प्रधान मंत्री फसल बीमा योजना क्या है:- कृषि के क्षेत्र में किसानों को प्राकृतिक आपदाओं का सामना करना पड़ता है जिसकी वजह से उनकी फसलें खराब हो जाती हैं फसलों के खराब होने की वजह से किसानों को काफी नुकसान पहुंचता है इससे किसानों की आर्थिक स्थिति बिगड़ती है। किसानों की आर्थिक स्थिति को सही बनाए रखने के लिए भारत सरकार ने वर्ष 1999 में ‘राष्ट्रीय कृषि बीमा योजना’ (National Agriculture Insurance Scheme : NAIS) की शुरुआत की। वर्ष 2010 में सरकार ने इस योजना को परिवर्तित कर कर ‘संशोधित राष्ट्रीय कृषि बीमा योजना’ (MNAIS) कर दिया।
प्रधान मंत्री फसल बीमा योजना क्या है

प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना कब शुरू हुई?
इस बीमा योजना के अनुसार यदि प्राकृतिक आपदा की वजह से किसानों की फसलों को नुकसान पहुंचता है या फिर क्षति पहुंचती है तो किसान को हुए और नुकसान के लिए सरकार ने केवल 23% किसानों को ही इस योजना का लाभ मिल सकेगा। 18 फरवरी, 2016 में प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (PMFBY) का शुभारंभ किया। इस योजना के जरिये एक न्यूनतम प्रीमियम की दर पर भारत के सभी किसानों को सामान्य फसल बीमा योजना का लाभ दिया जाएगा।
भारत देश एक कृषि प्रधान देश है इसकी लगभग 55% आबादी कृषि स्रोत के द्वारा अपनी जीविका कोई चलाती है। इस वजह से फसलों के नुकसान की भरपाई करने के लिए प्रधानमंत्री ने प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (Pradhan Mantri Fasal Bima Yojana) की शुरुआत की और यह योजना पिछली फसल बीमा योजना से बहुत श्रेष्ठ है। किसानों के हित को और उनकी आर्थिक स्थिति मजबूत करने के लिए भारत सरकार ने प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना को शुरू किया है जिससे किसानों को प्राकृतिक आपदा की वजह से होने वाले नुकसान की भरपाई की जा सके।
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प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना का उद्देश्य
- इस योजना के तहत किसानों को प्राकृतिक आपदा की वजह से कीटो और बीमारियों की वजह से होने वाले नुकसान से किसानों को आर्थिक मदद प्रदान की जाएगी।
- इस योजना के जरिए किसानों की उन्नति के लिए उनकी आए में स्थिरता लाना।
- सरकार द्वारा किसानों को खेती आधुनिक संसाधनों और उन्नत प्रकार की किस्म के लिए प्रेरित करना।
- इस योजना के द्वारा किसी क्षेत्र में उनकी साख प्रवाह को सुनिश्चित करना सरकार का मुख्य उद्देश है।
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प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना किन फसलों पर दिया जाएगा
- खाद फसलें (अनाज, मोटा अनाज, दालें)
- तिलहन
- वार्षिक बागवानी एवं फसलें
प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना का जोखिम कवरेज
- प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (PMFBY) के तहत उन सभी जोखिमों को सम्मिलित किया गया है जो कि प्राकृतिक भी हो और कीट पतंगों के द्वारा फसलों को पहुंचाई गई क्षति बुवाई में होने वाली बाधाएं आदि बाधाओं को सम्मिलित किया गया है।
- आगजनी, तूफान, बाढ़, भूस्खलन, सुखा, बीमारियां, कीट पतंगों के द्वारा होने वाली क्षति मैं किसानों को इस योजना का लाभ मिलेगा।
- यदि मौसम की विपरीत स्थिति के कारण बुवाई ना हुई हो इस स्थिति में किसानों को इस योजना का लाभ दिया जाएगा।
- यदि फसल को 14 दिन काटने के पश्चात खेत में रहने की स्थिति में यदि कोई आपदा आती है और उसकी वजह से किसान को नुकसान होता है तो उसको इस स्थिति में भुगतान किया जाएगा।
- स्थानीय आपदाओं की स्थिति में यूनिट आधारित आकलन के वजह व्यक्तिगत आकलन के आधार पर उनको भुगतान दिया जाएगा।
Pradhan Mantri फसल बीमा योजना के मुख्य तथ्य
- वर्ष 2016 से यह योजना शुरू कर दी गई है।
- एक देश एक योजना के आधार पर इस योजना को शुरू किया गया है।
- इस योजना में किसानों द्वारा दिया गया प्रीमियम न्यूनतम राशि कर दिया गया है।
- नई प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के अनुसार अधिकतम भुगतान राशि को समाप्त कर दिया गया है इसमें जो किसान अपनी प्रीमियम राशि को जमा करेंगे उन किसानों को पूरी सहायता राशि प्रदान की जाएगी।
प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के अनुसार भुगतान राशि
फसल का नाम | प्रीमियम राशि (बीमित राशि या अनुमानित भावी क्षति जो दोनों में कम हो, का प्रतिशत) |
---|---|
खरीफ फसल | 2% |
रबी फसल | 1.50% |
वार्षिक वाणिज्यिक एवं बागवानी फसलें | 5% |
- इस प्रस्तावित योजना के अनुसार वह सभी किसान जिन्होंने ऋण लिया हो या फिर ना लिया हूं वह सभी किसान इस फसल बीमा के लिए पात्र होंगे।
- प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना जिन किसानों ने ऋण लिया है उनके लिए अनिवार्य है और जिन्होंने ऋण नहीं लिया है उनके लिए स्वैच्छिक है।
- प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत फसलों की बीमा हेतु भारतीय कृषि बीमा कंपनी के अतिरिक्त अन्य निजी क्षेत्र की कंपनी भी इसमें शामिल की गई हैं।
- इस योजना में किसी भी प्रकार का कृषि नुकसान पर तीव्र आकलन और तुरंत भुगतान करने पर जोर दिया गया है।
- इस योजना के अनुसार लगभग 194.40 मिलीयन हेक्टेयर फसल बीमा के दायरे में आने का अनुमान लगाया गया है।
- प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के लिए वर्ष 2021-2022 के लिए 16000 करोड़ों रुपए का बजट आवंटित किया गया है यह रकम पिछले बजट 2020-2022 से लगभग 4.5% अधिक है।