भारत के संविधान के अनुसार पिता की संपत्ति पर बेटे का क्या अधिकार है। इसके लिए संविधान में बहुत से नियम (Pita Ki Sampatti Par Bete Ka Kya Adhikar Hai) बने है। यदि आपके पास पैतृक संपत्ति है तो पैतृक संपत्ति पाने के उपाय क्या है और दादा परदादा का जमीन अपने नाम कैसे करें इसके बारे में पूरी जानकारी होना बहुत ही जरूरी है। यदि आप उत्तर प्रदेश के निवासी है और संपत्ति के अधिकार की वर्तमान स्थिति क्या है उत्तर प्रदेश में जानना चाहते है इसके साथ साथ यह भी जानना चाहते है की पुत्र पिता की संपत्ति का दावा कर सकते जब पिता जीवित है क्या यह संभव है या नहीं यहाँ पर पूरी जानकारी दी गई है।
पिता की संपत्ति पर बेटे का क्या अधिकार है

पिता की संपत्ति पर किसका अधिकार है
हिंदू सेक्शन एक्ट 1956 ( हिंदू उत्तराधिकार अधिनियम ) के अनुसार पिता की मृत्यु के बाद संपत्ति वितरण किसी कारण वश अगर बिना कोई वसीयत बनाए पिता का स्वर्गवास हो जाता है तो उनके बेटे या बेटी का अपने पिता द्वारा कमाई गई और बनाई गई संपत्ति पर पिता के वारिस के रूप में पहला अधिकार होता है।
अपने पिता के बारिश के तौर पर बेटे या बेटी को पैतृक संपत्ति में अपना हिस्सा लेने का कानूनी अधिकार भी होता है। कुछ परिस्थितियां ऐसी भी है जिनके कारण बेटा अपने पिता की संपत्ति में अपना हिस्सा नहीं ले सकता।
पैतृक संपत्ति में
हिंदू कानून के अनुसार कोई भी व्यक्ति अपने जन्म के साथ ही अपने हिस्से का पैतृक संपत्ति पर अधिकार मिल जाता है। पैतृक संपत्ति वह संपत्ति होती है जो पुरुष वंश की लगातार चार पीढ़ियों को अपने विरासत में मिलती आ रही है। किसी भी संपत्ति को दो शब्दों के आधार पर ही पैतृक संपत्ति माना जाता है-
- अगर वह संपत्ति उसके पिता को अपने पिता से यानी दादा से उनकी मृत्यु के बाद विरासत में मिली हो।
- या फिर दादा ने अपने जीवित समय में ही पैतृक संपत्ति का बटवारा करके विरासत में दीया हो ।
- अगर उसके पिता को अपने पिता से उपहार के रूप में संपत्ति मिली हो तो वह संपत्ति पैतृक संपत्ति नहीं मानी जाती।
अगर बेटा चाहे तो अपने पिता के जिंदा रहने पर भी पैतृक संपत्ति मैं अपना हिस्सा ले सकता है लेकिन किसी भी सूरत में आवेदक को यह साबित करना होगा कि उस पैतृक संपत्ति पर उसका भी हक है। लेकिन यह हिंदू अधिनियम सौतेले बेटे को पहला बारिश नहीं मानता। कुछ मामलों में ही अदालत सौतेले बेटे को अपने पिता की प्रॉपर्टी को विरासत में लेने की अनुमति प्रदान करती है।
उदाहरण:-मुंबई उच्च न्यायालय द्वारा संबोधित किए गए एक मामले में आवेदक एक हिंदू मृत महिला का अपने पहले पति से हुआ बेटा था। उस मृत महिला को अपने दूसरे पति से विरासत में प्रॉपर्टी मिली थी, जिसका कोई वेद बारिश नहीं था सिवाय उसके पत्नी के।
अदालत ने इस मामले में सौतेले बेटे के दावे को सही घोषित किया और मृत महिला के बेटे यानी दूसरे पति का सौतेला बेटा उस संपत्ति पर अपना उत्तराधिकार का दावा कर सकता है। यह फैसला इसलिए लिया गया क्योंकि मृत महिला के दूसरे पति के भतीजे और भतीजे के बेटे ने उस संपत्ति पर अपना हक जताया था।
खुद की कमाई संपत्ति में
कानून के हिसाब से माता-पिता की खुद की कमाई संपत्ति पर उनके बेटे का कोई कानूनी अधिकार नहीं होता है। लेकिन वह अपना हिस्सा मांग सकता है अगर वह यह साबित कर दें कि उस संपत्ति को बनाने में उसका भी योगदान था। एक बेटे का अपने माता-पिता द्वारा खुद की कमाई गई संपत्ति में हिस्सा पाने का कोई अधिकार नहीं होता है।
अगर उसके पिता द्वारा वसीयत में संपत्ति किसी और को दे दी हो या भेंट कर दी हो। व्यक्ति के माता-पिता अपनी संपत्ति का इस्तेमाल करने की अनुमति अपने बेटे को दे सकते हैं लेकिन इस निर्णय के लिए बेटे द्वारा माता पिता पर कोई दबाव नहीं होना चाहिए। साथ ही पोते का अपने दादा की कमाई गई खुद की संपत्ति पर भी कोई अधिकार नहीं होता है।
अगर पिता संपत्ति उपहार के रूप में दें
कोई भी संपत्ति पैतृक संपत्ति नहीं मानी जाती जब वह संपत्ति पिता द्वारा अपने बेटे को उपहार में दी गई हो। इसी कारण कोई व्यक्ति अपने दादा द्वारा अपने पिता को उपहार के रूप में दी गई संपत्ति पर अपना हिस्सा नहीं मांग सकता या दवा नहीं कर सकता। कोई भी संपत्ति जो बेटी या बेटे को अपने पिता द्वारा उपहार के रूप में मिली हो वह संपत्ति उनकी खुद की कमाई संपत्ति बन जाती है।
इन मामलों में पोते और पोतिया का इन संपत्ति पर अपना किसी प्रकार का कानूनी अधिकार नहीं होता, जैसे संपत्ति को किसी व्यक्ति को दे दी हो या फिर अपने ही बेटे और बेटी को उपहार में दी हो। अपनी इच्छा से जब तक दादा संपत्ति को पैतृक संपत्ति नहीं बनाते तब तक ऐसी संपत्ति खुद की कमाई हुई संपत्ति के रूप में माना जाता है।
पिता की संपत्ति में बेटियों के अधिकार
यदि किसी हिंदू परिवार मैं संपत्ति के उत्तराधिकारी की मृत्यु बिना वसीयत लिखे हो जाती है तो इस स्थिति में हिंदू उत्तराधिकारी कानून 1956 होने से पहले बेटियों को भी संपत्ति में बराबर का हकदार माना जाएगा। भारत में कृषि योग्य भूमि में महिलाओं को संपत्ति में अधिकार नहीं दिया जाता है था भारत के कुछ राज्य से हैं हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, जम्मू और कश्मीर और पंजाब मैं कृषि योग्य भूमि में महिलाओं को बराबर का हक नहीं दिया जाता है।
यह भी पढ़े –
- कोर्ट मैरिज कितने दिन में होता है? आइये जानते है इसके बारे में।
- शादी का रजिस्ट्रेशन कैसे होता है? जाने इससे जुड़ी सारी जानकारी।
- कोर्ट मैरिज की फीस कितनी है? जाने कोर्ट मैरिज करने में कितनी फीस लगती है।
- Court Marriage In 1 Day? 1 दिन में कोर्ट मैरिज कैसे करें
- तलाक लेने की प्रक्रिया क्या है?
Mere Pita ki khud ki kharidi property hai but achanak unki mrityu ho gai h but isi ke sath hmare 2 chacha 3 buao ne dadi ke sath mil kar property me leagal heir me dadi ka nam jod diya or khud hi patwar khane me jake intekal krwa diya hai ab dikkat yeh h ki dadi hmare sath na kabi rahi h na wo hmare kisi b sukh dukh me sath h property me unke hisse se future me hmare chacha ya bua dadi se apne naam pr krwa sakte h kindly solution dijiye kya kiya jae
इस पेज के आखरी में वकील का नंबर दिया है आप इनसे सम्पर्क करें ये आपकी मदद करेंगे। https://www.candefine.com/pita-ki-sampatti-par-bete-ka-kya-adhikar-hai/
आपको वकील से सलाह लेनी चाहिए
MERI SECOND MOTHER HAIN, MERE PAPA MUJHE BOL RAHE HAIN KI KEWAL DADA JI PROPERTY ME HI HISSA DENGE. MUJHE KYA KARNA CHAHIYE PLEASE SUGGEST
इस पोस्ट में मैंने वकील का नंबर दिया है आपको वकील से बात करनी चाहिए।
Humare papa ko 2 bivi thi in dono ke 6 bhai bhan he hum pehli patni ke 3bhai he aour dushri patni ke 3 bhai bhan he jo humhari soteli ma he hum ko nahi chahti he humhare papa ne sari property soteli olad ke naam kar di he is ka hal he sir please answer mee
Mra father koi jamin Bach diye hai usko hm li sakhte hai ki nahi
मेरे दादा की जमीन थी मेरे पिताजी ने दारू पीने में धीरे धीरे सारी जमीन बेच दी अब जिस में हम रहते है उस घर को भी बेचना चाहते है क्या करे
Sir 1996 me mere dada ji ki mrityu ho chuki he.mere papa k bhai bhen sabke namm ek jamin pr chade the jo mere chacha ne hata kr uska naam chada lia me apse sirf itna janna chahata hu ki bap ki property me bete ka haq kitne sal tak rhta he humne case abhi 2021 me lgya h 20sal bad.
Sir mera chacha mere pita ki sampatti nhi de riha
आपको वकील से बात करनी चाहिए
Mere saas sasur pati jeth jethani sab milkar mujhe mera beta sahit ghar me ghusane nahi de rahe h apna or apne bete ka huk kaise le
Meri Mataji ne Ek property li hai kya uspar mera Hisse ka Rights hai
आपको वकील से संपर्क करना चाहिए
Mere pitaji ne Sare jamin mere chhote bhai ke name kr diye hai mai apna hissa kaise pa sakta hu koi upaya diya jaye mai beghar ho gya hu