बदला

जब इस योजना की शुरुआत की गई थी तब इस योजना का नाम नरेगा रखा गया था परंतु 2 अक्टूबर 2009 में इस योजना का नाम बदलकर ‘महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा)’ कर दिया गया। भारत के राष्ट्रपति के द्वारा 5 सितंबर 2005 में इस योजना को स्वीकृति प्रदान की थी। इस योजना के तहत रोजगार की गारंटी प्रदान करना ही इस योजना को अन्य योजना से अलग बनाता है।

मनरेगा योजना का उद्देश्य

  • इस योजना के तहत रोजगार के अवसर उपलब्ध कराना है।
  • इस प्राकृतिक संसाधनों के पुनर्निर्माण और ग्रामीण क्षेत्रों में आजीविका और परिसंपत्ति का सृजन करना है।
  • ग्रामीण क्षेत्र में रह रहे प्रत्येक परिवार के एक सदस्य को 100 दिन का रोजगार उपलब्ध कराना।

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मनरेगा (नरेगा) जॉब कार्ड क्या है

उन सभी लाभार्थियों को मनरेगा या नरेगा जॉब कार्ड प्रदान किया जाने वाला एक दस्तावेज है जिसमें लाभार्थी के द्वारा उसके द्वारा किए गए कार्य का जानकारी होती है। लाभार्थी के कार्ड में दी जाने वाली जानकारी जैसे- नाम, पता, माता पिता का नाम, जॉब कार्ड नंबर। जो भी व्यक्ति मनरेगा में काम करता है उसको 100 दिन के रोजगार को देने का अधिकार प्रदान करता है।

मनरेगा योजना के लिए पात्रता

महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना में ग्रामीण क्षेत्रों में रह रहे परिवार में से एक व्यक्ति को 100 दिन के रोजगार गारंटी प्रदान करना इस योजना का मकसद है। इस योजना में आवेदन करने के लिए आवेदक की निम्नलिखित पात्रता होना अनिवार्य है-

  • वह भारत का नागरिक ग्रामीण क्षेत्र का निवासी हो
  • उसकी आयु 18 वर्ष से अधिक हो
  • इस योजना में आवेदक स्वेच्छा से काम करने के लिए तैयार हो
  • मनरेगा योजना में अप्लाई कर सकता है

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मनरेगा जॉब कार्ड के लिए आवेदन कैसे करें

इस योजना में आवेदन करने के लिए लाभार्थी को अपना रजिस्ट्रेशन करवाना होता है जिसके लिए आपको इसकी अधिकारिक वेबसाइट (https://nrega.nic.in/) पर जाकर फॉर्म डाउनलोड करना है। फोन डाउनलोड हो जाने के बाद उसका प्रिंट आउट लेकर उसमें पूछी गई सभी प्रकार की जानकारी आपको भरनी है। यह आवेदन आप किसी भी समय अपनी ग्राम पंचायत में जाकर करवा सकते हैं। आपके द्वारा दी गई सूचना की छानबीन करके 15 दिनों में आपका जॉब कार्ड देना ग्राम पंचायत की जिम्मेदारी है। मनरेगा जॉब कार्ड के लिए विकासखंड कार्यालय में भी आवेदन किया जा सकता है।

मनरेगा में मजदूरी कितनी मिलती है

भारत सरकार के द्वारा चलाई जा रही इस योजना में लाभार्थियों को अपने राज्यों के अनुसार अलग-अलग मानदेय प्राप्त होता है जो इस प्रकार हैं-

राज्य का नाममजदूरी रुपयों प्रतिदिन
आंध्र प्रदेश237 रु
असम213 रु
अरुणाचल प्रदेश205 रु
बिहार194 रु
छत्तीसगढ़190 रु
गुजरात224 रु
हरियाणा309 रु
हिमाचल प्रदेशगैर अनुसूचित क्षेत्र – 198 रु,
अनुसूचित जनजातीय क्षेत्र – 248 रु
जम्मू और कश्मीर204 रु
झारखंड194 रु
केरल291 रु
कर्नाटक275 रु
महाराष्ट्र238 रु
मध्य प्रदेश190 रु
मणिपुर238 रु
मेघालय203 रु
मिजोरम225 रु
नागालैंड205 रु
उड़ीसा207 रु
पंजाब263 रु
राजस्थान220 रु
सिक्किम205 रु
तमिल नाडू256 रु
त्रिपुरा205 रु
उत्तर प्रदेश201 रु
उत्तराखंड201 रु
पश्चिम बंगाल204 रु
अंडमान267 रु
निकोबार282 रु
दादर और नगर हवेली258 रु
दमन और दिउ227 रु
लक्षद्वीप266 रु
पुडुचेरी256 रु
तेलंगाना237 रु
गोवा280 रु

मनरेगा के नियम (मुख्य तथ्य) क्या है

  • इस योजना में पंजीकरण के लिए परिवार एक ही यूनिट मानी जाती हैं।
  • इस अधिनियम के तहत प्रत्येक वित्तीय वर्ष में प्रत्येक परिवार को 100 दिन का रोजगार प्रदान करना है।
  • आवेदन किए जाने पर 15 दिन के अंदर गारंटी रोजगार प्रदान करना है।
  • यदि आवेदक को 15 दिन के अंदर रोजगार नहीं प्राप्त होता है तो सरकार के द्वारा उसे बेरोजगारी भत्ता प्रदान किया जाता है।
  • इस योजना में आवेदक को अपने क्षेत्र के 5 किलोमीटर में ही रोजगार प्रदान किया जाता है।
  • यदि आवेदक को 5 किलोमीटर से अधिक दूरी पर रोजगार दिया जाता है तो उसको आने जाने के लिए परिवहन मुहैया कराया जाता है।
  • इस योजना में कम से कम एक तिहाई लाभार्थी महिला होनी आवश्यक है।
  • लाभार्थियों को उनकी मजदूरी साप्ताहिक आधार पर प्रदान की जाती है।
  • मजदूरी का भुगतान सरकारी बैंक या फिर डाकघर के द्वारा लाभार्थी के अकाउंट में पहुंचाया जाता है।
  • वर्ष 2021-22 के लिए 73 हजार करोड़ रुपए इस योजना के लिए आवंटित किए गए हैं।

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FAQ

Q1 : मनरेगा का पूरा नाम क्या है?

Ans : मनरेगा का पूरा नाम महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा)।

Q2 : मनरेगा योजना कब शुरू हुई?

Ans : मनरेगा योजना 2 फरवरी 2006 शुरू हुई।