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संपत्ति का बंटवारा कैसे करें? ज्वाइंट ओनरशिप का क्या मतलब होता है?

आप भी किसी संपत्ति को बांटना चाहते हैं तो संपत्ति का बंटवारा कैसे करें (Patrik Sampatti Ka Batwara Kaise Karen) आपके लिए यह जानना बेहद जरूरी है कि एक से ज्यादा लोगों के बीच प्रॉपर्टी कैसे बाटी जाती है। यदि आप जमीन का बटवारा करना चाहते है तो जमीन का परिवारिक बंटवारा कैसे करें यह पता होना चाहिए। यदि आप घर का बटवारा करना चाहते है तो घर के बंटवारे के लिए क्या करना पड़ेगा। पैतृक संपत्ति का बंटवारा कैसे किया जाता है, और पैतृक संपत्ति बेच सकते है या नहीं इन सभी सवालों के जबाब यहाँ आपको मिल जायेंगे।

संपत्ति का बंटवारा कैसे करें

संपत्ति का बंटवारा कैसे करें

कैसे करें संपत्ति का बंटवारा

अगर आप प्रॉपर्टी का एक से ज्यादा लोगों के बीच बटवारा करना चाहते हैं तो आपको बटवारानामा बनवाना होगा। यह एक ऐसा दस्तावेज होता है जिसके जरिए कानूनी तौर पर प्रॉपर्टी के सभी वारिसों को हिस्सा दिया जाएगा। प्रॉपर्टी के बंटवारे के बाद हर हिस्से की प्रॉपर्टी को नया टाइटल दिया जाता है और हर सह मालिक दूसरे व्यक्ति के हिस्से में अपना हित छोड़ देता है।

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बटवारानामा एक ऐसी कानूनी प्रक्रिया है जिसमें संपत्ति का सरेंडर और अधिकारों का ट्रांसफर शामिल होता है। जिस व्यक्ति को संपत्ति का जो हिस्सा मिलता है वह उस हिस्से का नया मालिक बन जाता है और वह अपनी मर्जी से उस संपत्ति को बेच सकता है, ट्रांसफर कर सकता है, गिफ्ट कर सकता है, एक्सचेंज कर सकता है क्योंकि उसके पास ऐसा करने का अधिकार आ जाता है।

आपसी सहमति से बटवारा कैसे करें

आपसी सहमति से किसी प्रॉपर्टी के बंटवारे में बटवारानामा प्रॉपर्टी के सह मालिकों के बीच में किया जाता है। इस प्रक्रिया को कानूनी रूप देने के लिए बटवारानामा के सेक्शन में सब रजिस्ट्रार दफ्तर से रजिस्टर्ड कराना होता है। प्रॉपर्टी के एक या एक से अधिक मालिक हो सकते हैं और उनके पास उस प्रॉपर्टी का इस्तेमाल करने का बराबर या कोई निश्चित प्रतिशत होता है।

ज्वाइंट ओनरशिप में एक अहम पहलू गैर विभाजित शेयर होता है। देखा जाए तो प्रॉपर्टी के सारे सह मालिक सामान हो या कुछ हिस्से के मालिक हो उनका निश्चित शेयर पता नहीं लगाया जा सकता इसी कारण उनके शेयर गैर विभाजित रहते हैं।

अगर प्रॉपर्टी के सह मालिकों का प्रॉपर्टी के बंटवारे पर एक जैसा नजरिया नहीं होता तो फिर ऐसी परिस्थिति में अदालत की मदद लेनी पड़ती है। इसके बाद स्पष्ट तरीके से स्टांप पेपर पर सभी शख्स का हिस्सा बंटवारे की तारीख लिखनी होती है। इस नए बटवारानामा को भी Sub-Registrar ऑफिस में रजिस्टर्ड कराना पड़ता है जिससे कि यह कानूनी रूप ले सके।

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ज्वाइंट ओनरशिप का क्या मतलब होता है?

इसका मतलब सामान शेयर नहीं होता। इसका मतलब है कि अगर किसी शख्स का अन्य शख्स के साथ किसी प्रॉपर्टी पर संयुक्त रूप में मालिक है तो इसका यह मतलब नहीं होता की संपत्ति पर दोनों का आधा-आधा हिस्सा है।

ज्वाइंट ओनरशिप में प्रॉपर्टी पर हिस्सा इस बात पर निर्भर करता है कि व्यक्ति का प्रॉपर्टी में कितना निवेश है। और इसकी जानकारी बेनामे के जरिए होती है। अगर इसकी जानकारी नहीं होती है तो कानून यह मानता है कि सभी मालिकों का हिस्सा बराबर में है और टाइटल भी गैर विभाजित है।

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क्या संपत्ति विरासत होती है?

क्योंकि किसी संपत्ति मे सह मालिकों को हिस्सा विरासत के तौर पर मिला होता है और यह संपत्ति एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति को दिया जाता है। इसलिए सभी सह मालिकों का प्रॉपर्टी में निवेश का हिस्सा साफ बताना जरूरी होता है।

इसका एक मकसद होता है वह है ट्रांसफर, टैक्स, विरासत में होने वाली अन्य तरह की परेशानियों से बचना। सभी मालिकों को इस बात का ध्यान होना चाहिए कि प्रॉपर्टी का बंटवारा कानून से जुड़ा होता है। हिंदू, मुस्लिम और ईसाइयों के अलग प्रॉपर्टी कानून होते हैं।

अगर पिता खुद की बनाई और कमाई हुई प्रॉपर्टी छोड़कर मर जाता है तो उसका पुत्र उसकी प्रॉपर्टी का मालिक बन जाता है। लेकिन उसका पोता उस प्रॉपर्टी को पुरखों की प्रॉपर्टी बताकर यह दावा नहीं रोक सकता।

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