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रिट याचिका क्या है? रिट कितने प्रकार की होती है? और रिट कैसे दायर करें?

रिट एक तरह का लिखित आर्डर होता है जो किसी भी सरकारी संस्था के कार्य को करने के लिए अथवा किसी कार्य को ना करने के लिए न्यायालय द्वारा दिया जाता है। रिट याचिका क्या है (Rit Yachika Kya Hai) इसके बारे में पूरी जानकारी बिस्तर से बताई गई है। इसके बारे में पूरी जानकारी प्राप्त करने के लिए नीचे दी गई जानकारी को पूरा पढ़े।

रिट याचिका क्या है

रिट याचिका क्या है

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क्या है रिट याचिका

भारत के संविधान मूल अधिकार के भाग 3 में इसका वर्णन है इसका वर्णन संविधान के अनुच्छेद 32-35 में मूल अधिकारों का वर्णन किया गया है।

रिट के प्रकार

बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका ( Habeas Corpus)

याचिका उस व्यक्ति के विरुद्ध दायर कर सकते हैं जो व्यक्ति किसी दूसरे व्यक्ति को बंदी बनाकर अपने पास रखता है यह याचिका दायर करने का उद्देश्य यह होता है कि उस व्यक्ति को न्यायालय के सामने प्रस्तुत किया जाए।

यह याचिका उस व्यक्ति के खिलाफ जारी करके उसको गिरफ्तारी का आदेश दिया जाता है उस व्यक्ति की तरफ से यह याचिका कोई भी दायर कर सकता है इस याचिका की सुनवाई में पीड़ित व्यक्ति को न्यायालय में उपस्थित होना अनिवार्य नहीं है। बंदी प्रत्यक्षीकरण एक लैटिन शब्द से लिया गया है इसका अर्थ होता है किसी व्यक्ति का शरीर।

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परमादेश याचिका

यह याचिका सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट में तब दी जाती हैं जब कोई सरकार, न्यायालय, निगम, पब्लिक सेक्टर जोकि पब्लिक ड्यूटी सही से नहीं करती है या फिर नाकाम हो जाती है ऐसी स्थिति में यह आदेश दिया जाता है परमादेश शब्द लैटिन शब्द से लिया गया है जिसका अर्थ है आदेश किसी भी कार्य को करने के लिए दिया गया एक आदेश।

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उत्प्रेषण लेख याचिका

यह याचिका सुप्रीम कोर्ट या फिर उच्च न्यायालय उस सर्टिफिकेट को वैध करने के लिए जारी करती है जो निकली न्यायालयों ने या फिर प्राधिकरण द्वारा आदेश जारी किया गया हो।

अधिकार पृच्छा याचिका

अधिकार पृच्छा शब्द का अर्थ होता है किसी भी लोग अधिकारी से यह पूछना कि उसने यह पोजीशन या फिर यह पद किस लिए रोक कर रखा है उच्च न्यायालय और उच्चतम न्यायालय के पास अधिकार होता है। उस व्यक्ति के विरुद्ध अधिकार पृच्छा तब जारी किया जाता है वह व्यक्ति ऐसे पद को धारण करता है जिस पद को धारण करने के लिए उनके पास कोई अधिकार नहीं होता।

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रेट कैसे दार करें

रिट याचिका एक बहुत ही सरल और सस्ता इलाज है यदि आपको लगता है कि आप के मौलिक अधिकारों का हनन किया जा रहा है तब आप उच्च न्यायालय और सर्वोच्च न्यायालय में सीधे रिट याचिका दायर कर सकते हैं। यह किसी अपराधिक मामले या फिर किसी नागरिक को ऐसा लगता है कि उसके मौलिक अधिकारों हनन किया जा रहा है तब इस परिस्थिति में वह यह याचिका दायर कर सकता है।

एक रिट याचिका को दायर करने के लिए कुछ सामान्य प्रक्रिया होती हैं जो आपको नीचे इस प्रकार बताई गई हैं

  • आपकी जो भी याचिका है उसका प्रारूप तैयार कर ले।
  • प्रारूप तैयार होने के बाद अपने आवेदन को न्यायालय में ले जाना।
  • इसकी बाद आपको कोर्ट की फीस भरनी होगी।
  • सारी प्रक्रिया समाप्त होने के बाद आप की रेट न्यायालय में प्रवेश की जाएगी और उसकी सूचना दी जाएगी।

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