विद्यालय के छात्रों के साथ समाज सेवार्थ जाने के लिए अनुमति माँगते हुए पिता को पत्र (school ke baccho ke sath samaj sevarth jane ke liye anumati mangte hue pita ko patra likhiye)
विद्यालय के छात्रों के साथ समाज सेवार्थ जाने के लिए अनुमति माँगते हुए पिता को पत्र

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विद्यालय छात्रावास।
दिल्ली।
दिनाँक : 11 मार्च, 20XX
श्री पूज्य पिताजी,
सादर प्रणाम।
मैं यहाँ पर कुशल हूँ। आपको भी सर्व प्रकार से कुशल और प्रसन्न चाहता हूँ। पूज्य चरण, आपने समाचार पत्रों में पढ़ा ही होगा कि आजकल यमुना नदी में भयंकर बाढ़ आई हुई है। बाढ़ के कारण पचासों गाँव जलमग्न हो गये हैं तथा अनेक मनुष्य और पशु बाढ़ में घिरकर नष्ट हो गए हैं। इस प्रलयंकर बाढ़ के कारण गाँव के लोग कुछ तो बचकर बाहर आ गए हैं, पर कुछ पक्के घरों की छातों पर या कुछ ऊँचे पेड़ों पर शरण लिए हुए हैं, उनकी स्थिति प्रति दिन बिगड़ती जा रही है।
इन बाढ़ पीड़ितों की सेवा के लिए शिक्षा विभाग की ओर से नरेला में शिविर लगा हुआ है। हमारे विद्यालय के पाँच अध्यापकों की देख-रेख में बीस छात्र सेवा के लिए वहाँ जाने वाले हैं। मेरा भी नाम उनमें है। मेरी स्वयं की इच्छा भी बाढ़ पीड़ित लोगों की सेवा करने की है।
अतः आपसे अनुरोध है कि आप मानवता की सेवा के इस पुण्यकार्य के लिए मुझे वहाँ जाने की तुरन्त ही अनुमति देकर कृतार्थ करें।
पूज्य माता जी को प्रणाम और बीणा को प्यार।
आपका प्रिय पुत्र
कमलेश
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