स्किन को कैसे पहचाने (Skin Ko Kaise Pahchane), स्किन का परीक्षण, स्किन को पहचानने का तरीका विभिन्न प्रकार की स्किन की जानकारी प्राप्त करने के लिए निम्नलिखित तीन वस्तुओं का उपयोग किया जा सकता है।
स्किन को कैसे पहचाने (Skin Ko Kaise Pahchane)

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स्किन को कैसे पहचाने
- टिशु पेपर (पतला मुलायम कागज) स्किन के प्रकार के बारे में जानकारी प्राप्त करने के लिए सुबह उठकर फेस धोने से पहले फेस पर टिशू पेपर रखकर थोड़ा सा दबाइए यदि पेपर पर दाग ना बने तो समझ लीजिए कि स्किन ड्राई है यदि पेपर पर दाग पड़ जाए तो समझ लेना कि स्किन तैलीय अथवा ऑइली है यदि पेपर पर कहीं दाग हो और कहीं दाग ना हो तो समझ लीजिए कि स्किन मिश्रित है।
- फेस वॉश या साबुन इस्तेमाल करने के बाद 10 से 15 मिनट में फेस चिपचिपा लगने लगे तो समझ लेना चाहिए कि स्किन ऑइली है और यदि स्किन में खिंचाव हो तो समझ लेना चाहिए स्किन ड्राई है यदि कुछ ना हो तो स्कैन नॉर्मल है।
- फेस पर लिटमस पेपर रखने पर पेपर का रंग नीला से लाल हो जाए तो स्किन ड्राई है यदि लिटमस पेपर का रंग लाल से नीला हो जाए तो स्किन आईली है यदि पेपर का रंग ना बदले तो स्किन सामान्य है।
- यदि फेस पर पिंपल याद आने हैं तो स्किन ऑयली है यदि फेस की स्किन जगह जगह पर खुरदरी दिखे तो स्किन ड्राई है यदि ऐसा कुछ ना हो तो स्किन सामान्य है।
स्किन की समस्याएं
- ब्लैक हेड्स-स्किन के शिवम जम जाने के कारण ब्लैकहेड्स होते हैं यह ज्यादातर ऑयली स्किन में पाए जाते हैं।
- वाइट हेड्स-शिवम के स्त्राव के पश्चात बंद हो गए छिद्रों के ना खुलने के कारण वाइटहेड्स होता है वाइटहेड्स को मिलिया भी कहा जाता है।
- मुहासे (एक्ने) -ऑयली स्किन के कारण युवा अवस्था में होने वाली यह एक सामान्य समस्या है सक्रिय तैलीय ग्रंथि के कारण ब्लैकहेड होते हैं और जब इनमें संक्रमण होता है तो यह अपने का एक्ने या पिम्पल हो जाते हैं।
- फ्रेकल्स-गोरे रंग की स्किन में फ्रेकल्स होने की संभावना अधिक होती है सूर्य की किरणों से स्किन के ऊपर स्किन दिखाई देने वाले को फ्रेकल्स कहते हैं धूप में रहने से यह और बढ़ जाते हैं।
पिगमेंटेशन (झाइयां)
स्किन में होने वाले मेलेनिन के फेरबदल तथा स्किन में होने वाली आंतरिक फेरबदल के कारण झाइयां हो जाती है यह स्किन पर हल्का या गाढ़ा गोल दाग के रूप में दिखाई देती है झाइयां होने के और भी कई कारण हैं।
- खून की खराबी (खून की कमी)
- खाने पीने पर बहुत ध्यान ना देना
- चिंता या परेशानी के कारण
- अधिक धूप में रहने के कारण
- अनियमित MC के कारण
अंडर आई डार्क सर्किल :- विटामिन की कमी, मानसिक तनाव,कम नींद ,आंखों में ज्यादा तकलीफ, बीमारी ,वंशानुगत के कारण डार्क सर्कल हो जाते हैं। तिल- छोटे और गाड़ी रंग के होते हैं इनका इलाज डॉक्टर द्वारा किया जाता है।