Telegram Group (100K+) Join Now

सिंधु नदी तंत्र क्या है? सिंधु नदी की सहायक नदियां कौन है?

सिंधु नदी तंत्र क्या है: यह विश्व के सबसे बड़े नदी द्रोणियों में से एक है, जिसका क्षेत्रफल 11 लाख 65 हजार वर्ग किलोमीटर है। भारत में इसका क्षेत्रफल 3,21,289 वर्ग कि.मी. है। इसकी कुल लंबाई 2,880 कि.मी. है और भारत में सिंधु नदी की लंबाई 1.114 किलोमीटर है। भारत में यह हिमालय की नदियों में सबसे पश्चिमी है। इसका उद्गम तिब्बती क्षेत्र में कैलाश पर्वत श्रेणी में बोखर चू (Bokhar) chu) के निकट एक हिमनद (31°15′ और 80°40′ पू.) से होता है, जो 4,164 मीटर की ऊँचाई पर स्थित है। तिब्बत में इसे सिंगी खंबान (Singi khamban) अथवा शेर मुख कहते हैं।

सिंधु नदी तंत्र क्या है

सिंधु नदी तंत्र क्या है
Sindhu Nadi Tantra Kya Hai

लद्दाख व जास्कर श्रेणियों के बीच से उत्तर-पश्चिमी दिशा में बहती हुई यह लद्दाख और बालतिस्तान से गुजरती है। लद्दाख श्रेणी को काटते हुए यह नदी जम्मू और कश्मीर में गिलगित के समीप एक दर्शनीय महाखड्ड का निर्माण करती है। यह पाकिस्तान में चिल्लड़ के निकट दरदिस्तान प्रदेश में प्रवेश करती है। मानचित्र पर इस क्षेत्र को रेखांकित करें।

सिंधु नदी की बहुत-सी सहायक नदियाँ

सिंधु नदी की बहुत-सी सहायक नदियाँ हिमालय पर्वत से निकलती हैं, जैसे- शयोक, गिलगित, जास्कर, हुंजा, नुबरा, शिगार, गास्टिंग व द्रास। अंततः यह नदी अटक के निकट पहाड़ियों से बाहर निकलती है, जहाँ दाहिने तट पर काबुल नदी इसमें मिलती है।

इसके दाहिने तट पर मिलने वाली अन्य मुख्य सहायक नदियाँ खुर्रम, तोची, गोमल, विबोआ और संगर हैं। ये सभी नदियाँ सुलेमान श्रेणियों से निकली हैं। यह नदी दक्षिण की ओर बहती हुई मीथनकोट के निकट पंचनद का जल प्राप्त करती है।

पंचनद नाम पंजाब की पाँच मुख्य नदियों सतलुज, व्यास, रावी, चेनाब और झेलम को दिया गया है। अंत में सिंधु नदी कराची के पूर्व में अरब सागर में जा गिरती है। भारत में सिंधु, जम्मू और कश्मीर राज्य के केवल लेह जिले में बहती है।

S.Noनदियों के नाम
1.झेलम
2.चेनाब
3.रावी
4.व्यास
5.सतलुज

झेलम सहायक नदी

झेलम, जो सिंधु की महत्त्वपूर्ण सहायक नदी है, कश्मीर घाटी के दक्षिण-पूर्वी भाग में पीर पंजाल गिरिपद में स्थित बेरीनाग झरने से निकलती है। पाकिस्तान में प्रवेश करने से पहले यह नदी श्रीनगर और वूलर झील से बहते हुए एक तंग व गहरे महाखड से गुजरती है, पाकिस्तान में झग के निकट यह चेनाब नदी से मिलती है।

चेनाब सहायक नदी

चेनाब, सिंधु की सबसे बड़ी सहायक नदी है। यह चंद्रा और भागा दो सरिताओं के मिलने बनती है। ये सरिताएँ हिमाचल प्रदेश में केलाँग के निकट तांडी में आपस में मिलती हैं। इसलिए इसे चंद्रभागा के नाम से भी जाना जाता है। पाकिस्तान में प्रवेश करने से पहले यह नदी 1.180 कि०मी० बहती है।

रावी सहायक नदी

रावी, सिंधु की एक अन्य महत्त्वपूर्ण सहायक नदी है। यह हिमाचल प्रदेश की कुल्लू पहाड़ियों में रोहतांग दर्रे के पश्चिम से निकलती है और राज्य की चंबा घाटी से बहती है। पाकिस्तान में प्रवेश करने व सराय सिंधु के निकट चेनाब नदी में मिलने से पहले यह नदी पीर पंजाल के दक्षिण-पूर्वी भाग व धौलाधर के बीच प्रदेश से प्रवाहित होती है।

व्यास सहायक नदी

व्यास, सिंधु की अन्य महत्त्वपूर्ण सहायक नदी है, जो समुद्र तल से 4,000 मीटर की ऊँचाई पर रोहतांग दर्रे के निकट व्यास कुंड से निकलती है। यह नदी कुल्लू घाटी से गुजरती है और धौलाधर श्रेणी में काती और लारगी में महाखड्ड का निर्माण करती है। यह पंजाब के मैदान में प्रवेश करती है जहाँ हरिके के पास सतलुज नदी में जा मिलती है।

सतलुज सहायक नदी

सतलुज नदी तिब्बत में 4.555 मीटर की ऊँचाई पर मानसरोवर के निकट राक्षस ताल से निकलती है, जहाँ इसे लॉगचेन खंबाब के नाम से जाना जाता है। भारत में प्रवेश करने से पहले यह लगभग 400 किलोमीटर तक सिंधु नदी के समांतर बहती है और रोपड़ में एक महाखड्ड से निकलती है।

यह हिमालय पर्वत श्रेणी में शिपकीला से बहती हुई पंजाब के मैदान में प्रवेश करती है। यह एक पूर्ववर्ती नदी है। यह एक अत्यंत महत्वपूर्ण सहायक नदी है, क्योंकि यह भाखड़ा नांगल परियोजना के नहर तंत्र का पोषण करती है।

यह भी पढ़े –

Subscribe with Google News:

Telegram Group (100K+) Join Now

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *