शुद्ध रक्त संचार के फायदे से शरीर और मस्तिष्क विकाश अच्छे से होता है

शुद्ध रक्त संचार के फायदे हमारे शरीर और मस्तिष्क का विकाश अच्छे से होता है, जिस प्रकार हमारे शरीर में श्वास की क्रिया निरन्तर चलती रहती है, उसी प्रकार शरीर में रक्त भी हर पल बहता रहता है। श्वास रुका तो हम गए। रक्त का संचार रुका तो भी हम गए। अतः हमें अपने रक्त की ओर सचेत होते हुए इसकी मात्रा, गुणवत्ता, संचार पर विशेष ध्यान देना चाहिए। अन्यथा हमें बहुत हानि झेलनी पड़ सकती है। रक्त शुद्ध है तो हमारा मन, मस्तिष्क व शरीर पूरी तरह स्वस्थ व क्रियाशील रहेगा।

शुद्ध रक्त संचार से रहता है शरीर क्रियाशील

शुद्ध रक्त संचार के फायदे

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शुद्ध रक्त संचार के फायदे

  • रक्त हमारे शरीर के छोटे-बड़े अंगों का पोषण करता है। क्रियाओं का सम्पादन भी ।
  • रक्त ही हमारे शरीर के जीव-कोषों को जीवित करता है। विकसित भी।
  • रक्त ही तो है जिस कारण हमारा मन, मस्तिष्क एवं शरीर ठीक कार्य करते हैं।
  • यह कहना कि हमारा पूरा शरीर रक्त पर निर्भर है, तो कोई अतिशयोक्ति नहीं।
  • शरीर को जीवन प्रदान करने वाला रक्त शरीर की शुद्धि करने में भी सक्षम है।
  • रक्त के मुख्य तीन तत्त्व हैं-जिनसे मिलकर यह बना हुआ है- (1) प्लाजमा (2) सफेद रक्त कण (3) लाल रक्त कण तीनों पूरी तरह महत्त्वपूर्ण। किसी एक का अभाव या मात्रा में कमी रोग दे सकती है।
  • हमारे शरीर में असंख्य रक्त नलिका हैं। रक्त सबमें बहता रहता है।
  • आप जानकर चकित होंगे कि रक्त पूरे शरीर की असंख्य नलिकाओं से होता हुआ डेढ़ मिनट में अपना चक्कर पूरा कर लेता है।
  • रक्त का दौरा (प्रवाह) हृदय से शुरू होकर, डेढ़ मिनट में, यहीं पूरा होता है।
  • इन असंख्य नलिकाओं में धमनियां तथा शिराएं होती हैं।
  • जिन नलिकाओं में शुद्ध रक्त बहता है उन्हें धमनियां नाम दिया गया है। जिन नलिकाओं में अशुद्ध रक्त प्रवाह करता है उन्हें शिरायें कहते हैं।
  • शिरायें शरीर का अशुद्ध रक्त लाकर, रक्त के केन्द्र “हृदय” तक पहुंचाती हैं। हृदय इस अशुद्ध रक्त को शुद्ध करने के लिए फेफड़ों तक पहुंचाता है। फेफड़े श्वास द्वारा आक्सीजन पाते हैं। इस रक्त से कार्बनडाई आक्साइड को निकाल, इसे शुद्ध कर देते हैं। फिर यह रक्त शुद्ध अवस्था में हृदय तक जा पहुंचता है। अब फिर हृदय इस शुद्ध रक्त को धमनियों में प्रवाहित कर, पूरे शरीर तक पहुंचाता है। इतना बड़ा काम चुपचाप होता रहता है। इसके लिए हमें कुछ नहीं करना पड़ता। हां शुद्ध वायु में श्वास लेना हमारा धर्म है।
  • हमारा हृदय एक मिनट में औसतन 75 बार धड़कता है। धड़कने का मतलब है हृदय का फैलना और सुकड़ना।
  • अधिक परिश्रम, रोग, घबराहट आदि में यह गति डेढ़-पौने दो सौ तक चली जाती है।
  • तिल्ली लाल कणों को नष्ट तो करती है, साथ में सफेद कणों का निर्माण, रक्त को बनाने, रक्त को संभालने का काम भी किया करती है।
  • हमारा रक्त बनता रहे, इसलिए पौष्टिक तथा सुपाच्य आहार का सेवन जरूर करें। भोजन खाएं और यह पच जाए, तब बनेगा खून भी
  • हमें स्वस्थ रहने के लिए, पूरे शरीर को क्रियाशील बनाए रखने के लिए, आलस्य से बचना है। पूरी नींद सोना है। गुर्दों, जिगर, मेदा तथा पाचन के विकारों का तुरन्त उपचार करना । तभी हम सुखी जीवन जी सकेंगे।

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अस्वीकरण – यहां पर दी गई जानकारी एक सामान्य जानकारी है। यहां पर दी गई जानकारी से चिकित्सा कि राय बिल्कुल नहीं दी जाती। यदि आपको कोई भी बीमारी या समस्या है तो आपको डॉक्टर या विशेषज्ञ से परामर्श लेना चाहिए। Candefine.com के द्वारा दी गई जानकारी किसी भी जिम्मेदारी का दावा नहीं करता है।