सावन महीने का महत्व: श्रवण महीने का महत्व, हिंदू धर्म में सावन माह का बहुत महत्व है इस महीने में भगवान शिव की पूजा बड़े प्रेम भाव से की जाती है और हमारे ऋग्वेद में भगवान शिव की पूजा अर्चना का वर्णन किया गया है सावन का महीना 4 जुलाई 2023 से शुरू होगा।
सावन महीने का महत्व

सावन कब से शुरू है 2023
सावन माह | तारीख | दिन |
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सावन का आरंभ | 4 जुलाई 2023 | मंगलवार |
सावन का पहला सोमवार | 10 जुलाई 2023 | सोमवार |
सावन का दूसरा सोमवार | 17 जुलाई 2023 | सोमवार |
सावन का तीसरा सोमवार | 24 जुलाई 2023 | सोमवार |
सावन का चौथा सोमवार | 31 जुलाई 2023 | सोमवार |
सावन का पांचवा सोमवार | 07 अगस्त 2023 | सोमवार |
सावन का छठा सोमवार | 14 अगस्त 2023 | सोमवार |
सावन का सातवां सोमवार | 21 अगस्त 2023 | सोमवार |
सावन का आठवां सोमवार | 28 अगस्त 2023 | सोमवार |
सावन का समापन | 31 अगस्त 2023 | गुरुवार |
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Sawan Mahine Ka Mahatva
ऐसा माना गया है की सावन के महीने में भगवान शिव पृथ्वी पर अवतरित होते हैं और पृथ्वी का वातावरण शिव शक्ति और शिव की भक्ति से ओत प्रोत होता है। ऐसा माना गया है कि सावन के माह में शिव की भक्ति करने से शिव जल्दी प्रसन्न हो जाते हैं और हमारे दुखों का निवारण करते हैं इस महीने में भगवान शिव के मंदिरों में भक्तों की भीड़ उमड़ती है और भक्त बड़े प्रेम भाव से शिव की पूजा अर्चना करते हैं और उन पर जल चढ़ाते हैं।
इस माह में कावड़िया कई किलोमीटर दूर से गंगाजल भरकर लाते हैं और भगवान शिव पर गंगाजल को चढ़ा कर उनको प्रश्न करते हैं क्या आप जानते हैं कि भगवान शिव को जल क्यों चढ़ाया जाता है और इसके चढ़ाने का क्या महत्व है इस के संदर्भ में पांच पौराणिक तथ्य बताए गए हैं।
1. पहला पौराणिक तथ्य
आप सभी को पता ही होगा कि अमृत प्राप्त करने के लिए समुद्र मंथन किया गया था। इसमें देवताओं और दानवों ने मिलकर समुद्र मंथन किया था ऐसा माना जाता है कि जब समुद्र मंथन किया गया था तब सावन माह था।
समुद्र मंथन करने पर सबसे पहले विष प्रकट हुआ विष प्रकट होते ही पृथ्वी पर भूचाल आ गया वातावरण दूषित होने लगा और पशु पक्षी मरने लगे यह विष इतना ज्यादा प्रभावशाली था कि यह पृथ्वी पर जीवन समाप्त करने लगा ऐसा देखकर भगवान शिव ने इस विश्व को अपने कंठ में ग्रहण कर लिया तभी से भगवान शिव को नीलकंठ बोला जाने लगा।
जब भगवान शिव ने यह विष अपने कंठ में ग्रहण किया तब उनके शरीर में बहुत ज्यादा गर्मी पैदा हो गई और उनका शरीर लाल पढ़ने लगा ऐसा देखकर देवताओं ने भगवान शिव पर जल की वर्षा कर दी और कुछ देवताओं ने भगवान शिव को शांत करने के लिए जल चढ़ाया जिससे भगवान शिव बहुत ज्यादा प्रसन्न हुए तब से ऐसा माना जाता है कि भगवान शिव को जल चढ़ाने से भगवान शिव प्रसन्न होते हैं।
2. दूसरा पौराणिक तथ्य
हमारे शास्त्रों में ऐसा बताया गया है कि भगवान विष्णु सावन के महीने में योग निंद्रा में जाते हैं भगवान विष्णु के योग निंद्रा में जाने के पश्चात इस सृष्टि का संचालन करने के लिए भगवान शिव इसका उत्तर दायित्व अपने हाथों में ले लेते हैं इसलिए इस महीने में भगवान शिव की पूजा अर्चना बहुत महत्वपूर्ण मानी जाती है और यह महीना भगवान शिव का मांस भी बोला जाता है।
3. तीसरा पौराणिक तथ्य
हमारे शिव पुराण में बताया गया है कि भगवान शिव स्वयं ही जल का रूप है इसलिए भगवान शिव को जल से अभिषेक करना बहुत ही अच्छा और फलदाई माना जाता है और इस संदर्भ में कोई भी संशय नहीं।
4. चौथा पौराणिक तथ्य
ऐसा माना जाता है की मरकंडू ऋषि के पुत्र मारकण्डेय ने अपनी लंबी आयु प्राप्त करने के लिए सावन महीने में भगवान शिव की घोर तपस्या की और भगवान शिव प्रसन्न होकर उन्होंने उस को वरदान दिया।
5. पांचवां पौराणिक तथ्य
पुरानी कथाओं की मान्यता के अनुसार सावन माह में भगवान शिव पृथ्वी पर अवतरित हुए थे और वह इस माह में अपनी ससुराल गए थे जब अपनी ससुराल गए थे तब उनका जलाभिषेक किया गया था तब से ऐसा माना जाता है कि सावन महीने में भगवान शिव पृथ्वी पर अवतरित होते हैं और यह महीना भगवान शिव को प्रसन्न करने का एक उत्तम महीना माना गया है।
Ans : सावन 4 जुलाई 2023 से शुरू होगा।
Ans : सावन का पहले सोमवार 10 जुलाई को है।
Ans : सावन का पहले सोमवार 28 अगस्त को है।
Ans : सावन में 8 सोमवार है।
Ans : सावन में सोमवार 10 जुलाई, 17 जुलाई, 24 जुलाई, 31 जुलाई, 07 अगस्त, 14 अगस्त, 21 अगस्त और 28 अगस्त को है।
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