मुकेश अंबानी का जीवन परिचय: मुकेश अम्बानी का जन्म 19 अप्रैल 1957 को ब्रिटिश कॉलोनी अदन (वर्तमान यमन) में हुआ था। इनका जन्म एक मारवाड़ी परिवार में हुआ था। इनके पिता का नाम धीरूभाई अंबानी था और माता का नाम कोकिला बेन अंबानी था। इनके पिता धीरूभाई अंबानी मुंबई के एक बड़े उद्योगपति थे और उन्होंने अपने पिता के द्वारा शुरू की गई कंपनी रिलायंस को इन्होंने 24 वर्ष की अल्पायु में ही संभालना शुरू कर दिया था।
मुकेश अंबानी का जीवन परिचय

Mukesh Ambani Biography in Hindi
मुख्य बिंदु | जानकारी |
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पूरा नाम | मुकेश धीरूभाई अंबानी |
जन्मदिन | 19 अप्रैल 1957 |
जन्म स्थान | ब्रिटिश कॉलोनी अदन (वर्तमान यमन) |
मुकेश अंबानी की आयु | 65 वर्ष (2022) |
शिक्षा | मुम्बई यूनिवर्सिटी के डिपार्टमेन्ट ऑफ टेक्नोलॉजी से केमिकल इंजीनियरिंग में स्नातक |
पिता का नाम | धीरूभाई अंबानी |
माता का नाम | कोकिला बेन अंबानी |
बहन का नाम | नीना और दीप्ति |
भाई का नाम | अनिल अंबानी |
पत्नी का नाम | नीता अंबानी |
बेटी का नाम | ईशा अंबानी |
बेटों का नाम | आकाश अंबानी और अंनत अंबानी |
धर्म | हिन्दू |
भाषा का ज्ञान | हिंदी, अंग्रेजी |
व्यवसाय | रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड के सीईओ अध्यक्ष और व्यवसायी |
कुल संपत्ति | $92.2 B डॉलर (2022) |
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मुकेश अंबानी का जीवन परिचय
यूँ तो दुनिया में अनेक लोगों को विरासत में अपार सम्पदा हासिल होती रही। है, किन्तु कम ही लोग ऐसे हुए हैं, जिन्होंने विरासत में मिली सम्पदा को अविश्वसनीय रूप से बढ़ाते हुए दुनिया के सबसे अमीर लोगों की सूची में अपना स्थान बना लिया। मुकेश अंबानी एक ऐसे ही भारतीय उद्यमी है, जिन्हें अपने महान् एवं प्रखर उद्योगपति पिता धीरू भाई अम्बानी से रिलायंस इण्डस्ट्रीज के रूप में विरासत में एक बड़ी सम्पदा हासिल हुई और उस सम्पदा को बढ़ाते हुए वे दुनिया के सबसे अमीर लोगों के समूह में सम्मिलित हो गए।
2022 में जारी के अनुसार दुनिया के सबसे अमीर लोगों की सूची में लगभग $92.2 B डॉलर की निजी सम्पत्ति के साथ मुकेश अम्बानी नौवें स्थान पर है। वे इस समय पूरे एशिया महाद्वीप के दूसरे सबसे अमीर उद्यमी है। ‘फोर्ब्स’ पत्रिका के अनुसार मुकेश सन् 2014 तक दुनिया के सबसे अमीर व्यक्ति बन जाएँगे थे।
मुकेश अंबानी की शिक्षा
उनकी स्कूली शिक्षा अबाय मोरिस्सा स्कूल, मुम्बई में हुई। उन्होंने मुम्बई यूनिवर्सिटी के डिपार्टमेन्ट ऑफ टेक्नोलॉजी से केमिकल इंजीनियरिंग में स्नातक की उपाधि प्राप्त की। बाद में मुकेश एम.बी.ए. करने के लिए अमेरिका के स्टैनफोर्ड विश्वविद्यालय गए, किन्तु पहले वर्ष के बाद पढ़ाई छोड़ दी।
रिलायंस इण्डस्ट्रीज के संस्थापक
उनके पिता धीरू भाई अम्बानी ने एक सामान्य व्यक्ति से रिलायंस इण्डस्ट्रीज के संस्थापक के रूप में देश के एक बड़े उद्योगपति के रूप में उमरने का अनोखा करिश्मा कर दिखाया था। अपने पिता के दिशा-निर्देश एवं सहयोग का लाभ मुकेश को भी मिला और वे भी उन्हीं की तरह एक सफल उद्यमी बनकर उभरे।
उनके पिता की मृत्यु के बाद उनकी सम्पत्ति का बँटवारा उनके दोनों पुत्रों मुकेश अम्बानी एवं अनिल अम्बानी में हो गया। इस समय मुकेश रिलायंस इण्डस्ट्रीज के चेयरमैन एवं प्रबन्ध निदेशक तथा इस कम्पनी के सबसे बड़े शेयरधारक हैं। इसमें उनकी हिस्सेदारी 48 प्रतिशत है। यह भारत में निजी क्षेत्र की सबसे बड़ी तथा फॉर्च्यून 500 कम्पनी है।
रिलायंस का कार्य भाल कब सम्भालना
एम.बी.ए. की पढ़ाई छोड़ने के बाद मुकेश ने 1981 में मात्र 24 वर्ष की अवस्था में अपने पिता की कम्पनी रिलायंस का काम सम्भालना शुरू किया और इसके पुराने ढर्रे के टेक्सटाइल कारोबार को पॉलिस्टर फाइबर एवं फिर पेट्रोकेमिकल्स के रूप में आगे बढ़ाया। इस प्रक्रिया में उन्होंने कई नए प्रयोग किए एवं नए उपकरणों का विदेशों से आयात किया, जिसका परिणाम यह हुआ कि कम्पनी के उत्पादन में अभूतपूर्व वृद्धि हुई।
इसके बाद उन्होंने गुजरात के जामनगर में बुनियादी स्तर की सबसे बड़ी पेट्रोलियम रिफायनरी की स्थापना की। वर्तमान में इसकी क्षमता 660000 बैरल प्रतिदिन है। 2022 तक $92.2 B डॉलर की कुल परिसम्पत्ति वाले इस रिफाइनरी में पेट्रोकेमिकल्स, पावर जेनरेशन, पोर्ट तथा सम्बन्धित आधारभूत ढाँचे को स्थान दिया गया है।
रिलायंस इन्फोकॉम लिमिटेड की स्थापना
मुकेश ने विश्व के सर्वाधिक विशालतम एवं जटिल सूचना व संचार तकनीक कम्पनी रिलायंस इन्फोकॉम लिमिटेड की स्थापना की। दोनों भाइयों में बँटवारे के बाद यह रिलायंस कम्युनिकेशन के नाम से अनिल धीरू भाई अम्बानी ग्रुप का हिस्सा हो गया।
रिलायंस इन्फोकॉम की सफलता को देखते हुए टोटल टेलीकॉम ने अक्टूबर 2004 में टेलीकम्युनिकेशन में सर्वाधिक प्रभावशाली व्यक्ति होने के कारण मुकेश को ‘ब कम्युनिकेशन अवार्ड’ से सम्मानित किया। ‘वॉयस एण्ड डाटा’ पत्रिका ने वर्ष 2004 में ही उन्हें “टेलीकम्युनिकेशन मैन ऑफ द ईयर 2004 चुना है।
अंबानी की उपलब्धियों
मुकेश अभूतपूर्व उपलब्धियों के पर्याय बन चुके हैं। उनकी उपलब्धियों के लिए विश्व भर की अनेक संस्थाओं ने उन्हें अब तक कई पुरस्कारों से सम्मानित किया है। एन. डी. टी. वी. ने उन्हें वर्ष 2007 में बिजनेस मैन ऑफ द ईयर’ का पुरस्कार प्रदान किया। युनाइटेड स्टेट्स इण्डिया बिजनेस काउन्सिल ने वाशिंगटन में वर्ष 2007 में ग्लोबल विजन के लिए लीडरशिप अवार्ड दिया। बिजनेस काउन्सिल फॉर इन्टरनेशनल अण्डरस्टैन्डिंग द्वारा उन्हें ‘ग्लोबल लीडरशिप अवार्ड’ प्रदान किया गया।
मुकेश अम्बानी का नया घर
एण्टीलिया मुकेश अम्बानी का नया घर है जहाँ उन्होंने अक्टूबर 2010 से अपने तीन बच्चो आकाश, ईशा एवं अनन्त और पत्नी नीता अम्बानी सहित रहना शुरू किया, भी एक अचम्भे से कम नहीं है। 400000 वर्ग फुट से अधिक क्षेत्र में बने उनके इस 27 मंजिला घर में व्यायामशाला, स्वीमिंग पूल, योगशाला, डांसरूम, सिनेमा हॉल, कार पार्किंग एवं हैलीपैड जैसी अनेक सुविधाएँ हैं। इसकी ऊँचाई 570 फुट है। इसे अन्तर्राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त आर्किटेक्ट की देखरेख में बनाया गया है।
ऊर्जा एवं प्रौद्योगिकी के छेत्र में
मुकेश अम्बानी ने ऊर्जा एवं प्रौद्योगिकी के द्वारा भारत की अर्थव्यवस्था में तेजी लाने में अहम् भूमिका निमाई है। औद्योगिक सफलता के अतिरिक्त मुकेश ने अन्य क्षेत्र में भी कई सफलताएँ अर्जित की है। वे इण्डियन प्रीमियर लीग में मुम्बई इण्डियंस टीम के मालिक हैं।
भारत में बच्चों को अच्छी स्कूली शिक्षा उपलब्ध कराने के उद्देश्य से मुकेश ने अपने पिता के नाम पर धीरू भाई अम्बानी इन्टरनेशनल स्कूल की स्थापना की। उनकी पत्नी नीता अम्बानी रिलायंस इण्डस्ट्रीज के सामाजिक एवं धर्मार्थ कार्यों को देखती हैं। भारत की औद्योगिक प्रगति में मुकेश अम्बानी का योगदान कभी भुलाया नहीं जा सकता, निस्सन्देह वे भारत के गौरव हैं।
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