राजस्थान सरकार ने पुरानी पेंशन योजना की बहाल, वर्ष 2004 के बाद हुई नियुक्तियों को भी मिलेगा फायदा
राजस्थान सरकार ने पुरानी पेंशन योजना की बहाल: राजस्थान सरकार ने 23 फरवरी 2022 को और राज्य सरकार ने काफी तर्क करने के बाद यह फैसला लिया है कि राजस्थान में पुरानी पेंशन योजना (Old Pension Yojana) को बहाल की जाए। जिसके कारण अब अन्य राज्यों पर एवं केंद्र सरकार पर भी बहाली का दबाव बढ़ने लगेगा। चुनाव से पहले राजस्थान सरकार ने यह दावा किया था कि बहुत जल्द पुरानी पेंशन स्कीम को बहाली दी जाएगी। आज जब राजस्थान सरकार ने फिर से पुरानी पेंशन स्कीम को बहाल करने का ऐलान कर दिया है।
राजस्थान सरकार ने पुरानी पेंशन योजना की बहाल

अब इसके बाद अन्य राज्यों पर भी इसका प्रभाव पड़ने लगा है और आगे चलकर भविष्य में बड़ा मुद्दा बनने वाला है। हमने राज्य के सरकारी कर्मचारी भी अब सामने से राज्य सरकार के आगे अपनी मांग रखने वाले हैं। हाल ही में हो रहे उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव के दौरान समाजवादी पार्टी ने भी घोषणा पत्र में यह दावा किया है कि यदि उत्तर प्रदेश में उनकी सरकार बनती है तो वह भी पुरानी पेंशन योजना को बहाल करने का ऐलान कर देंगे।
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पुरानी पेंशन स्कीम 2004 में बंद कर दी गई थी
2004 अप्रैल में जब प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेई की सरकार थी तब डिफेंस फोर्स के अलावा अनिल जगहों से पुरानी पेंशन स्कीम के बदले नई पेंशन स्कीम को लागू करने का एलान कर दिया था। यानी कि अप्रैल 2004 के बाद से यदि कोई सरकारी कर्मचारी नौकरी ज्वाइन करता है तो उसका वेतन न्यू पेंशन स्कीम के आधार पर चलेगा और उस कर्मचारी को अपना योगदान भी देना होगा। धीरे-धीरे अन्य राज्यों ने भी इस स्कीम को अपना लिया था। लेकिन कुछ समय बाद ही वे न्यू पेंशन स्कीम के विरुद्ध भी हो गए थे।
#राजस्थान में #OPS लागू
— Rakesh Sinwer (@RakeshSinwer3) February 23, 2022
पुरानी पेंशन योजना लागू करने के लिए माननीय मुख्यमंत्री जी का हार्दिक आभार और सभी कर्मचारियों को हार्दिक बधाई@ashokgehlot51 #OPS#RajasthanBudget2022 pic.twitter.com/592sSHpMbS
कई दिनों से सरकारी कर्मचारी सड़कों पर आंदोलन कर रहे थे कि नई पेंशन स्कीम को बंद कराकर ओल्ड पेंशन स्कीम फिर से लागू कर दी जाए इनमें अधिकतर कर्मचारी शामिल थे जिनकी जॉइनिंग अप्रैल 2004 से थी।
पुरानी पेंशन स्कीम क्या है
- पुरानी पेंशन स्कीम यानी ओल्ड पेंशन स्कीम (OPS) के अंतर्गत कर्मचारी को पेंशन के लिए अपने वेतन से कोई कटौती नहीं करनी पड़ती थी।
- ओल्ड पेंशन स्कीम में जनरल प्रोविडेंट फंड (GPF)की सुविधा उपलब्ध थी।
- ओल्ड पेंशन स्कीम सुरक्षित पेंशन योजना थी। जिसका भुगतान सरकार की ट्रेजरी के जरिए होता था।
- पुरानी पेंशन स्कीम के अंतर्गत रिटायरमेंट के दौरान अंतिम बेसिक सैलरी का 50% निश्चित पेंशन मिलती थी।
- ओल्ड पेंशन स्कीम के अंतर्गत 6 महीने के बाद मिलने वाला महंगाई भत्ता लागू कर दिया जाता था।
- ओल्ड पेंशन स्कीम में रिटायरमेंट के बाद लगभग ₹2000000 तक की ग्रेजुएटी मिलती थी।
- इसके अंतर्गत यदि सर्विस पीरियड के दौरान कर्मचारी की मृत्यु हो जाती है तो फैमिली पेंशन का प्रावधान था।
- ओल्ड पेंशन स्कीम के अंतर्गत जनरल प्रोविडेंट फंड के ब्याज पर किसी भी प्रकार का कोई इनकम टैक्स नहीं लगता था।
- ओल्ड पेंशन स्कीम रिटायरमेंट के दौरान पेंशन प्राप्ति हेतु जनरल प्रोविडेंट फंड में किसी भी प्रकार का निवेश नहीं करना पड़ता था।
- इसमें 40% पेंशन कंप्यूटेशन का प्रावधान था।
न्यू पेंशन स्कीम (NPS) क्या है
- नई पेंशन स्कीम के दौरान कर्मचारी के वेतन से लगभग 10% की कटौती कर दी जाती थी यानी बेसिक+DA
- न्यू पेंशन स्कीम शेयर बाजार पर आधारित है। इसका मतलब है कि शेयर बाजार के स्टेटस के आधार पर भुगतान किया जाएगा और इसमें बाजार से मिलने वाले किसी भी प्रकार के रिटर्न पर कोई गारंटी नहीं होती है।
- न्यू पेंशन स्कीम के अंतर्गत रिटायरमेंट के दौरान निश्चित पेंशन की कोई गारंटी नहीं होती है।
- इसके दौरान 6 महीने के बाद मिलने वाला महंगाई भत्ता लागू नहीं किया जाता है।
- न्यू पेंशन स्कीम के दौरान रिटायरमेंट के समय मिलने वाली ग्रेजुएटी का कोई स्थाई प्रावधान नहीं है।
- यदि कर्मचारी के सर्विस के दौरान मृत्यु हो जाती है तो फैमिली पेंशन मिलने का प्रावधान है लेकिन इसके अंतर्गत योजना में जमा हुए पैसे पर सरकार जब्त कर लेती है।
- रिटायरमेंट के समय शेयर बाजार के स्टेटस पर आधारित जो पैसा मिलेगा उस पर टैक्स देना पड़ता है।
- न्यू पेंशन स्कीम के दौरान रिटायरमेंट पर मिलने वाले फंड से 40% की रकम इन्वेस्टमेंट करनी पड़ती है।
- न्यू पेंशन स्कीम के अंतर्गत मेडिकल फैसिलिटी का कोई स्पष्ट प्रावधान नहीं है।
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