ऋतु किसे कहते हैं: हर एक देश में अलग-अलग महीनों में अलग-अलग मौसम रहता है। भारत में कुछ महीने ऐसे होते हैं जिनमें मौसम एक जैसा रहता है। सौरमंडल में सभी गृह सूरज की परिक्रमा करते हैं। पृथ्वी भी उन्हीं ग्रहों में से एक है जो सूर्य की परिक्रमा करता है। इसी बजय से मौसम में परवर्तन होता है और ऋतुओं (Ritu Kise Kahte Hai in Hindi) का निर्माण होता है।
भारत देश में हमें 6 ऋतुओं का आनंद उठाने का मौका मिलता है। ऋतुओं के बारे में चर्चा हम नीचे बिस्तार में करेंगे। यदि आप ऋतुओं के बारे में अधिक जानना चाहते हैं तो हमारे इस ब्लॉग पर बने रहें। क्योंकि हम इसमें ऋतुओं के प्रकार, ऋतु परिवर्तन, ऋतु और मौसम में अंतर जैसे विषयों में विस्तृत जानकारी उपलब्ध कराएंगे।
ऋतु किसे कहते हैं

एक वर्ष का छोटा सा समय जिसमें मौसम की दशाएँ समान रहती हैं। यह छोटा सा समय साल को कई भागों में विभाजित करता है। जिनसे कई प्रकार की ऋतुएँ बनती हैं। जब पृथ्वी सूर्य की परिक्रमा करती है तो दिन के समय में परिवर्तन होता है, तापमान में बदलाव आता है, मौसम की दशाएं चक्रीय रूप से बदलती है। इसी चक्रीय बदलाव से भारत में 06 ऋतुओं का निर्माण होता है। ये 06 ऋतुएँ कौन से होती हैं इनके बारे में नीचे वर्णित किया गया है। भारत देश की 06 ऋतुओं के बारे में जानने के लिए हमारे इस ब्लॉग पर बने रहें।
भारत में ऋतुएँ कितने प्रकार की होती हैं? ( Ritu Kitne Prakar Ki Hoti Hai )
अधिकतर लोग जानतें हैं कि ऋतुएँ चार प्रकार की होती हैं सर्दी, गर्मी, वर्षा और बसंत ऋतु। लेकिन ऐसा बिलकुल नहीं है। हमारे भारत वर्ष में ऋतुएँ मुख्यतः 06 प्रकार की होती हैं। ये ऋतुएँ हैं शीतऋतु, ग्रीष्मऋतु, बसंत ऋतु, वर्षा ऋतु, हेमंत ऋतु और शरद ऋतु। इन ऋतुओं के बदलने पर हमें विभिन्न मौसम का लुफ्त उठाने का अवसर प्राप्त होता है। हमारे देश में वर्ष के 12 महीनों को ऋतुओं के हिसाब से 06 भागों में बाटा गया है। आइये जानते हैं ऋतुओं के बारे में, क्या होती हैं ऋतुएँ, किस ऋतु में कैसा मौसम रहता है आदि।
1. बसंत ऋतु ( Spring Season )
बसंत ऋतु अन्य ऋतुओं के मुकाबले में सबसे सुहावनी और लुभावनी ऋतु है। बसंत ऋतु को ऋतुओं का राजा कहा जाता है। इस ऋतु में मौसम का तापमान न काम रहता है न ज्यादा। बसंत ऋतु फ़रबरी के आखरी सप्ताह से शुरू होकर अप्रैल के शुरुआत तक रहती है। बसंत ऋतु में होली और बसंत पंचमी जैसे त्यौहार होते हैं।
2. ग्रीष्मऋतु ( Summer Season )
ग्रीष्मऋतु का मतलब है गर्मी का समय। इस ऋतु में बहुत गर्मी पड़ती है। इसी ऋतु के समय में तापमान अपने ऊँचे स्तर पर ( 40-45 डिग्री तक ) रहता है। अप्रैल के अंत से लेकर जून के अंत तक गर्मी का मौसम रहता है। इस ऋतु में दिन बढे और रातें छोटी होती हैं। ग्रीष्मऋतु की अवधि के दौरान गुरुपूर्णिमा और गंगा दशहरा के पर्व होते हैं।
3. वर्षा ऋतु ( Monsoon )
भारत में वर्षा ऋतु जून के आखिरी से लेकर सितम्बर के आखिरी तक माना जाता है। इस अबधि में वर्षा होने पर किसान की फसलें अच्छी होती हैं। यदि वारिश समय पर न हो तो किसानों को खेती के काम में दिक्कत के सामना करना पड़ता है। ग्रीष्म ऋतु से परेशान हो जाने के बाद वर्षा ऋतु में हुई वारिश के बाद आराम मिलता है।
4. शरद ऋतु (Autumn )
वर्षा ऋतु के बाद शरद ऋतु का आगमन होता है। शरद ऋतु का समय सितम्बर के आखिरी महीने से लेकर नवम्बर के शुरुआत तक होता है। इसी अवधि के दौरान पतझङ देखने को मिलता है। शरद ऋतु के समय में नवरात्रि, विजयदशमी, सरदपूर्णिमा और दीवाली के त्यौहार होते हैं।
5. हेमंत ऋतु ( Pre-Winter )
शीतऋतु के शुरुआत की अवधि को हेमंत ऋतु कहते हैं। इसी समय से हमारे देश में सर्दी होना शुरू हो जाती है। इस ऋतु के समय से ही रात बढ़ी और दिन छोटे होना शुरू होने लगते हैं। नम्बर के आखिर से लेकर दिसम्बर के आखिर तक हेमन्त ऋतु का मौसम होता है।
6. शीतऋतु ( Winter Season )
शीतऋतु को शिशिर ऋतु भी कहा जाता है। इस ऋतु में बहुत जोर की सर्दी पढ़ती है। ठण्डी हवाएं चलती हैं। हाँथ और पर शून्य पड़ जाते हैं। शीतऋतु दिसंबर के अंत से लेकर फ़रवरी के शुरुआत तक पड़ती है या यूँ कह लो की माघ के महीने और फाल्गुन के महीने में पड़ती है। इसी समय में हमें क्रिश्मस डे, मकर संक्रांति, लोहड़ी जैसे त्यौहार होते हैं।
ऋतु परिवर्तन किसे कहते है?
आइये यहाँ पर हम समझते हैं कि ऋतु में परिवर्तन कैसे होता है। या फिर यूँ कह लो की ऋतु परिवर्तन किसे कहते हैं। पृथ्वी पर मौसम हर समय एक जैसा नहीं रहता है। सर्दी, गर्मी, वारिश जैसे मौसम अलग-अलग समय पर होते रहते हैं।
इसी बात को इस प्रकार से समझते हैं कि पृथ्वी अपनी धुरी पर घूमती है तो दिन और रात होते हैं। उसी तरह पृथ्वी जब सूर्य की परिक्रमा करती है तो मौसम में परिवर्तन होता है। पृथ्वी के जिस भाग पर सूर्य की किरणें पड़ती हैं उस जगह पर मौसम गर्म रहता हैं और जहाँ पर नहीं पढ़तीं हैं वहाँ मौसम ठण्डा रहता हैं। इस लिए ऋतुओं में परिवर्तन होता है।
परिभाषा – के रूप में इसे इस प्रकार कह सकते हैं कि पृथ्वी का सूर्य के चारों ओर परिक्रमा करना और अपनी धुरी पर झुके हुए होकर घूमना ही ऋतु परिवर्तन कहलाता है।
ऋतू और मौसम में क्या अंतर है? Difference B/W Season & Weather
ऋतु (Season) | मौसम (Weather) |
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पृथ्वी के सूर्य के चारों ओर घूमने और अपनी जगह पर घूमने की वजय से ऋतुयें बनती हैं। ऋतुओं की अवधि लम्बे समय की होती है जैसे कि वसंत ऋतु, हेमंत ऋतु, शीत ऋतु, ग्रीष्म ऋतु आदि। जब ऋतुएँ बदलती हैं तो मौसम की दशाएं कुछ समय के लिए स्थिर हो जाती हैं। इन्हीं परिस्थितिओं को ऋतु कहते हैं। | मौसम का समय निश्चित नहीं होता है। ये कभी भी अचानक से बदल सकता है। मौसम का अनुभव किसी भी छोटी जगह पर अलग अलग हो सकता हैं। जैसे की गर्मी के मौसम में अचानक से वारिश हो जाये या आंधी-तूफान आ जाये। इन्हीं परिस्थितिओं को मौसम कहते हैं। |
Faq’s
Ans- भारत में 6 प्रकार ( वसन्तऋतु, ग्रीष्मऋतु, वर्षाऋतु, शरदऋतु, हेमंत ऋतु और शीत ऋतु ) की ऋतुएँ होती हैं।
Ans- ऋतुओं का राजा वसंत ऋतु को कहते हैं।
Ans- होली का त्यौहार वसंत ऋतु में होता है।
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