प्रत्यय किसे कहते हैं :- प्रत्यय दो शब्दों प्रति + अय से मिलकर बना है। जिसमें प्रति का अर्थ है साथ में पर बाद में और अय का अर्थ है ‘चलने वाला’ अर्थात प्रत्यय (Pratyay Kise Kahate Hain) का अर्थ है शब्दों के साथ, पर बाद में चलनेवाला या लगने वाला शब्दांश। जो सब डांस शब्दों के अंत में जोड़कर उनके अर्थ में विशेषता या परिवर्तन ला देते हैं प्रत्यय कहलाते हैं। प्रत्यय क्या है उदाहरण सहित लिखिए? हिंदी में कितने प्रत्यय हैं?
प्रत्यय किसे कहते हैं

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प्रत्यय की परिभाषा
परिभाषा- जो शब्दांश धातु रूप या शब्दों के अंत में लगकर नये शब्दों का निर्माण करते हैं, उन्हें प्रत्यय कहते हैं। प्रत्यय अविकारी शब्द होता है। जैसे-
- दास (मूलशब्द) + ता (प्रत्यय) = दासता
- बड़ा (मूलशब्द) + आई (प्रत्यय) = बड़ाई
प्रत्यय कितने प्रकार के होते हैं
प्रत्यय के मुख्यतः 2 भेद होते हैं-
- कृत् प्रत्यय
- तद्धित प्रत्यय
1. कृत प्रत्यय
क्रिया अथवा धातु के साथ (अंत में) जो प्रत्यय लगाये जाते हैं, उन्हें कृत प्रत्यय कहते हैं एवं कृत प्रत्यय के मेल से बनने वाले शब्दों को कृदंत कहते हैं। कृत प्रत्यय क्रिया के धातु (मूल) रूप के साथ लगकर संज्ञा और विशेषण का निर्माण करते हैं।
हिन्दी के प्रमुख कृत् प्रत्यय एवं उनसे निर्मित शब्द
कृत् प्रत्यय | कृत् प्रत्यय से निर्मित शब्द |
---|---|
अक्कड़ | घुमक्कड़, भुलक्कड़, पियक्कड़, बुझक्कड़, कुदक्कड़ |
आकू | लड़ाकू, पढ़ाकू, उड़ाकू |
इया | छलिया, खटिया, दुनिया, जड़िया, धुनिया, लखिया |
आक | तैराक, चालाक, उड़ाक, लड़ाक |
एरा | चितेरा, लुटेरा |
आका | लड़ाका, धमाका, धड़ाका |
वैया/ ऐया | खिवैया, गवैया, बजैया |
अक | कारक, पालक, पाठक, जातक |
इयल | अड़ियल, मरियल, सड़ियल |
अंकू | उड़ंकू, लड़ंकू |
ऐत | डकैत, लठैत, लड़ैत, चड़ैत |
ओड़/ओड़ा | हँसोड़, हँसोड़ा, भगोड़ा |
ता | श्रोता, ज्ञाता, त्राता, दाता, वक्ता |
सार | मिलनसार |
वाला | खानेवाला, पढ़नेवाला, हँसनेवाला, गानेवाला, चाहनेवाला, फेरीवाला |
हार | होनहार, पालनहार |
अंत | रटंत, भिड़ंत, कुटंत, पिटंत, गढंत |
आव/आवा | घुमाव, तनाव, चुनाव, पड़ाव, दबाव, बचाव, लगाव, दोहराव, खिंचाव, छलावा, पछतावा, चढ़ावा, बुलावा |
आवट | लिखावट, सजावट, रुकावट, दिखावट, थकावट |
आहट | चिल्लाहट, घबराहट, बौखलाहट |
आस | निकास, प्यास, हुलास, विकास |
आई | पढ़ाई, लिखाई, लड़ाई, जुताई, पिसाई, धुलाई, पिटाई, चढ़ाई, चराई |
आ | घेरा, छापा, मेला, जोड़ा, काढ़ा, घाटा |
आन | मिलान, उड़ान, चलान, सम्मान, खदान, लगान |
ई | बोली, चटनी, हँसी, धमकी, झाँकी |
औता | समझौता |
औती | चुनौती, मनौती, फिरौती, कटौती |
औना | घिनौना, खिलौना, बिछौना |
ना | खाना, दाना, बोलना, सोना, ओढ़ना, गाना, बेलना |
नी | सूँघनी, ओढ़ती, जननी, कहानी, चटनी |
अन | बेलन, बंधन, मंथन, ढक्कन, झाड़न, जामन |
आ | झूला, ढेला, ठेला, मेला, थैला, पोछा, घेरा |
नी | लेखनी, ओढ़नी, छलनी, फुंकनी |
ई | रेती, फाँसी, चिमटी |
अनीय | पठनीय, दर्शनीय, पूजनीय, कथनीय |
आवना | सुहावना, लुभावना |
अन | अन्वेषण, प्रदूषण, शिक्षण, आरोहन, क्रंदन, ग्रहण, भाषण |
सा | चिकित्सा, मीमांसा, लालसा, जिज्ञासा, पिपासा |
अना | योजना, घोषणा, गवेषणा, स्थापना, अर्चना, वासना, तृष्णा, वंदना, घृणा, यातना |
अक | ग्राहक, गायक, मादक, घातक, वाचक, साधक |
अन | नयन, भूषण, वाहन |
आ | दिशा, ईर्ष्या, निंदा, अभिलाषा, क्षमा, चिंता, प्रशंसा, भाषा, हिंसा, शिक्षा |
ति | कृति, आहुति, आकृति, गति, नीति, रति, रीति, स्तुति, पुष्टि, सृष्टि, दृष्टि, शांति, जाति, तृप्ति, मति, ख्याति |
विद्, वेत्ता | भाषाविद्, इतिहासविद्, कलाविद्, तत्त्ववेत्ता, विधिवेत्ता, इतिहासवेत्ता |
2. तद्धित प्रत्यय
संज्ञा, सर्वनाम तथा विशेषण शब्दों के अन्त में लगने वाले प्रत्यय शब्दों को तद्धित प्रत्यय कहते हैं। इनके योग से बनने वाले शब्द तद्धितांत कहलाते हैं। जैसे-
- बंधु + त्व = बंधुत्व
- लघु + त्व = लघुत्व
- वीर + त्व = वीरत्व
- शत्रु + ता = शत्रुता
- एक + ता = एकता
प्रमुख तद्धित प्रत्यय एवं उनसे बने शब्द
प्रत्यय | मूल शब्द | प्रत्यय से निर्मित शब्द |
---|---|---|
औती | बाप, मान | बपौती (भाववाचक संज्ञा), मनौती |
एरा | अंध | अंधेरा (भाववाचक संज्ञा) |
आई | चतुर, ठाकुर, पंडित | चतुराई, ठकुराई, पंडिताई |
आस | मीठा | मिठास |
पन | काला, लड़का, बच्चा | कालापन, लड़कपन, बचपन |
आवट | आम | अमावट |
पा | बूढ़ा | बुढ़ापा |
हारा | लकड़ी | लकड़हारा |
तम | श्रेष्ठ, उच्च, महान | श्रेष्ठतम, उच्चतम, महानतम |
वान् | गुण, धन | गुणवान्, धनवान् |
ईय | भारत, राष्ट्र, पुस्तक | भारतीय, राष्ट्रीय, पुस्तकीय |
र | मधु, पांडु, मुख, कुंज | मधुर, पांडुर, मुखर, कुंजर |
आलु | कृपा, दया, ईर्ष्या, श्रद्धा | कृपालु, दयालु, ईर्ष्यालु, श्रद्धालु |
प्रत्यय | मूल शब्द | तद्धितांत |
---|---|---|
आहट | गरम | गरमाहट |
आई | साफ | सफाई |
पन | बाँझ | बांझपन |
त्व | लघु | लघुत्व |
इमा | लाल | लालिमा |
गी | जिंदा | जिंदगी |
अ | मनु | मानव |
ता | सुंदर | सुंदरता |
इकी | यंत्र | यांत्रिकी |
इक | अलंकार | अलंकारिक |
अंतर | अर्थ | अर्थांतर |
ई | गर्म | गर्मी |
इया | रसोई | रसोईया |
आर | सोना | सुनार |
वाला | सब्जी | सब्जीवाला |
एरा | मामा | ममेरा |
आरा | हत्या | हत्यारा |
एरा | सांप | सपेरा |
तन | पूरा | पुरातन |
हार | पानी | पनिहार |
आ | प्यास | प्यासा |
इक | चरित्र | चारित्रिक |
इत | कंटक | कंटकित |
इल | जटा | जटिल |
इनी | कमल | कमलिनी |
इला | रंग | रंगीला |
उक | भाव | भावुक |
मान | शक्ति | शक्तिमान |
ईय | मानव | मानवीय |
एय | अतिथि | आतिथेय |
य | शुर | शौर्य |
इन | पड़ोस | पड़ोसिन |
आ | सुत | सुता |
ओला | खाट | खटोला |
आइन | पंडित | पंडिताइन |
इया | बंदर | बंदरिया |
ओई | बहन | बहनोई |
ई | बेटा | बेटी |
अन्य महत्त्वपूर्ण प्रत्यय
प्रत्यय | मूल शब्द | तद्धितांत |
---|---|---|
इयल | मर, सड़ा, दाढ़ी | मरियल, सड़ियल, दढ़ियल |
आस्पद | घृणा, संदेह | घृणास्पद, संदेहास्पद |
आड़ी | खेल, आगे, पीछे | खिलाड़ी, अगाड़ी, पिछाड़ी |
मत् | श्री | श्रीमत् |
मती | श्री | श्रीमती |
वती | भाग्य, रूप, प्रभा | भाग्यवती, रूपवती, प्रभावती |
जा | शैल, अर्क, आत्म | शैलजा, अर्कजा, आत्मजा |
आस | मीठा, खट्टा | मिठास, खटास |
उआ | गेरू | गेरूआ |
परीक्षोपयोगी महत्त्वपूर्ण तथ्य
- सभी स्वर वर्ण और अक्षर दोनों होते हैं।
- स्वरविहीन व्यंजन वर्ण कहलाते हैं- जैसे-क्, ख्, ग्……ज्ञ्।
- जबकि स्वर युक्त व्यंजन अक्षर कहलाते हैं जैसे- क, ख, ग…..ज्ञ। इन सभी वर्णों में ‘अ’ स्वर मिला हुआ है।
- पंकज एवं जलज योगरूढ़ शब्द हैं।
- रिक्शा जापानी भाषा का शब्द है।
- रिपोर्ताज एवं कारतूस फ्रांसीसी (फ्रेंच) भाषा के शब्द हैं।
- वकील, औरत, आदमी, हैजा अरबी भाषा के शब्द हैं।
- कारज, दई अर्द्ध तत्सम शब्द हैं।
- अखरोट पश्तो भाषा का शब्द है।
- दो भाषा के शब्दों से मिलकर बने शब्द को संकर शब्द कहते हैं।
- जिन शब्दों की उत्पत्ति का पता नहीं चलता उन्हें देशज। शब्द कहते हैं।
- हिन्दी में कृत प्रत्ययों की संख्या 28 है।
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