नहाने से शरीर के रोमछिद्र खुल जाते हैं। स्नान कितने प्रकार के होते हैं के बारे में जाने। मांसपेशियां तनावरहित व शरीर रोगमुक्त होता है। पानी में रोगों को दूर करने का औषधीय गुण होता है, इसलिए शरीर को साफ तथा निरोग रखने के लिए प्रतिदिन नहाना बहुत जरूरी है। नहाने के अनगिनत तरीके हैं, लेकिन कुछ खास स्नान ऐसे भी हैं, जिनसे हम अपने शरीर को स्वच्छ, निर्मल, निरोग व चुस्त-दुरुस्त रख सकते हैं। वायु स्नान, धूप का स्नान, जल स्नान, मिट्टी स्नान, कटि यानी कमर का स्नान, भाप स्नान, तेल स्नान, नमक स्नान, गुलाब स्नान आदि कुछ प्रमुख स्नान हैं।
स्नान कितने प्रकार के होते हैं

स्नान कितने प्रकार के होते हैं
- वायु स्नान
- धूप का स्नान
- जल स्नान
- मिट्टी स्नान
- कटि यानी कमर का स्नान
- भाप स्नान
- तेल स्नान
- नमक स्नान
- गुलाब स्नान
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1. वायु स्नान
सुबह के समय ताजी हवा में घूमने से शारीरिक, मानसिक तथा बौद्धिक शक्तियों का विकास होता है। सुबह की शुद्ध, ताजा वायु जीवनदायिनी होती है। आयुर्वेद के अनुसार भोर के समय सूर्य से ऊषा नामक किरण निकलती है। इस ऊषा वायु या अमृतमयी वायु के त्वचा से लगने पर शरीर में तेज, बल, स्फूर्ति, उत्साह व आरोग्यता का संचार होता है। यह रक्त शुद्ध करती है। रक्त का प्रवाह बढ़ाती है।
2. धूप स्नान
इसके लिए सुबह-सुबह धूप का सेवन करना चाहिए, क्योंकि उगते सूरज की किरणें स्वास्थ्यवर्द्धक होती हैं। इस दौरान कम-से-कम पतले और हल्के कपड़े पहनें। धूप का सेवन करने से पहले सनस्क्रीन लोशन लगा लेना बेहतर रहता है।
3. जल स्नान
सादे पानी से नहाना हमारे लिए बहुत ही फायदेमंद होता है हम रोज नहाने में तो सादे पानी का प्रयोग करते ही हैं जिससे हमारे शरीर की गंदगी साफ हो जाती हैं और हमारी स्किन कि छोटे छोटे रूम क्षेत्र खुल जाते हैं। रोजमर्रा की जिंदगी में हमारे शरीर से काफी पसीना निकलता है इसे रोज साफ करना बहुत ही जरूरी है इसलिए हमें रोज नहाना चाहिए।
4. कटि या कमर का स्नान
एक टब में गुनगुना पानी तथा दूसरे टब में ठंडा पानी भरिए पहले गुनगुने पानी में कमर से नीचे का भाग डुबोकर बैठें। पांच या दस मिनट बाद गर्म पानी से निकलकर इतने ही समय ठंडे पानी में बैठें, इससे शरीर की अतिरिक्त चर्बी कम होती है। जिनके कूल्हे भारी होते हैं, उनके लिए हिप बाथ बहुत लाभदायक सिद्ध होता है। इसमें कमर के निचले हिस्से से लेकर जांघों के निचले हिस्से को कटि स्नान की तरह ही पहले गुनगुने पानी, फिर ठंडे पानी के टब में डुबोया जाता है। इससे भी कूल्हों व जांघों की चर्बी में कमी आती है।
5. भाप स्नान
किसी बंद कमरे में, जहां हवा का आवागमन न हो, वहां बिजली से या किसी चूल्हे पर गर्म पानी करके उसकी भाप लें। भाप से शरीर के सभी रोमछिद्र खुल जाते हैं। त्वचा पर जमी मृत कोशिकाएं व शरीर के टॉक्सिन बाहर निकलते हैं। पांच से सात मिनट भाप स्नान लें, फिर गुनगुने पानी से स्नान करें।
6. गुलाब स्नान
नहाने के पानी में गुलाब अर्क या तेल डालकर नहाएं। गुलाब की महक से आपका शरीर भी महक जाएगा और आपका तन-मन गुलाब के फूल की भांति खिल उठेगा।
7. तेल स्नान
पानी में सुगंधित तेल डालकर स्नान करें। इससे स्नान के साथ-साथ शरीर की तेल मालिश भी हो जाती है। जिनकी त्वचा रूखी होती है, उनको इस विधि से ही नहाना चाहिए, ताकि उनकी त्वचा नरम, चिकनी व सौम्य हो जाए। सुगंधित तेलयुक्त जल में स्नान करने से पूरे दिन शरीर महकता रहता है।
8. नमक स्नान
हल्के गुनगुने पानी में एक चम्मच नमक डालकर टब में थोड़ी देर बैठें, फिर बाहर आ जाएं। इस स्नान से सूखी त्वचा मुलायम हो जाती है और बदन दर्द भी दूर होता है । इस स्नान से दिन-भर की सारी थकान दूर हो जाती है।
9. रेत या मिट्टी स्नान
रेत या मिट्टी स्नान के दो रूप हैं। एक तो समुद्र की रेत में और दूसरा मिट्टी का तन पर लेप करके। रेत स्नान में समुद्र में नहाने के बाद व्यक्ति को किनारे लिटाकर गर्दन तक शरीर को रेत से ढक दिया जाता है। जरूरत के मुताबिक एक-डेढ़ घंटे इसी स्थिति में रखने के बाद फिर समुद्र में स्नान करवाया जाता है। मिट्टी स्नान में बारीक पिसी मुल्तानी मिट्टी में चंदन पाउडर, गुलाब जल व अन्य सुगंधित हर्बल तेल डालकर पेस्ट बनाया जाता है। इसका शरीर पर लेप करके एक निश्चित अवधि के लिए छोड़ दिया जाता है। उसके पश्चात गुनगुने पानी से स्नान किया जाता है। ये स्नान शरीर को शीतलता देते हैं व अनेक त्वचा रोगों का उपचार भी हैं।
नहाने / स्नान के फायदे
नहाने से थके तन-मन को तुरंत राहत मिलती है। रात में नहाकर सोने से नींद अच्छी आती है, क्योंकि नहाने से शरीर पर जमी मृत त्वचा के साथ ही धूल-मिट्टी व पसीने के कण भी हटते हैं। नहाने की प्रक्रिया भी सही तरीके से होनी चाहिए जिससे आपको लाभ पहुंचे-
- नहाते समय पहले सिर के ऊपर पानी डालना चाहिए, फिर बाकी अंगों पर। कई लोग पहले पैर, फिर कमर, कंधे और तब कहीं सिर पर पानी डालते हैं। इस तरह नहाने का उल्टा प्रभाव होता है, इसमें तलवों की गर्मी सिर तक चढ़ जाती है और मस्तिष्क विकार होने का डर होता है।
- नहाने से पहले थोड़ा प्राणायाम तथा तेल मालिश कर लेना भी लाभदायक रहता है।
- उबटनों का लेप या पपीते, संतरे आदि के गूदे से शरीर की आधा-पौना घंटे अच्छी तरह मालिश करके गुनगुने पानी में नहाने से शरीर की मृत कोशिकाएं हटती हैं।
- नहाने के पानी में एक कप सिरका मिला लें, आपकी त्वचा में निश्चय ही नई जान आ जाएगी।
- पानी में एक कप मिल्क पाउडर मिलाकर नहाने से त्वचा की खुश्की दूर होगी और उसमें चमक आएगी।
- एक प्याला जई का आटा और भूसी मिलाकर नहाने से त्वचा साफ होगी, रंगत निखरेगी और पोर-पोर में राहत महसूस होगी।
- नहाने से पहले अपने शरीर में कोई भी अच्छा बॉडी ऑयल लगा लें। कम-से-कम दस मिनट तक तेल लगा रहने दें। तेल सूखने के बाद अपनी त्वचा को मुलायम कपड़े से रगड़ें। मुरझाई त्वचा में तुरंत निखार आ जाता है।
- नहाने के बाद शरीर को अच्छी तरह मुलायम तौलिए से थपथपाकर सुखा लें।
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