हमें स्पॉन्डिलाइटिस क्या होता है के बारे में जानकारी होना बहुत जरूरी है। क्यों की यदि किसी भी मनुष्य को यदि स्पॉन्डिलाइटिस हो जाता है तो उसका उठना बैठना दूभर हो जाता है। स्पष्ट शब्दों में कहें तो यह बीमारी गर्दन के दुरुपयोग से पैदा होती है। इसीलिए सर्वाइकल स्पॉन्डिलाइटिस (Spondylitis Kya Hota Hai) की शिकायत उन लोगों को ज्यादा होती है, जो कुर्सी मेज और कंप्यूटर पर बैठकर लगातार कई घंटों तक काम करते हैं।
स्पॉन्डिलाइटिस क्या होता है

स्पॉन्डिलाइटिस होने का कारण
आफिस में कार्यरत लोगों को, अध्ययन अध्यापन से जुड़े लोगों को और ‘कंप्यूटर प्रोफेशनल्स’ आदि इस मर्ज के कहीं ज्यादा शिकार होते हैं। हालांकि यह रोग ढलती उम्र में भी हो सकता है, पर गलत ढंग व मुद्राओं में बैठने, लेटने और टेलीविजन देखने आदि से अब यह शिकायत युवाओं को भी होने लगी है।
स्पॉन्डिलाइटिस के लक्षण
- गर्दन में लगातार हल्का दर्द, जो खड़े होने पर बढ़ जाता है। गर्दन में होना।
- जकड़न-सी महसूस गर्दन घुमाने पर दर्द होना।
- दर्द कंधे, सिर के पीछे या कभी-कभी हाथ की ओर भी जा सकता है।
- हाथों की अंगुलियों में झनझनाहट महसूस होना।
- चिकित्सक के परामर्श के अनुरूप दवाओं का सेवन करें और मलहम लगाएं।
- पतला तकिया लगाएं और जहां तक हो सके हार्ड-बेड (तखत आदि) पर सोएं।
- गरम पानी की बोतल से गर्दन की सिकाई करें। गर्दन में ‘कॉलर’ पहनें।
सार्थक सुझाव
- मेज की जगह, डेस्क का इस्तेमाल करें, जो तिरछी होती है।
- ‘फुट रेस्ट’ यानी पैर के नीचे तिरछी आकृति वाले लकड़ी के गुटके रखें।
- आगे झुक कर न बैठें और शरीर को सीधा रखें।
- लेट कर न पढ़े और न ही इस मुद्रा में टेलीविजन देखें। टीवी सेट की स्थिति आँखों की सीध में होनी चाहिए।
- चिकित्सक के परमर्श से प्रतिदिन गर्दन से संबंधित व्यायाम करें।
- कंप्यूटर पर कार्य करते समय छोटी कंप्यूटर चेयर का इस्तेमाल करें। बड़ी कुर्सी (एग्जीक्यूटिव चेयर) का प्रयोग न करें।
सजगता बरतें
यदि समय रहते इस रोग की रोकथाम न हुई, तो आगे चलकर व्यक्ति को कई शिकायतें पकड़ सकती हैं। जैसे हाथ की पकड़ का कमजोर होते जाना।
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