राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन क्या है (Rashtriya Khadya Suraksha Mission Kya Hai) :- राष्ट्रीय विकास परिषद ने 29 मई, 2007 को आयोजित 53वीं बैठक में खाद्य सुरक्षा मिशन शुरू करने के लिए एक प्रस्ताव पारित किया था, जिसके तहत राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन’ (National Food Security Mission NFSM) अक्टूबर, 2007 में प्रारंभ किया गया। खाद्य सुरक्षा मिशन के अंतर्गत 11वीं पंचवर्षीय योजना के अंत तक (वर्ष 2011-12) चावल के उत्पादन में 10 मिलियन टन, गेहूं के उत्पादन 8 मिलियन टन तथा दाल के उत्पादन 2 मिलियन टन की वृद्धि का लक्ष्य रखा गया था।
राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन क्या है

राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन
इस मिशन को 12वीं पंचवर्षीय योजना में भी जारी रखा गया तथा इस योजना हेतु कुल खाद्यान्न उत्पादन में 25 मिलियन टन (10 मिलियन टन चावल, 8 मिलियन टन गेहूं, 4 मिलियन टन दाल तथा 3 मिलियन टन मोटे अनाज) की वृद्धि का लक्ष्य रखा गया था। 12वीं पंचवर्षीय योजना के बाद भी इसे जारी रखा गया है।
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राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन का उद्देश्य
- राष्ट्र में खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित कराने हेतु गेहूं, चावल और दालों के उत्पादन को बढ़ाना।
- देश के चिह्नित जिलों में कृषि भूमि विस्तार और उत्पादकता संवर्धन के द्वारा धारणीय विधि से चावल, गेहूं, दाल और मोटे अनाजों के उत्पादन को बढ़ाना।
- निजी फार्म स्तर पर भूमि की उर्वरता और उत्पादकता का संवर्धन करना।
- किसानों के आत्मविश्वास में वृद्धि हेतु खेत स्तर पर लाभ को बढ़ाना।
इस योजना में शामिल घटक
शुरुआत में इसके तहत तीन संघटक थे, किंतु वर्तमान में इस मिशन में 5 संघटक शामिल हैं –
रा.खा.सु.मि. | चावल |
रा.खा.सु.मि. | गेहूं |
रा.खा.सु.मि. | दालें |
रा.खा.सु.मि. | मोटे अनाज |
रा.खा.सु.मि. | वाणिज्यिक फसलें |
Rashtriya Khadya Suraksha Mission की रचना
इसके क्रियान्वयन का ढांचा त्रि-स्तरीय है राष्ट्रीय, राज्य और जिला स्तर। राष्ट्रीय स्तर पर केंद्रीय कृषि मंत्री की अध्यक्षता में गठित सामान्य परिषद इस मिशन का नीति निर्माणकारी घटक है, जो इस मिशन को दिशा-निर्देश एवं मार्गदर्शन प्रदान करती है। यह योजना से हुई प्रगति एवं विकास की समीक्षा भी करती है। इसकी बैठक वर्ष में कम-से-कम दो बार होती है। राज्य स्तर पर मुख्य सचिव की अध्यक्षता में राज्य खाद्य सुरक्षा मिशन कार्यकारी समिति का प्रावधान है। जिला स्तर पर योजना का कार्यान्वयन कृषि तकनीकी प्रबंधन एजेसी (ATMA) द्वारा किया जाता है।
राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन आर्थिक सहायता
- NESM केंद्र प्रायोजित मिशन है।
- इस मिशन के कार्यक्रमों को लागू करने के लिए राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन कार्यकारी समिति (NFSMEC) की स्वीकृति से राज्य सरकारों को अनुदान दिए जाते हैं।
राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन का निष्कर्ष
भारत में खाद्यान्न उत्पादन में वृद्धि के लक्ष्य के साथ शुरू हुए राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन के घटकों में अब वाणिज्यिक फसलों को भी जोड़ दिया गया है। इसके अतिरिक्त मोटे अनाज जो पोषण एवं आर्थिक दोनों ही दृष्टि से महत्वपूर्ण हैं, के उत्पादन में वृद्धि का लक्ष्य एक सराहनीय कदम है। यह मिशन इस दृष्टि से भी महत्वपूर्ण है कि इसमें खाद्यान्न उत्पादन में वृद्धि हेतु बहुआयामी दृष्टिकोण को अपनाया गया है।
इस दृष्टिकोण के तहत फसल उत्पादन आधारित प्रदर्शन, बीज वितरण, मशीनों की सुलभ उपलब्धता, पौधों के संरक्षण, मृदा में सुधार तथा सूक्ष्म पोषकों के भरण का कार्य किया जा रहा है। इस मिशन के तहत क्षेत्रीय पहलों के माध्यम से कार्यक्रमों का संचालन हो रहा है, जो विविधतापूर्ण भारतीय परिस्थितियों में एक कारगर रणनीति है। परंतु कुछ मोर्चों पर यथा तिलहन उत्पादन तथा खाद्य प्रसंस्करण पर भी ध्यान देना होगा, तभी यह मिशन सच्चे अर्थों में खाद्य सुरक्षा को भी सुनिश्चित कर पाएगा तथा किसानों को आर्थिक रूप से सशक्त भी बना पाएगा।
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