नोवावैक्स क्या है, नोवावैक्स कैसे बनता है इन हिंदी, नोवावैक्स वैक्सीन इन हिंदी, नोवावैक्स ने यह घोषणा की है की वह सिरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया के साथ मिलकर कोविड-19 वैक्सीन के विनिर्माण करेगी।
नोवावैक्स क्या है

एक प्रेस रिलीज के जरिए नोवावैक्स यह बताया गया है कि सिरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया 2021 में एनवीएक्स -सी –ओवी 2373 की लगभग 1 बिलियन खुराक का निर्माण किया जाएगा।
कोविड-19 की नई वैक्सीन नोवावैक्स 90% प्रभावी रहेगा साथ ही हल्के और गंभीर बीमारी में भी 99% सुरक्षा प्रदान करेगा। टीका के निर्माता नोवावैक्स में यह बताया है कि यह वैक्सीन कोविड-19 के खिलाफ बहुत ही प्रभावी साबित हुआ है।
यह बात अमेरिका और मेक्सिको मैं किए गए आखिरी चरण में सामने आई है। कंपनी ने यह बताया है की यह वैक्सीन लगभग 90% असरदार है। अगस्त 2020 में वैक्सीन ने दुनिया के सबसे बड़े उत्पादक सिरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया के साथ समझाते पर हस्ताक्षर किए थे।
अमेरिका कंपनी में नोवावैक्स का टीका का परीक्षण मध्यम चरण में चल रहा है और प्रारंभिक चरण के परीक्षण में यह पता चला था कि यह वैक्सीन कोरोना वायरस के खिलाफ एंटीबॉडीज का उत्पादन उच्च स्तर पर करता है।
अमेरिका और मेक्सिको में नोवावैक्स के अध्ययन मैं 18 वर्ष के ऊपर उम्र के लगभग 30000 लोग शामिल थे। जिनमें से दो तिहाई को 3 हफ्ते के पीरियड पर टीके की दोनों खुराक दी गई थी जबकि शेष को प्रभावी टीका लगाया गया था।
उस दौरान कोविड-19 के 77 मामले सामने आए जिनमें 14 व्यक्ति उस समूह से थे जिन्हें टीका लगाया गया था जबकि शेष मामले उनके थे जिन्हे अप्रभावी टीका लगाया गया था। टीका लगवाने वाले व्यक्ति के समूह में किसी भी व्यक्ति को कोई भी प्रकार की बीमारी मध्यम या गंभीर स्तर पर नहीं पहुंची।
कब तक आएगी यह वैक्सीन
देशभर में कोरोना के लगातार बढ़ते मामलों में सबसे ज्यादा इंतजार कोविड-19 के वैक्सीन का है कई कंपनियों का यह दावा था कि इस साल तक बाजारों में वैक्सीन आ सकती है।
लेकिन सिरम इंस्टीट्यूट ने इस बारे में यह खुलासा किया है कि अभी वैक्सीन को आने में लंबा समय लग सकता है और दुनिया को लगभग 2024 के अंत तक मिल पाएगी यह वैक्सीन।
अदार पूनावाला जो की सिरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया के सीईओ है बताया है कि फार्मा कंपनी अपने प्रोडक्शन को आसानी से नहीं बढ़ा सकती साथ ही उन्होंने यह भी कहा है दुनिया भर में कोविड-19 के वैक्सीन को मिलने में अभी लगभग 4 साल का वक्त लग सकता है साथ ही यह भी बताया गया है कि मीजल्स और रोटावायरस की तरह कोरोना वायरस की भी दो डोज की जरूरत होगी।
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