Paramparagat Krishi Vikas Yojana:- किसानों के द्वारा खेती प्रयोग होने वाले रसायनों से मानव शरीर पर बहुत दुष्प्रभाव पड़ता है और उसके साथ साथ मृदा की उर्वरा शक्ति भी धीरे-धीरे कम होने लगती है ऐसा देखते हुए सरकार ने परंपरागत कृषि विकास योजना की शुरुआत की जिसमें किसानों को जैविक कृषि करने के लिए प्रोत्साहित करना और उन्हें रसायन मुक्त खेती करने के लिए संसाधन जुटाना। इस योजना की शुरुआत 1 अप्रैल 2015 को की गई थी।
किसान जितना अधिक जैविक खेती करने को बढ़ावा देंगे जिससे हमारे खाद्य पदार्थों के निर्यात में बढ़ोतरी होगी। यह योजना सरकार के द्वारा धारणी कृषि हेतु राष्ट्र मिशन के अंतर्गत खेती योग्य भूमि के स्वास्थ्य के लिए एक घटक है यह एक प्रकार की क्लस्टर योजना है परंपरागत कृषि विकास योजना के तहत किसानों की एक समूह को जैविक खेती करने के लिए उन्हें प्रोत्साहित करें।
Paramparagat Krishi Vikas Yojana

परंपरागत कृषि विकास योजना 2023
इस योजना के अंतर्गत जैविक खेती करने के लिए किसानों को आर्थिक मदद प्रदान की जाएगी। आज के समय में किसानों के द्वारा प्रयोग किए जाने वाले रसायनों की वजह से एक गंभीर समस्या में भरकर आ रही है इसकी वजह से मृदा की उर्वरा शक्ति दिन-प्रतिदिन कम होते जा रही है और मानव एवं पशुओं के स्वास्थ्य के प्रति बहुत ही हानिकारक है।
यदि लंबे समय तक ऐसा चलता रहा तो फसल पैदावार पर एक नकारात्मक असर पड़ेगा इस नकारात्मक असर को खत्म करने के लिए सरकार ने परंपरागत कृषि योजना की शुरुआत की जिसमें सरकार किसानों के ग्रुप को जैविक कृषि करने के लिए प्रोत्साहित करेगी और इस कृषि के लिए उपयुक्त संसाधन सरकार द्वारा उपलब्ध कराए जाएंगे और उनको आर्थिक सहायता भी प्रदान की जाएगी।
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परंपरागत कृषि विकास योजना का उद्देश्य
- इस योजना के तहत किसानों को जैविक खेती करने के लिए प्रोत्साहित करना।
- सरकार द्वारा जैविक खेती के लिए किसानों को नए संसाधनों को उपलब्ध कराना।
- इस योजना के तहत हर गांव में कम से कम एक क्लस्टर का विकास हो।
- कृषि योग्य भूमि की उर्वरा शक्ति को बढ़ाया जाए।
परंपरागत कृषि विकास योजना में आर्थिक लाभ
इस योजना के तहत 50 या उससे अधिक किसानों का क्लस्टर बनाया जाए और उसमें लगभग 50 एकड़ या (20 हेक्टेयर) खेती योग्य भूमि पर जैविक खेती की जाए। इस प्रकार के किसानों को जैविक खेती करने के लिए प्रोत्साहित किया जाए और लगभग प्रत्येक क्लस्टर में 65% किसान सीमांत या फिर लघु क्षेत्र से होना अनिवार्य है। परंपरागत कृषि विकास योजना के तहत बनाए गए प्रत्येक प्लास्टर को संयुक्त रूप से 10 लाख रुपए की धनराशि प्रदान की जाएगी।
इस योजना के तहत आवंटित किए गए बजट का 30% भाग महिला लाभार्थी किसानों को देना अनिवार्य है। इस योजना के तहत सरकार के द्वारा केंद्र और राज्य की हिस्सेदारी 60:40 में रखी गई है यदि लाभार्थी किसान विशेष राज्य में आते हैं तो इसमें केंद्र और राज्य का अनुपात 90:10 होगा।
Paramparagat कृषि विकास योजना के लिए पात्रता
- आवेदन कर्ता को भारत का स्थाई निवासी होना चाहिए।
- आवेदन कर्ता के द्वारा किए जाने वाला आवेदक किसान होना अनिवार्य है।
- आवेदक की आयु 18 वर्ष से अधिक होना अनिवार्य है।
परंपरागत कृषि विकास योजना के लिए आवश्यक दस्तावेज
- आधार कार्ड
- निवास प्रमाण पत्र
- आय प्रमाण पत्र
- आयु प्रमाण पत्र
- राशन कार्ड
- मोबाइल नंबर
- पासपोर्ट साइज फोटो
परंपरागत कृषि विकास योजना ऑनलाइन आवेदन प्रक्रिया
- सबसे पहले आपको परंपरागत कृषि विकास योजना की ऑफिशियल वेबसाइट (https://pgsindia-ncof.gov.in/PKVY/Index.aspx) पर जाना है।
- अब आपके सामने वेबसाइट का मुख्य पृष्ठ खुल जाएगा।
- अब आपको वेबसाइट के मुख्य पृष्ठ पर Apply Now का विकल्प चुना है।
- अब आपके सामने एक Form पेज खुल जाएगा आवेदन करने के लिए Form में पूछी गई सारी जानकारी को सही से दर्ज करें।
- इस योजना के लिए आवश्यक दस्तावेजों को Upload करना होगा।
- सारी प्रक्रिया समाप्त होने के बाद आपको Submit बटन पर क्लिक करना है।
- इस तरह परंपरागत कृषि विकास योजना में आपका आवेदन हो जाएगा।