राजीव गांधी खेल रत्न का नाम बदलकर मेजर ध्यानचंद रखा भारत का सर्वोच्च खेल रत्न है।

राजीव गांधी खेल रत्न का नाम बदलकर मेजर ध्यानचंद रखा, भारत के सर्वोच्च खेल सम्मान खेल रत्न पुरस्कार का नाम अब पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की जगह पूर्व भारतीय कप्तान मेजर ध्यानचंद के नाम पर होगा। भारतीय हाकी टीमों के टोक्यो ओलिंपिक में शानदार प्रदर्शन के बाद इस सम्मान का नाम महान हाकी खिलाड़ी के नाम पर रखने का फैसला लिया गया।

राजीव गांधी खेल रत्न का नाम बदलकर मेजर ध्यानचंद रखा

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को ट्वीट किया, ‘देश को गर्वित कर देने वाले पलों के बीच अनेक देशवासियों का यह आग्रह भी सामने आया है कि खेल रत्न पुरस्कार का नाम मेजर ध्यानचंद को समर्पित किया जाए।

लोगों की भावनाओं को देखते हुए, इसका नाम अब मेजर ध्यानचंद खेल रत्न पुरस्कार किया जा रहा है।’ प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि टोक्यो ओलिंपिक में भारतीय पुरुष और महिला हाकी टीमों के प्रदर्शन ने पूरे देश को रोमांचित किया है।

अब हाकी में लोगों की दिलचस्पी फिर से बढ़ी है, जो आने वाले समय के लिए सकारात्मक संकेत है। मालूम हो कि खेल रत्न पुरस्कार के साथ 25 लाख रुपये की राशि भी दी जाती है।

मेजर ध्यानचन्द से जुड़ी बातें

मेजर ध्यानचन्द को हॉकी की दुनिया के सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी के रूप में जाना जाता है। उनका जन्म 29 अगस्त 1905 को प्रयागराज (तब इलाहाबाद) में और निधन 3 दिसम्बर 1979 को दिल्ली में हुआ। उन्होंने 185 मैच खेले और 570 गोल दागे। वह 1928 एम्सटर्डम, 1932 लास एंजिलिस1936 बर्लिन ओलिम्पिक में स्वर्ण पदक जीतने वाली भारतीय टीम के सदस्य थे।

उनके नाम पहले ही ध्यानचन्द से लाइफटाइम एचीवमेण्ट अवॉर्ड दिया जाता है। बर्लिन ओलिम्पिक के बाद उनके खेल से अभिभूत होकर जर्मन तानाशाह एडोल्फ हिटलर ने उन्हें अपने देश की नागरिकता का प्रस्ताव दिया था, जिसे उन्होंने नकार दिया था।

केन्द्रीय गृह मन्त्री अमित शाह ने बताया ‘देश के सर्वोच्च खेल सम्मान खेल रत्न पुरस्कार को देश के महानतम खिलाड़ी मेजर ध्यानचन्द के नाम पर रखना उन्हें सच्ची श्रद्धांजलि है। यह खेल जगत से जुड़े हर व्यक्ति के लिए गर्व का निर्णय है, मैं इसके लिए प्रधानमन्त्री नरेन्द्र मोदी का सभी देशवासियों की ओर से अभिनन्दन करता हूँ।’

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