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मोटर व्हीकल एक्ट की धाराएं PDF: मोटर वाहन एक्ट, 1988 एक भारतीय कानून है जो भारत के सभी राज्यों में लागू होता है। भारत में मोटर वाहन अधिनियम (Motor Vehicales Act) का मुख्य उद्देश्य सड़कों पर सुरक्षा सुनिश्चित करना, सड़क दुर्घटनाओं को कम करना, पर्यावरण के अनुकूल वाहनों के उपयोग को बढ़ावा देना और देश में मोटर वाहनों के उपयोग के लिए कानूनी ढांचा प्रदान करना है।

1988 के अनुसार, मोटर वाहन एक्ट, भारत में सभी मोटर वाहनों के लिए एक मूल नियमक होता है। इसमें विभिन्न धाराएं शामिल होती हैं जो इस नियमक का पालन करने वाले सभी वाहनों के लिए लागू होती हैं। निम्नलिखित कुछ महत्वपूर्ण धाराएं हैं:-

मोटर व्हीकल एक्ट अधिनियम

मोटर व्हीकल एक्ट की धाराएं PDF
  • 39: वाहन चालक को उसकी उम्र के अनुसार लाइसेंस जारी किया जाता है।
  • धारा 113: जब कोई व्यक्ति अपने वाहन से आवारा पशुओं को भ्रमण कराता है, तो उसे दंडित किया जा सकता है।
  • धारा 114: जब कोई व्यक्ति अपने वाहन से बिना किसी धार्मिक कारण के विवाह, जन्म आदि की शोभायात्रा निकालता है, तो उसे दंडित किया जा सकता है।
  • धारा 115: जब कोई व्यक्ति अपने वाहन से बिना किसी अनुमति के धार्मिक या सामाजिक कार्यक्रम निकालता है, तो उसे दंडित किया जा सकता है।
  • धारा 116: यदि कोई व्यक्ति अपने वाहन में अधिक मात्रा में ध्वनि उत्पन्न करता है जो उस समय या स्थान पर अनुचित होती है, तो उसे दंडित किया जा सकता है।
  • धारा 119: यदि कोई व्यक्ति अपने वाहन का उपयोग नहीं करता है जो समय और स्थान पर उचित नहीं होता है, तो उसे दंडित किया जा सकता है।
  • धारा 129: वाहनों का पंजीकरण एवं लाइसेंस प्राप्त करने के लिए आवश्यक दस्तावेजों को सूचीबद्ध किया गया है।
  • धारा 138: वाहनों के लिए बीमा अनिवार्य होता है।
  • धारा 185: शराब पीकर वाहन चलाने पर जुर्माने का प्रावधान है, दुर्घटना के मामलों में, वाहन चालक की जिम्मेदारी होती है जो उसने दुर्घटना की थी।
  • धारा 190: पुलिस अधिकारी किसी भी समय वाहनों की जांच कर सकते हैं तथा अपराध के तत्वों के आधार पर वाहनों को रोक सकते हैं।
  • धारा 192: यदि कोई व्यक्ति अपने वाहन का उपयोग अनुमति या ड्राइविंग लाइसेंस के बिना करता है, तो उसे दंडित किया जा सकता है।
  • धारा 194: यदि कोई व्यक्ति अपने वाहन को अनुमति या ड्राइविंग लाइसेंस के बिना चलाता है, तो उसे दंडित किया जा सकता है।
  • धारा 196: यदि कोई व्यक्ति अपने वाहन के बारे में गलत जानकारी देता है, तो उसे दंडित किया जा सकता है।
  • धारा 198: यदि कोई व्यक्ति अपने वाहन के बारे में झूठ बोलता है, तो उसे दंडित किया जा सकता है।
  • धारा 199: यदि कोई व्यक्ति अपने वाहन के बारे में झूठी शिकायत करता है, तो उसे दंडित किया जा सकता है।
  • धारा 202: यदि कोई व्यक्ति अपने वाहन का उपयोग अनुमति के बिना ट्राफिक नियमों का उल्लंघन करता है, तो उसे दंडित किया जा सकता है।
  • धारा 202 (क)- यदि कोई व्यक्ति अपने वाहन से अनुमति के बिना सार्वजनिक स्थानों पर विराम लगाता है, तो उसे दंडित किया जा सकता है।
  • धारा 203: यदि कोई व्यक्ति अपने वाहन से अनुमति के बिना सार्वजनिक स्थानों पर पार्क करता है, तो उसे दंडित किया जा सकता है।
  • धारा 206: वाहन चालक दुर्घटना की सूचना पुलिस अधिकारी को देना अनिवर्य होता है।
  • धारा 207: वाहन चालक को एक अवसर देना होता है जब उसका वाहन जांच के लिए (रजिस्ट्रीकरण प्रमाणपत्र, परमिट) रोका जाता है।
  • धारा 210: यदि कोई व्यक्ति अपने वाहन से अनुमति के बिना सड़क के बीच में खड़ा होता है, तो उसे दंडित किया जा सकता है।
  • धारा 211: यदि कोई व्यक्ति अपने वाहन से अनुमति के बिना सड़क के बीच में अपने वाहन को खड़ा करता है, तो उसे दंडित किया जा सकता है।
  • धारा 212: यदि कोई व्यक्ति अपने वाहन को सड़क के बीच में खड़ा रखता है, तो उसे दंडित किया जा सकता है।
  • धारा 213: यदि कोई व्यक्ति अपने वाहन को सड़क के बीच में खड़ा रखकर बीच में चला जाता है, तो उसे दंडित किया जा सकता है।
  • धारा 215: यदि कोई व्यक्ति अपने वाहन से अनुमति के बिना सड़क के बीच में खड़े रहता है और वाहन को स्थान बदलने के लिए पीछे खींचता है, तो उसे दंडित किया जा सकता है।
  • धारा 216: यदि कोई व्यक्ति अपने वाहन को सड़क के बीच में खड़ा रखता है और वाहन में वह नहीं है और वाहन रोड सेफ्टी नियमों के अनुसार पार्क नहीं है, तो उसे दंडित किया जा सकता है।
  • धारा 217: यदि कोई व्यक्ति अपने वाहन को सड़क के बीच में खड़ा रखता है और वाहन में वह नहीं है और वाहन रोड सेफ्टी नियमों के अनुसार पार्क नहीं है, तो उसे दंडित किया जा सकता है।
  • धारा 218: यदि कोई व्यक्ति अपने वाहन को सड़क के बीच में खड़ा रखता है और वाहन वहाँ से हटाने के लिए नहीं है, तो उसे दंडित किया जा सकता है।
  • धारा 219: यदि कोई व्यक्ति अपने वाहन को सड़क के बीच में खड़ा रखता है और वाहन अनुमति या अनुशंसा के अनुसार नहीं है, तो उसे दंडित किया जा सकता है।
  • धारा 220: यदि कोई व्यक्ति अपने वाहन से अनुमति के बिना गुजरता है तो उसे दंडित किया जा सकता है।
  • धारा 221: यदि कोई व्यक्ति अपने वाहन से नियमों के विपरीत ढंग से चलता है, तो उसे दंडित किया जा सकता है। वाहनों में जरूरी वस्तुएं होनी चाहिए जैसे कि नंबर प्लेट, लाइसेंस, पहनावा और वाहन पंजीकरण सर्टिफिकेट इत्यादि।
  • धारा 222: यदि कोई व्यक्ति अपने वाहन को सड़क पर प्रदर्शित किए बिना बेचता है, तो उसे दंडित किया जा सकता है।
  • धारा 223: यदि कोई व्यक्ति अपने वाहन को बेचता है या उसे किसी अन्य व्यक्ति को बेचता है जो अधिकतम न्यायाधीश के द्वारा निर्धारित की गई धनराशि से कम होती है, तो उसे दंडित किया जा सकता है।
  • धारा 224: यदि कोई व्यक्ति अपने वाहन को बेचता है या उसे किसी अन्य व्यक्ति को बेचता है जो अधिकतम न्यायाधीश के द्वारा निर्धारित की गई धनराशि से अधिक होती है, तो उसे दंडित किया जा सकता है।
  • धारा 225: यदि कोई व्यक्ति अपने वाहन को लीज़ या किराए पर देता है लेकिन लेन-देन का नोट नहीं बनाता है, तो उसे दंडित किया जा सकता है।
  • धारा 226: यदि कोई व्यक्ति अपने वाहन के अनुमति दिए बिना किसी अन्य व्यक्ति को लीज़ या किराए पर देता है, तो उसे दंडित किया जा सकता है।
  • धारा 227: यदि कोई व्यक्ति अपने वाहन को कुछ भी बदलाव के बिना बेचता है, तो उसे दंडित किया जा सकता है।
  • धारा 228: यदि कोई व्यक्ति अपने वाहन को चोरी करने या अपहरण करने का प्रयास करता है, तो उसे दंडित किया जा सकता है।
  • धारा 229: यदि कोई व्यक्ति अपने वाहन को चोरी करता है, तो उसे दंडित किया जा सकता है।
  • धारा 230: यदि कोई व्यक्ति अपने वाहन को चोरी के बाद से वापस नहीं लाता है, तो उसे दंडित किया जा सकता है।
  • धारा 231: यदि कोई व्यक्ति अपने वाहन को उस स्थान से हटाता है जहाँ से उसे नहीं हटाना चाहिए था, तो उसे दंडित किया जा सकता है।
  • धारा 232: यदि कोई व्यक्ति अपने वाहन को किसी अन्य व्यक्ति को बेचता है जो उसे उस समय उस वाहन की वसूली करने का अधिकार नहीं था, तो उसे
  • धारा 232: यदि कोई व्यक्ति अपने वाहन को किसी अन्य व्यक्ति को बेचता है जो उसे उस समय उस वाहन की वसूली करने का अधिकार नहीं था, तो उसे दंडित किया जा सकता है।
  • धारा 233: यदि कोई व्यक्ति अपने वाहन को बिना अनुमति के अन्य राज्यों में ले जाता है, तो उसे दंडित किया जा सकता है।
  • धारा 234: यदि कोई व्यक्ति अपने वाहन के साथ अतिक्रमण करता है और उसे रोकने के लिए टोल या जरिमाना देने की मांग की जाती है, तो वह टोल या जरिमाना देने से इनकार नहीं कर सकता है।
  • धारा 235: यदि कोई व्यक्ति अपने वाहन को स्क्रैप करता है या उसे बेकार बनाने के लिए निर्धारित तरीकों का पालन नहीं करता है, तो उसे दंडित किया जा सकता है।
  • धारा 236: यदि कोई व्यक्ति अपने वाहन को बिना पंजीकरण नहीं करता है, तो उसे दंडित किया जा सकता है।
  • धारा 237: यदि कोई व्यक्ति अपने वाहन को पंजीकृत नहीं करवाता है या अधिकारियों को उसकी जानकारी नहीं देता है, तो उसे दंडित किया जा सकता है।
  • धारा 238: यदि कोई व्यक्ति अपने वाहन का नंबर प्लेट चुराता है या उसे खो देता है, तो उसे दंडित किया जा सकता है।
  • धारा 239: यदि कोई व्यक्ति अपने वाहन का नंबर प्लेट बदलता है या अन्य वाहन के लिए उसे इस्तेमाल करता है, तो उसे दंडित किया जा सकता है।
  • धारा 240: यदि कोई व्यक्ति अपने वाहन को बिना अनुमति के बीच में खड़ा करता है, तो उसे दंडित किया जा सकता है।
  • धारा 241: यदि कोई व्यक्ति अपने वाहन को बिना अनुमति के जोर से धक्का देता है या अन्य वाहनों को धक्का देता है, तो उसे दंडित किया जा सकता है।
  • धारा 242: यदि कोई व्यक्ति अपने वाहन को अधिक सीमा तक लादता है या अन्य वाहनों को अधिक सीमा तक लादता है, तो उसे दंडित किया जा सकता है।
  • धारा 243: यदि कोई व्यक्ति अपने वाहन को बिना अनुमति के सड़क पर पार्क करता है या उसे लंबे समय तक खड़े होने देता हता है, तो उसे दंडित किया जा सकता है।
  • धारा 244: यदि कोई व्यक्ति अपने वाहन के साथ सड़क पर अधिक समय तक खड़ा रहता है या सड़कों पर वाहन को अधिक समय तक रोकता है, तो उसे दंडित किया जा सकता है।
  • धारा 245: यदि कोई व्यक्ति अपने वाहन के साथ सड़क पर घूमता है या अन्य वाहनों के साथ खिलवाड़ करता है, तो उसे दंडित किया जा सकता है।
  • धारा 246: यदि कोई व्यक्ति अपने वाहन को नकारात्मक सामग्री से सज्जित करता है जो सड़कों पर नुकसान पहुंचा सकती है, तो उसे दंडित किया जा सकता है।
  • धारा 303: अगर कोई वाहन चालक नियमों का उल्लंघन करता है, तो उसे दंडित किया जा सकता है।
  • धारा 304: इस धारा के तहत, अगर किसी वाहन चालक का किसी दूसरे व्यक्ति को जानलेवा चोट पहुंचाई जाती है, तो उसे दंडित किया जा सकता है।
  • धारा 305: अगर कोई वाहन चालक अल्कोहल या दवाओं के नशे में अधिक रहता है, तो उसे दंडित किया जा सकता है।
  • धारा 308: यदि कोई वाहन चालक बिना अनुमति के किसी अन्य व्यक्ति को अपने वाहन में बैठाता है, तो उसे दंडित किया जा सकता है।
  • धारा 390: इस धारा के तहत, अगर कोई वाहन चालक अपने वाहन को नहीं रोकता है और किसी दूसरे व्यक्ति को चोट पहुंचाता है, तो उसे दंडित किया जा सकता है।
  • धारा 392: अगर कोई वाहन चालक दुर्घटना के बाद वाहन छोड़ कर भागता है, तो उसे दंडित किया जा सकता है।
  • धारा 393: यदि कोई वाहन चालक दुर्घटना के बाद आपदा स्थल से वाहन निकालता है, तो उसे दंडित किया जा सकता है।
  • धारा 394: अगर कोई वाहन चालक दुर्घटना के बाद दूसरे व्यक्तियों को अपने घायल करता है, तो उसे दंडित किया जा सकता है।
  • धारा 395: यदि कोई वाहन चालक दुर्घटना के बाद दूसरे व्यक्तियों को मृत्यु का कारण बनाता है, तो उसे दंडित किया जा सकता है।
  • धारा 396: इस धारा के तहत, अगर कोई वाहन चालक अपने वाहन को बिना अनुमति के किसी दूसरे व्यक्ति को उपयोग करता है, तो उसे दंडित किया जा सकता है।
  • धारा 397: अगर कोई वाहन चालक दुर्घटना के बाद वाहन को छुपाने या तबाह करने की कोशिश करता है, तो उसे दंडित किया जा सकता है।
  • धारा 398: इस धारा के तहत, अगर कोई वाहन चालक जानबूझकर अपने वाहन को तबाह करता है, तो उसे दंडित किया जा सकता है।
  • धारा 399: यदि कोई वाहन चालक नियमों का उल्लंघन करता है या उन्हें अनदेखा करता है, तो उसे दंडित किया जा सकता है। इस तरह से, भारत में मोटर वाहन चालकों को विभिन्न कार्रवाई और दंडों से अवगत होना आवश्यक है ताकि वे सड़कों पर सुरक्षित रह सकें और समाज के लोगों के साथ सही ढंग से व्यवहार कर सकें।
  • धारा 400: यदि कोई व्यक्ति अपनी गलती से दुर्घटना के लिए जिम्मेदार होता है, तो उसे दंडित किया जा सकता है।
  • धारा 401: यदि कोई व्यक्ति नाबालिग को वाहन चलाने देता है, तो उसे दंडित किया जा सकता है।
  • धारा 402: अगर कोई वाहन चालक एक दुर्घटना के बाद दूसरी दुर्घटना का कारण बनता है, तो उसे दंडित किया जा सकता है।
  • धारा 403: इस धारा के तहत, अगर कोई वाहन चालक वाहन को बिना अनुमति के लूटता है, तो उसे दंडित किया जा सकता है।
  • धारा 404: यदि कोई व्यक्ति बिना अनुमति के दूसरे व्यक्ति के वाहन का उपयोग करता है, तो उसे दंडित किया जा सकता है।
  • धारा 405: इस धारा के तहत, अगर कोई व्यक्ति दुर्घटना के बाद उसके वाहन से भागता है, तो उसे दंडित किया जा सकता है।
  • धारा 406: अगर कोई वाहन चालक अपने वाहन में दुर्घटना के बाद आग लगाता है, तो उसे दंडित किया जा सकता है।
  • धारा 407: यदि कोई वाहन चालक अपने वाहन में आवारा शॉट या बारूद के साथ भ्रमण करता है, तो उसे दंडित किया जा सकता है।
  • धारा 408: यदि कोई व्यक्ति अपने वाहन में अतिरिक्त भार लोड करता है, तो उसे दंडित किया जा सकता है।
  • धारा 409: यदि कोई व्यक्ति अपने वाहन में अधिक यात्री बैठाता है जो उस वाहन के लिए अनुचित होते हैं, तो उसे दंडित किया जा सकता है।
  • धारा 410: अगर कोई व्यक्ति वाहन चलाने के दौरान अनुचित रूप से सड़क का उपयोग करता है, तो उसे दंडित किया जा सकता है।
  • धारा 411: यदि कोई व्यक्ति वाहन चलाने के दौरान जल्दी चलाता है या सड़क के नियमों का उल्लंघन करता है, तो उसे दंडित किया जा सकता है।
  • धारा 412: यदि कोई व्यक्ति वाहन चलाने के दौरान उसे अवैध रूप से सुरक्षा अभ्यास का पालन नहीं करता है, तो उसे दंडित किया जा सकता है।

मोटर व्हीकल एक्ट की धाराएं PDF

नए वाहन सुरक्षा मानक 2019

नए वाहन सुरक्षा मानक: 2019 में, भारत सरकार ने वाहनों के लिए नए सुरक्षा मानकों को पेश करने के लिए मोटर वाहन अधिनियम में संशोधन किया, जिसमें एयरबैग, सीट बेल्ट रिमाइंडर, रिवर्स पार्किंग सेंसर और अन्य सुरक्षा सुविधाओं की अनिवार्य स्थापना शामिल है।

ड्राइविंग लाइसेंस और वाहन पंजीकरण का डिजिटलीकरण: ड्राइविंग लाइसेंस और वाहन पंजीकरण प्रमाणपत्र के डिजिटलीकरण की अनुमति देने के लिए 2019 में मोटर वाहन अधिनियम (मोटर व्हीकल एक्ट की धाराएं PDF) में संशोधन किया गया था। इस कदम का उद्देश्य लाइसेंस और पंजीकरण प्रमाणपत्र प्राप्त करने और नवीनीकरण करने की प्रक्रिया को अधिक सुविधाजनक और कुशल बनाना था।

मोटर वाहन दुर्घटना कोष: मोटर वाहन अधिनियम में 2019 के संशोधनों ने मोटर वाहन दुर्घटना कोष भी पेश किया, जो दुर्घटनाओं के मामले में सभी सड़क उपयोगकर्ताओं को अनिवार्य बीमा कवर प्रदान करता है। वाहन मालिकों द्वारा तीसरे पक्ष के बीमा के लिए भुगतान किए गए प्रीमियम के एक छोटे प्रतिशत के माध्यम से फंड को वित्तपोषित किया जाता है।

राष्ट्रीय परिवहन नीति: भारत सरकार एक राष्ट्रीय परिवहन नीति तैयार करने की प्रक्रिया में है जो देश में परिवहन क्षेत्र के विकास का मार्गदर्शन करेगी। नीति से सड़क सुरक्षा, सार्वजनिक परिवहन और परिवहन क्षेत्र में प्रौद्योगिकी के उपयोग जैसे मुद्दों को संबोधित करने की उम्मीद है।

अंत में, भारत में मोटर वाहन अधिनियम एक महत्वपूर्ण कानून है जो सार्वजनिक सड़कों पर मोटर वाहनों के उपयोग को नियंत्रित करता है और सड़क सुरक्षा को बढ़ावा देता है। बदलते समय और तकनीक के साथ तालमेल बिठाने के लिए अधिनियम (मोटर व्हीकल एक्ट की धाराएं PDF) में पिछले कुछ वर्षों में कई संशोधन किए गए हैं। भारत सरकार राष्ट्रीय परिवहन नीति और इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देने जैसी पहलों के माध्यम से देश में परिवहन क्षेत्र में और सुधार लाने के लिए प्रतिबद्ध है। वाहन वापस बुलाने की नीति: मोटर वाहन अधिनियम में दोष या सुरक्षा संबंधी मुद्दों के मामले में निर्माताओं द्वारा वाहनों को वापस बुलाने का प्रावधान है।

यहां दी गई धाराओं की सूची केवल उदाहरण है और अधिक जानकारी के लिए, आप भारतीय मोटर वाहन अधिनियम की विस्तृत सूची देख सकते हैं। इन सभी धाराओं (मोटर व्हीकल एक्ट की धाराएं PDF) का पालन करना मोटर वाहन चालकों के लिए जरूरी होता है ताकि दुर्घटनाओं से बचा जा सके। इसके अलावा वे अपने वाहन की नियमित रूप से जाँच करवाकर सुनिश्चित कर सकते हैं कि उसमें कोई खामी नहीं है। उन्हें सड़क सुरक्षा के लिए अपना योगदान देना चाहिए।

इसके अलावा, अन्य धाराएं भी हैं जो विभिन्न राज्यों द्वारा निर्धारित की जाती हैं जो कि मोटर वाहन चालकों के लिए जरूरी होती हैं। इनमें शामिल हैं सभी वाहनों की नियमित (मोटर व्हीकल एक्ट की धाराएं PDF) रूप से रखरखाव करना, पासपोर्ट साइज फोटो के साथ ड्राइविंग लाइसेंस रखना, पैसेंजर के साथ संबंधों के बारे में साफ होना और बहुत कुछ।

Updated: March 18, 2023 — 12:08 pm

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