वन अर्थ वन हेल्थ का मतलब क्या है: आप सभी को तो पता है कि पूरा विश्व इस समय कोरोना वायरस से लड़ रहा है और हर देश कोविड-19 की समस्या से छुटकारा पाना चाहता है।
वन अर्थ वन हेल्थ का मतलब क्या है

कोरोना वायरस की वजह से सभी देशों को आर्थिक रूप से बहुत ज्यादा नुकसान पहुंच रहा है। हर देश यह चाहता है की कोविड-19 की समस्या जल्द से जल्द समाप्त हो जाए। यह एक ऐसी समस्या है। जिसमें सभी देशों को आपस में मिलकर एक दूसरे की मदद करके इस समस्या का समाधान निकालना होगा।
इसी बात को लेकर भारत देश के प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी ने शनिवार को जी-7 शिखर सम्मेलन में डिजिटल तरीके से सम्मिलित होकर कोरोना वायरस महामारी से लड़ने के लिए सभी देशों को एकजुट होने के लिए एक मंत्र दिया “एक वन अर्थ वन हेल्थ”।
इस बार का जी-7 सम्मेलन ब्रिटेन की अध्यक्षता में किया गया है। जिसमें ऑस्ट्रेलिया, दक्षिण कोरिया, दक्षिण अफ्रीका, भारत, कनाडा, फ्रांस, जर्मनी, इटली, जापान, अमेरिका और ब्रिटेन के साथ यूरोपीय संघ इस जी-7 सम्मेलन में दिखाई दिए।
भारत में कोरोना वायरस के चलते हुए ब्रिटेन ने भारत के प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी को डिजिटल तरीके से इस सम्मेलन में सम्मिलित होने का निमंत्रण दिया। के प्रधानमंत्री जी ने इस सम्मेलन में “एक धरती एक स्वास्थ्य” का मंत्र देते हुए आवाहन किया।
की हम सभी देशों को आपस में मिलकर इस कोरोना वायरस से लड़ना है और कोविड-19 के टीकों को पेटेंट कराने की होड़ को छोड़कर सभी देशों की मिलजुल कर मदद करें। ऑस्ट्रेलिया समेत कुछ देशों ने टीकों के पेटेंट का मोदी जी के आवाहन का जोरदार समर्थन किया।
और जर्मन के चांसलर एंजेला मर्केल ने अपने भाषण में मोदी जी के इस आवाहन को जोरदार समर्थन दिया क्योंकि जब सभी देश एक साथ मिलकर सबकी मदद करेंगे तो कोरोना वायरस से लड़ने में सभी देशों को आसानी होगी और मजबूती मिलेगी।
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