साबुन कैसे बनता है: साबुन एक ऐसी वस्तु है जिसका हमारे दैनिक जीवन में बहुत ज्यादा प्रयोग किया जाता है हम 1 दिन में साबुन का कई बार प्रयोग करते हैं जब हम कपड़े धो रहे हैं तब हम कपड़े वाले साबुन का यूज करते हैं और जब हम स्नान कर रहे हो तब हम स्नान करने वाले साबुन का प्रयोग करते हैं या फिर हाथ होने के लिए प्रयोग करते हैं।
साबुन कैसे बनता है

कितने प्रकार के होते है साबुन
साबुन तीन प्रकार के होते हैं
- स्नान करने वाला साबुन
- कपड़े धोने वाला साबुन
- औषधि युक्त साबुन
- स्नान करने वाला साबुन :- यह साबुन इस प्रकार के साबुन होते हैं जो कि हमारी स्किन को नुकसान नहीं पहुंचाते हैं इन साधनों का प्रयोग हम नहाने के लिए प्रयोग में लाते हैं आज के समय में अच्छे अच्छे ब्रांड के साबुन मार्केट में उपलब्ध हैं इन साबुन में कास्टिक कम यूज किया जाता है जिससे हमारी त्वचा को नुकसान ना पहुंचे।
- कपड़े धोने वाला साबुन :- इस प्रकार के साबुन का प्रयोग हम कपड़े धोने के लिए करते हैं इन साधनों में कास्टिक ज्यादा होता है इसमें कास्टिक ज्यादा होने का प्रमुख कारण यह है कि हमारे कपड़ों में गंदगी चिपक जाती है जिसको छुड़ाने के लिए हमें कास्टिक का यूज करना होता है कास्टिक जिंदगी को जल्दी निकाल देती है।
- औषधि युक्त साबुन :- आज के समय में कई प्रकार के कीटाणु नाशक साबुन मनाए जाने लगे हैं जिसमें एसिड गंधक पारा आदि का यूज किया जाता है इन साधनों के प्रयोग से स्किन की बीमारी जल्दी नहीं होती है और यदि आपको स्क्रीन की समस्या होती हैं तो इस प्रकार के साबुन का प्रयोग हम करते हैं।
साबुन बनाने के लिए आवश्यक तत्व
- मैदा
- ग्लिसरीन
- कास्टिक सोडा
- कास्टिक पोटाश
- तेल
- फैट
- रंग
मुख्य रूप से साबुन बनाने के लिए इन वस्तुओं की आवश्यकता पड़ती है यदि हमें अच्छी क्वालिटी का साबुन बनाना है तब उसमें ग्लिसरीन अच्छी क्वालिटी का यूज करना होगा तेल अच्छी क्वालिटी का यूज करना होगा फेड अच्छी क्वालिटी का यूज करना होगा और कास्टिक सोडा या कास्टिक पोटाश इसकी भी क्वालिटी अच्छी होनी चाहिए।
जिस तरह की क्वालिटी का हम यूज करेंगे साबुन का प्राइस उसके ऊपर निर्भर करेगा जितनी अच्छी क्वालिटी का सामान यूज़ किया जाएगा साबुन की कीमत उतनी ही बढ़ जाएगी और यदि सस्ता सामान यूज़ किया जाएगा तो उस साबुन की कीमत सस्ती हो जाएगी।
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