प्रधानमंत्री 15 सूत्री कार्यक्रम क्या है:- अल्पसंख्यकों के कल्याण के लिए प्रधानमंत्री द्वारा वर्ष 2005 में 15 सूत्री कार्यक्रम (pradhan mantri 15 sutri karyakram kya hai) प्रारंभ किया गया था। यह एक व्यापक कार्यक्रम है, जिसमें विभिन्न मंत्रालयों/विभागों की विभिन्न योजनाओं / पहलों को शामिल किया गया है। इस कार्यक्रम का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है। कि इन योजनाओं/कार्यक्रमों के लाभ का प्रवाह समान रूप से अल्पसंख्यकों तक पहुंचे।
प्रधानमंत्री 15 सूत्री कार्यक्रम क्या है

15 सूत्री कार्यक्रम के माध्यम से अल्पसंख्यकों के लिए बहुमुखी विकास के लक्ष्य निर्धारित किए गए हैं। विभिन्न योजनाओं एवं छात्रवृत्तियों के माध्यम से अल्पसंख्यकों के शैक्षिक स्तर, रोजगार तथा जीवन-यापन स्तर में सुधार तो हुआ है, परंतु अभी भी सुधार की काफी संभावनाएं बाकी हैं। अभी भी अल्पसंख्यक महिलाओं विशेषकर मुस्लिम महिलाओं की स्थिति दयनीय बनी हुई है। हालांकि अन्य अल्पसंख्यक वर्गों की स्थिति में उल्लेखनीय प्रगति देखी गई है, फिर भी अभी मीलों चलना बाकी है।
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प्रधानमंत्री का नया 15 सूत्री कार्यक्रम का उद्देश्य
- अल्पसंख्यक समुदाय के शिक्षा के अवसरों में वृद्धि करना।
- अल्पसंख्यक समुदाय की आर्थिक क्रिया-कलापों एवं रोजगार में समुचित हिस्सेदारी को सुनिश्चित करना।
- अल्पसंख्यक समुदाय के व्यक्तियों के जीवन-स्तर में सुधार करना।
- सांप्रदायिक दंगों एवं हिंसा की रोकथाम व नियंत्रण।
15 सूत्र कार्यक्रम
इस कार्यक्रम के अंतर्गत चार श्रेणियों में 15 सूत्र रखे गए हैं।
(क) शिक्षा अवसरों में वृद्धि
- एकीकृत बाल विकास सेवाओं की समुचित उपलब्धता सुनिश्चित कराना।
- विद्यालयी शिक्षा की उपलब्धता को सुधारना।
- उर्दू शिक्षण के लिए अधिक संसाधनों की उपलब्धता को सुनिश्चित करना।
- मदरसा शिक्षा का आधुनिकीकरण ।
- अल्पसंख्यक समुदायों के मेधावी विद्यार्थियों के लिए छात्रवृत्ति।
- मौलाना आजाद शिक्षा प्रतिष्ठान के माध्यम से शैक्षिक अवसंरचना को उन्नत करना।
(ख) आर्थिक कार्य-कलापों और रोजगार में समुचित हिस्सेदारी
- गरीबों के लिए स्वरोजगार तथा मजदूरी रोजगार । 8. तकनीकी प्रशिक्षण के माध्यम से कौशल उन्नयन।
- आर्थिक क्रिया-कलापों के लिए ऋण सहायता प्रदान करना।
- राज्य व केंद्रीय सेवाओं में भर्ती।
(ग) अल्पसंख्यक समुदाय के जीवन स्तर में सुधार
- ग्रामीण आवास योजना में उचित हिस्सेदारी ।
- अल्पसंख्यक समुदायों वाली मलिन बस्तियों की स्थिति में सुधार करना।
(घ) सांप्रदायिक दंगों की रोकथाम व नियंत्रण
- सांप्रदायिक घटनाओं की रोकथाम।
- सांप्रदायिक अपराधों के लिए अभियोजन।
- सांप्रदायिक दंगों के पीड़ितों का पुनर्वास।
प्रमुख तथ्य
- इस कार्यक्रम के तहत लक्षित समूह में अधिसूचित अल्पसंख्यक अर्थात मुस्लिम, ईसाई, सिख, बौद्ध, पारसी तथा जैन हैं।
- उन राज्यों/संघ राज्य क्षेत्रों जैसे- जम्मू एवं कश्मीर (अविभाजित) पंजाब, मेघालय, मिजोरम, नगालैंड और लक्षद्वीप में जहां वास्तव में अधिसूचित अल्पसंख्यक समुदायों में से एक बहुसंख्यक है, विभिन्न योजनाओं के अंतर्गत वास्तविक/वित्तीय लक्ष्यों का निर्धारण केवल अन्य अधिसूचित अल्पसंख्यकों के लिए ही होगा।
- इन कार्यक्रमों के लिए एक पुनरीक्षा समिति होगी, जिसका प्रमुख अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय का सचिव होगा।
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